हटाये गये छ़ाल के सबएरिया एम. के. चौधरीछ़ाल में करोड़ों के कोयला घोटाले का मामला

खरसिया।
गौरतलब है कि सब एरिया मैनेजर के संरक्षण में कुछ़ ट्रांसपोर्टर्स के द्वारा माईनस 100 की जगह स्टीम कोयला लोड़ कर खदान से निकाले जाने की खबर प्रकाषित होने के बाद आनन फानन में हरकत में आयी विजिलेंस की टीम ने छ़ाल में छ़ापेमार कार्यवाही की तो खबरो की सत्यता की पुष्टि हो गयी। बालाजी ट्रांसपोर्ट के लोड़र के द्वारा अपने ड़ियो जो कि माईनस 100 का था के स्थान पर अपनी गाड़ियों में स्टीम कोयला लोड़ करते पाया गया, विजिलेंस की टीम की इस छ़ापेमारी के बाद से ही सबएरिया मुकेश कुमार चौधरी पर कार्यवाही का शिकंजा कसने लगा था और वे अपने बचाव का रास्ता तैयार करने में जुटे थे लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुये सीएमड़ी बिलासपुर ने न केवल सबएरिया मुकेश कुमार चौधरी बल्कि डिस्पैच के नोड़ल अधिकारी व्यंकटेश दांड़ी का भी तबादला कर दिया है। यह कार्यवाही उस वक्त हुई जब छाल माइंस में रोजाना करोड़ों की हो रही कोयले की अफरा-तफरी की खबरों को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया, इसके बाद ही एसईसीएल प्रबंधन हरकत में आया और विजिलेंस टीम को मौके पर जांच के लिए भेजा जब विजिलेंस टीम ने खदान में छापामार कार्रवाई की तो खबरों की सत्यता प्रमाणित हुई और इस टीम को मौके पर 3 ट्रेलर और एक लोडर स्टीम कोयले की अफरातफरी करते हुए मिले जिन पर कार्यवाही की गई। वाहन चालकों से लिए गए बयान और तमाम सुसंगत तथ्यों के आधार पर यह साफ हो चुका था कि कहीं ना कहीं इस पूरे खेल में खदान प्रबंधन संलिप्त है लिहाजा एरिया मैनेजर की ओर से उच्चाधिकारियों से तालमेल बैठाने की लाख कोशिशों के बावजूद उन पर लगे दाग दाग धूल ना सके और उन्हें विश्रामपुर की टिकट पकड़ा दी गई।
लंबे समय से चल रहा था एसईसीएल को चूना लगाने का खेल
कोल माइंस में कोयले की ग्रेडिंग के नाम पर खेला जा रहा यह खेल विगत कई वर्षो से खेला जा रहा था और एसईसीएल को हर माह करोड़ो का चूना सबएरिया और ट्रांसपोर्टर की मिलीभगत से लगाया जा रहा था, लेकिन इस मामले में सिर्फ अधिकारी पर कार्यवाही कर अपने कर्तव्यो की इति श्री करने वाले अधिकारियों के द्वारा ड़ियो होल्ड़र और संबंधित ट्रांसपोर्टर के खिलाफ अभी तक कोई कार्यवाही नही की गयी जिससे साफ तौर पर प्रतीत होता है कि इस मामले में उच्च स्तर के अधिकारियों की भी संलिप्तता है और कोयले की रेवड़ी अंतिम छ़ोर तक बंट रही है।

कौन है आशीष पटेल, और कैसे खेला जाता है पूरा खेल
नाम न छ़ापने की बात पर क्षेत्र के एक व्यक्ति ने बताया कि विगत कई माह से माईनस 100 कोयले का ऑक्सन ही किया जा रहा था जो कि चूरा कोयला होता है, लेकिन आशीष पटेल नाम के व्यक्ति के माध्यम से प्रति टन 100 रू. की वसूली करके सब एरिया द्वारा माईनस 100 की जगह पर स्टीम कोयला लोड़ करवाया जाता था। यहां यह बताना भी लाजिमी होगा कि अफरा तफरी करने वाले ट्रांसपोर्टर के द्वारा खुद के लोड़र से स्टीम कोयला लोड़ कराया जा रहा था, जबकि नियमोें की माने तो एसईसीएल को खुद के लोडर से कोयला लोड़ करके देना होता है लेकिन नियम कायदों को दरकिनार करते हुये ट्रांसपोर्टर को खुद का लोड़र लगाकर काले हीरे की अफरा तफरी करने की मौन सहमति सबएरिया के द्वारा दे दी गयी थी। सूत्रों की मानें तो एैसे ट्रांसपोर्टर्स के द्वारा दूसरे ड़ियो होल्ड़र के ड़ियों में स्टीम कोयला लोड़ करने के नाम पर 60 रू. प्रतिटन की अवैध वसूली भी लंबे समय से की जा रही है। वहीं ड़ियो एलाउ कराने के साथ ही कोयले का यह काला खेल शुरू हो जाता है जहां कोयले की रेवड़ी कहीं 1 रू. टन तो 10 रू. टन तो कहीं 100 रू. टन के हिसाब से बंटती है, बहरहाल इस पूरे मामले की क्षेत्र भर में चर्चा और इंतजार है कि प्रबंधन क्या ट्रांसपोर्टर को काली सूची में ड़ालेगा, उसका ड़ियो जब्त करेगा या फिर अन्य कार्यवाही करेगा।
जीएम से नहीं हो सका संपर्क
इस पूरे मामले की जानकारी लेने के लिये एसईसीएल के जीएम संजय मिश्रा से संपर्क करने का प्रयास किया गया किंतु उनसे संपर्क नही हो सका।