कोरोना वैक्सीन अनुसंधान परिणाम: COVID वैक्सीन पर हमले का कारण? सरकार के पक्ष से आया बड़ा बयान..

कोरोना वैक्सीन अनुसंधान परिणाम: COVID वैक्सीन पर हमले का कारण? सरकार के पक्ष से आया बड़ा बयान..

पिछले एक महीने में 20 से ज्यादा लोगों की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। इसके लिए कर्नाटक की सरकार ने कोरोना वैकसीन को जिम्मेदार ठहराया है, जिसके तहत कोरोना वैक्सीन को लेकर सोशल मीडिया पर गंदगी फैलाई गई थी, लेकिन आज देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि आईसीएमआर और एम्स की जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि कोरोना वैकसीन और कोरोना वैक्सीन में कोई संबंध नहीं है। कोरोना काल के बाद अचानक उठी मच्छरों को लेकर चली गई थी। रिसर्च में निष्कर्ष निकला कि अचानक हुई हड़ताली कोरोना वैक्सीन का टीका नहीं लगाया गया है, बल्कि मौत का प्रमुख कारण बीमारी और पुरानी बीमारी है।

नारियल में क्या और क्यों कचरा विवाद ?
बता दें कि मई-जून 2025 के बीच कर्नाटक के हसन जिले में दिल का दौरा पड़ने से 20 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। अचानक बढ़ी इन सब्जियों का कारण कोरोना वैक्सीन का साइड इफेक्ट बताया जा रहा है। इसलिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एक विशेषज्ञ समिति की जांच के लिए कोविड वैक्सीन के विघटन की जांच की। इस समिति का नेतृत्व जयदेव इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोवैस्कुलर साइंसेज एंड रिसर्च के निदेशक डॉ. केस भगवान नाथ करेंगे। जांच 10 दिन में पूरी सर्वे रिपोर्ट का ऑर्डर दिया गया है। कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने भी अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट लिखी, जिसमें उन्होंने कहा कि दुनिया में हुई रिसर्च में यह साबित हो गया है कि कोरोना वैक्सीन के प्रभाव हो रहे हैं। सुपरफास्ट में वैक्सीन को लॉन्च किया गया, जो अचानक हो रही महामारी का कारण हो सकता है। कर्नाटक के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 2 साल में हसन जिले में 507 हार्ट अटैक के मरीजों का रिकॉर्ड हुआ। इनमें से 190 लोगों की मौत हो गई।

कर्नाटक में कोरोना वायरस की स्थिति
कोरोना वैक्सीन अनुसंधान परिणाम सरकारी वेबसाइट से मिली जानकारी के अनुसार, कर्नाटक में कोरोना वैक्सीन की शुरुआत 16 जनवरी 2021 को हुई थी। सबसे पहले स्वास्थ्य सचिवालय और फ्रंटलाइन वर्कर्स की भर्ती की गई थी। इनमें से 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को दवा दी गई। फिर 18-44 आयु वर्ग के लोगों की सूची हुई। कोविशील्ड और को-वैक्सीन की खुराक लोगों को दी गई थी। सरकारी और निजी सरकारी और निजी स्वामित्व वाली मशीनरी केंद्र बनाए गए थे। कोविन पोर्टल (www.cowin.gov.in) के लिए कोविन-कर मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया गया था। कर्नाटक में कोरोना वैक्सीन का स्टॉक बेंगलुरु, बेलगावी, मसुरू, कलबुर्गी, दक्षिण कन्नड़, बगलकोट और चित्रदुर्ग में किया गया था।

Sunil Agrawal

Chief Editor - Pragya36garh.in, Mob. - 9425271222

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