कोरबा के पाली में, प्रति टन तीस से पचास रुपए की वसूली पर कब्जे को लेकर गहराया विवाद ?

कोरबा के पाली में, प्रति टन तीस से पचास रुपए की वसूली पर कब्जे को लेकर गहराया विवाद ?

कोरबा जिले के पाली इलाक़े में सरायपाली बुडबुड खदान में बीते छ महीने से चले आ रहे वर्चस्व के संघर्ष में एक गुट के युवक की हत्या कर दी गई। मृतक और हत्यारोपी समूह लिफ्टर/ट्रासंपोर्टर हैं, और खदान की लिफ्टिंग पर एकाधिकार चाहते थे। इस मामले में शुरु से सवालों के घेरे में रही कोरबा पुलिस ने हत्या होने के बाद एफ़आइआर दर्ज की है। आरोपियों में सुशासन सरकार के दल याने भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्ष, सब एरिया मैनेजर सहित सोलह लोग नामजद हैं। इस प्रकरण को लेकर कोरबा एसपी सिद्धार्थ तिवारी से दूरभाष पर संपर्क कर जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो उन्होंने इसी घटनाक्रम के जांच में व्यस्तता की बात कहते हुए फोन काट दिया।

प्रति टन पचास रुपए का क़िस्सा



कोयला खदानों में लोडिंग प्वाइंट होता है। यहां ट्रांसपोर्टर बेहतर कोयला और जल्दी लोडिंग कराने के लिए लिफ्टर तय करते हैं। कहीं कहीं पर लिफ्टर खुद ट्रांसपोर्टर भी होते हैं। विवाद या कि प्रतिस्पर्धा तब होती है जब एक लोडिंग प्वाइंट पर अलग अलग लिफ्टर तैनात हो जाते हैं। चर्चाएँ हैं कि, इसी लोडिंग प्वाइंट पर प्रति टन तीस रुपए से पचास रुपए तक की वसूली होती है, जो कि ट्रांसपोर्टर अदा करता है। जनचर्चा है कि इस सुविधा शुल्क का वितरण आदर्श सहकारिता की तरह होता है और इस सुविधा शुल्क का हिस्सा हर उस जवाबदेह व्यक्ति/तंत्र तक जाता है, जिसकी जवाबदेही है कि, कोई अवैध वसुली ना हो, गैंगस्टर ना पनपे, समाज भयमुक्त हो। इस का शेयर उस वर्ग तक भी जाता है जिसे “नेता नगरी” कहा जाता है। हिस्सा उस वर्ग तक भी पूरी गरिमा से पहुंचता है जिसकी जवाबदेही है कि, यदि ऐसा संगठित भ्रष्टाचार या कि संगठित अपराध हो रहा है तो उसे प्रसारित प्रचारित करें। नाम जाहिर ना करने की शर्त पर दावा किया गया है कि भ्रष्टाचार और दबंगई की राशि का बंटवारा सहकारिता के आदर्श मानक को सुनिश्चित करते हुए गोपनीयता के उच्च स्तर को बनाए रखते हुए होता है कि, सभी लाभार्थी मौन रहते हैं। सूत्र कहते हैं कि, जब तक इस सुविधा शुल्क का भुगतान नहीं होता तब तक कोयले से भरी ट्रक लोडिंग प्वाइंट से बाहर गंतव्य के लिए नहीं जा सकती।

