साइबर अपराध को गंभीर मानकर करें तुरंत केस दर्ज : एसएसपी

साइबर अपराध के बढ़ते मामलों को लेकर पुलिस कर्मियों के लिए आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में एसएसपी अजय यादव ने कहा कि साइबर अपराध को गंभीर अपराध मानकर तत्काल एफआइआर दर्ज करनी चाहिए। आज के बदलते दौर में साइबर अपराध के बढ़ते मामले चिंताजनक हैं। शहर का दायरा और आर्गनाइजेशन बढ़ने से अपराध की प्रवृत्ति भी बढ़ रही है। धीरे-धीरे साइबर ठगी के केस भी बढ़ रहे हैं। साइबर ठगी ऐसा विषय है जिससे व्यक्ति को पता नहीं होता कि वह ठगा जा रहा है। यह भी पता नहीं होता कि कौन ठगी कर रहा है। पुलिस के लिए यही सबसे बड़ी चुनौती है कि केवल ठग का मोबाइल नंबर पता होता है। साइबर अपराध की प्रवृत्ति सरल से कठिन होती जा रही है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए ही कार्यशाला का आयोजन किया गया है, ताकि इसके जरिए हवलदार, एएसआइ, सब इंस्पेक्टरों,इंस्पेक्टरों को साइबर फ्राड के बारे में पता हो।

एएसपी यातायात कार्यालय के कांफ्रेंस हाल में गुरुवार को कार्यशाला हुई। इसमें दिल्ली के साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ रक्षित टंडन ने आनलाइन जानकारी दी और मुंबई से साइबर अपराध जांचकर्ता व ट्रेनर गोविंद राय व साइबर विशेषज्ञ सुश्री गोपिता बघेल ने मौजूद रहकर जिले भर से आए पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों को साइबर अपराध की रोकथाम और विवेचना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने इंटरनेट मीडिया के विभिन्ना प्लेटफार्म फेसबुक, वाट्सएप, ट्विटर एवं अन्य एप के उपयोग, आनलाइन वायलेट पे टीएम, भीम, गूगल पे आदि के उपयोग एवं फ्राड काल से बचने के सुझाव दिए। साथ ही सीडीआर, आईपीडीआर, एनालिसिस सहित अन्य वेब साइट के संबंध में कई महत्वपूर्ण जानकारियां टिप्स दी। वाट्सएप, टेलीग्राम एप्स, व्हीओआईपी कॉल एवं एसएमएस को ट्रैक करने के सुझाव भी दिए। इस मौके पर बैंकों के मैनेजरों से सहयोग मिलने पर उन्हें सम्मानित किया गया।
कार्यशाला में एएसपी सिटी लखन पटले, एएसपी क्राइम अभिषेक माहेश्वरी, एएसपी यातायात बीआर मंडावी, सीएसपी सिविल लाइन नसर सिद्धकी, प्रभारी साइबर सेल रमाकांत साहू, सायबर सेल की टीम, शहर के सभी थाना प्रभारी, दो-दो विवेचक, भारतीय स्टेट बैंक, यूनियन बैंक आफ इंडिया के ब्रांच मैनेजर शामिल थे। रायपुर पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि किसी भी वेबसाइट की सत्यता परखें बिना उसका उपयोग न करें। किसी भी कंपनी या अन्य संस्थानों के कस्टमर केयर नंबर गूगल साइट में सर्च कर न निकालें। उस कंपनी, संस्थान के कार्यालयीन वेब साइट में दिए गए नंबर का ही उपयोग करें। किसी भी कस्टमर केयर संस्था का नंबर 1800 से ही प्रारंभ होता है।