व्हाट्सएप्प और अन्य सोशल मीडिया के जरिये सरकार द्वारा की गई कथित जासूसी के गिरफ्त में छत्तीसगढ़ और रायगढ़ के भी कई सामाजिक कार्यकर्ताओं के नाम सामने आने की खबर है।
बताया जाता है कि रायगढ़ निवासी व पीयूसीएल के अध्यक्ष डिग्री चौहान, सामाजिक कार्यकर्ता बेल भाटिया, सामाजिक मुद्दों पर आवाज उठाने वाली व पीयूसीएल के सचिव शालिनी गेरा का भी नाम सामने आ रहा है।
देश के करीब 15 लोगों के नाम अब तक सामने आए हैं जिनके साथ यह खेल खेला गया है। मानवाधिकार व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसके लिये सीधे सरकार को जिम्मेदार माना है, उनका कहना है कि जासूसी सॉफ्टवेयर जिसे इज़राइल ने ईजाद किया है के अनुसार यह जासूसी सॉफ्टवेयर सिर्फ सरकारों को दी जाती है। किसी संस्था को यह सॉफ्टवेयर नहीं दी जा सकती। हालांकि सरकार ने व्हाट्सएप्प द्वारा किसी की जासूसी किये जाने के आरोपों का खंडन किया है।यह बात तब सामने आई जब लोगों के पास व्हाट्सएप्प ने मैसेज भेजकर यह बताया कि आपके व्हाट्सएप्प को हैक किये जाने का प्रयास हो रहा है। इसके अलावा टोरेंटो से कॉल के द्वारा भी यूज़र्स को सचेत किया गया। यही नहीं व्हाट्सएप्प की ओर से अमेरिका के कैलिफ़ोर्निया के एक अदालत में इस जासूसी के खिलाफ केस भी दायर किया गया है।
पीयूसीएल के अध्यक्ष डिग्री चौहान ने कहा कि यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन है। हमें सरकार के गलत नीतियों के खिलाफ बोलने की आजादी है, यह आज़ादी हमें लोकतंत्र ने दी है ऐसे में सरकार की ओर से इस तरह की जासूसी दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हम चूंकि आदिवासियों और दलितों के लिए काम करते हैं इसलिए हमें टारगेट किया जा रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता बेला भाटिया और शालिनी गैरा के अलावा कुछ और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी कहा है कि उनके व्हाट्सएप्प पर ऐसे मैसेज आये हैं।