घटनाक्रम क्या है

पाली के बुडबुड खदान में लोडिंग प्वाइंट है। इस लोडिंग प्वाइंट में लिफ्टर/ट्रांसपोर्टर के रूप में दो गुटों के बीच वर्चस्व को लेकर विवाद चल रहा था। एक गुट अनिल जायसवाल का है तो एक दूसरा गुट रोशन सिंह का है। सूत्र बताते हैं कि, वर्चस्व की लड़ाई का मामला उसी पचास रुपए टन की अवैध वसूली पर एकाधिकार से जुड़ा है। इस मामले में दर्ज एफआईआर को पढ़ने से अंदाज लगता है कि 28 मार्च को रात करीब साढ़े दस बजे विवाद तब गहरा गया जबकि रोशन सिंह गुट ने लोडिंग प्वाइंट में घुसने की कोशिश की और अनिल जायसवाल के चचेरे भाई अनूप ऊर्फ रोहित ने रोका और प्रतिरोध किया। यह प्रतिरोध हिंसक संघर्ष में बदल गया और रोशन सिंह गुट ने लामबंद होकर अनूप पर हमला किया और उसकी खदान में ही हत्या कर दी। एफ़आइआर में जिन लोगों के नाम रोशन सिंह गुट के हमलावरों के रूप में दर्ज हैं उनमें सब एरिया मैनेजर सुरेंद्र सिंह चौहान का नाम भी शामिल है।

काबिल ईमानदार कोरबा पुलिस की सजग कार्यवाही

कोरबा के स्थानीय मीडिया साथियों ने बताया है कि, छ महीने से लगातार हो रहे टकराव के बाद जबकि हत्या हो गई, बेहद सक्रिय बेहद काबिल और ईमानदारी के क्षेत्र में राज्य में अनुकरणीय स्थान रखने वाली कोरबा पुलिस सक्रिय हुई। रात साढ़े दस बजे की इस घटना की एफआईआर अभूतपूर्व तेजी के साथ सुबह तीन बजे तक दर्ज कर ली गई। मामले में आरोपी के रुप में दर्ज आठ आरोपियों ने कोरबा पुलिस की कार्यशैली को देखते हुए तत्काल सरेंडर कर दिया जबकि बीजेपी के पाली मंडल अध्यक्ष रोशन सिंह ठाकुर, उनके भाई तथा भांजे को कोरबा पुलिस ने आठों दिशाओं से घेरा और जिले की सीमा पार करने के पहले छलांग मार कर बेहद साहसिक तरीके से पकड़ने में अद्वितीय अभूतपूर्व सफलता पाई। खबरें इस आशय कि भी हैं कि पाली थाना प्रभारी विनोद सिंह को लाइन अटैच कर दिया गया है।

एसपी साहब जांच में व्यस्त

इस घटनाक्रम को लेकर पुलिस कप्तान सिद्धार्थ तिवारी से विस्तृत और तथ्यात्मक जानकारी लेने हेतु संपर्क किया गया। दूरभाष पर उन्होंने बताया कि, वे इसी घटनाक्रम में व्यस्त हैं। चूंकि एसपी सिद्धार्थ तिवारी फिलहाल व्यस्त हैं तो प्रति टन तीस रुपये से पचास रुपये वसूली जैसी चर्चा की पुष्टि या खंडन नहीं मिल पाया, साथ ही यह भी स्पष्ट नहीं हुआ कि, जब विवाद छ महीने से हो रहा था तो विवाद के गंभीर रुप लेने से रोकने के लिए जो ठोस कार्यवाहियाँ की गई आखिर उनका ब्यौरा क्या है। जब भी उनसे संवाद होगा इस मसले पर उनके द्वारा दी गई जानकारी को अक्षरशः प्रकाशित किया जाएगा।

स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है

खबर लिखे जाने तक यह सूचना है कि, मृतक के परिजनों ने सभी आरोपियों के पकड़ाए जाने तक अंतिम संस्कार से इंकार कर दिया है। मृतक रोहित के भाई अनिल जायसवाल ने हत्या के इस मामले में पाली थानेदार की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं। पाली में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। मृतक रोहित के भाई अनिल जायसवाल का मीडिया को दिया बयान वायरल हो रहा है, जिसमें वे यह कहते हुए दिखाई दे रहे हैं-“यह हत्या टीआई विनोद सिंह की मौजूदगी और उसकी शह पर हुई। उसकी गिरफ़्तारी होनी चाहिए। इस आग में कोरबा भी जलेगा।”

Sunil Agrawal

Chief Editor - Pragya36garh.in, Mob. - 9425271222

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