किसानों के मोबाईल नंबर तक फर्जी, अपेक्स बैंक में आरबीआई के नियम फेल

अपेक्स बैंक ने रायगढ़ और सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में गड़बड़ी के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। बरमकेला ब्रांच में तो रोज नए खुलासे हो रहे हैं। पूर्व ब्रांच मैनेजर डीआर वाघमारे और उनके मातहतों ने जो कमाल किए हैं, उससे आरबीआई की गाइडलाइन भी तार-तार हो गई है। सामान्यत: बैंक खातों से आधार नंबर, पैन नंबर और मोबाइल नंबर लिंक होने हैं। बरमकेला ब्रांच में सैकड़ों किसानों के मोबाइन नंबर ही फर्जी हैं। अपेक्स बैंक बरमकेला ब्रांच में सोसायटी के ऋण लिमिट से कई गुना ज्यादा फर्जी ऋण निकालकर गबन कर लिया गया है। यह रकम करीब 14 करोड़ है। प्रारंभ में पता चला कि करीब 4 करोड़ का गबन हुआ है, लेकिन यह आंकड़ा 15 करोड़ से अधिक है।
छह समितियों बड़े नावापारा, बोंदा, लोधिया, साल्हेओना, पंचधार और कंठीपाली में ब्याज अनुदान के अनुसार कुल 1.97 करोड़ का लोन स्वीकृत था। समिति के अल्पकालीन ऋण खाते से 15.63 करोड़ रुपए निकाल लिए गए। मतलब कुल 13.67 करोड़ रुपए का फर्जी आहरण कर लिया गया। अब जानकारी मिली है कि किसानों के मोबाइल नंबर की जगह फर्जी नंबर डाल दिया गया। पहले ऋण की राशि किसानों के एकाउंट में डाली गई, अगले ही दिन इस राशि को निकाल लिया गया। किसान को लगा कि बैंक से गलती से राशि डाल दी गई होगी जिसे वापस लिया गया है। यह राशि अब समिति का किसान पर लोन के रूप में दिख रही है। कई किसानों के नंबर ही गलत डाले गए हैं। लोन एकाउंट में राशि डालने के बजाय फर्टिलाइजर एकाउंट में भी डाले गए।
दो अधिकारियों के हाथों में बागडोर
अपेक्स बैंक मुख्यालय में एमडी केएन कांडे और भूपेश चंद्रवंशी की जानकारी में गबन किया गया। इसके बाद जांच शुरू हुई तो गबन का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। रायगढ़ के नोडल पंकज सोढ़ी और सारंगढ़ ब्रांच मैनेजर संजय साहू को भी इसकी जानकारी थी। पहले एबीआर इंफ्रा और अब सीडीओ सिक्योरिटीज के प्राइवेट कर्मचारियों के भरोसे चल रहे दोनों जिले वित्तीय अनियमितताओं का गढ़ बन चुके हैं।