जाने कोरोना के चरण को, अभी कौन से चरण पे है भारत…

जाने कोरोना के चरण को, अभी कौन से चरण पे है भारत…

कोरोना के विषय मे जानकारी, सावधानी, उपाय….

खरसिया। सुनील अग्रवाल। नोवल कोरोना वायरस (कोविड19) एक वैश्विक महामारी का रूप ले चुका है। कोविड19 के सन्दर्भ में सोशल मीडिया पे कई जानकारियां शेयर की जा रही है, जिनमे से ज्यादातर अफवाह है और कोई भी व्यक्ति पूरी तरह से इस महामारी से सही तरह से अवगत नही हो पा रहा है। इस बीमारी के बारे में कुछ जानकारियां जैसे कि बीमारी का चरण क्या है, लॉक डाउन क्या है, अभी हम कौन से चरण में हैं, और स्वस्थ व्यक्ति को भी सरकार सेल्फ आइसोलेशन में रहने को क्यों कह रही है, ऐसे सवालों के जवाब हम एक उदाहरण से सरल शब्दों में जानने का प्रयास करेंगे👇👇

स्टेज -1 विदेश से राहुल अपने घर आया, एयरपोर्ट पर उसको बुखार नहीं था। उसको घर जाने दिया गया। पर उससे एयरपोर्ट पर एक शपथ पत्र भरवाया गया कि वह 14 दिन तक अपने घर में कैद रहेगा और बुखार आदि आने पर इस नम्बर पर सम्पर्क करेगा।
घर जाकर उसने शपथ पत्र की शर्तों का पालन किया, वह घर में कैद रहा, यहां तक कि उसने अपने घर के सदस्यों से भी दूरी बनाए रखी।

राहुल की मम्मी ने कहा कि अरे तुझे कुछ नहीं हुआ। अलग थलग मत रह। इतने दिन बाद घर का खाना मिलेगा तुझे, आजा किचिन में… मैं गरम गरम् परोस दूं।

राहुल ने मना कर दिया।

अगली सुबह मम्मी ने फिर वही बात कही। इस बार राहुल को गुस्सा आ गया, उसने मम्मी को चिल्ला दिया। मम्मी की आंख में आंसू झलक आये। मम्मी बुरा मान गयीं।

6-7वें दिन राहुल को बुखार सर्दी खांसी जैसे लक्षण आने लगे। राहुल ने हेल्पलाइन पर फोन लगाया। कोरोना टेस्ट किया गया। वह पॉजिटिव निकला।
उसके घर वालों का भी टेस्ट किया गया। वह सभी नेगेटिव निकले।
पड़ोस की 1 किलो मीटर की परिधि में सबसे पूछताछ की गई। ऐसे सब लोगों का टेस्ट भी किया गया। सबने कहा कि राहुल को किसी ने घर से बाहर निकलते नही देखा।
चूंकि उसने अपने आप को अच्छे से आइसोलेट किया था इसीलिए उसने किसी और को कोरोना नहीं फैलाया।
राहुल जवान था, कोरोना के लक्षण बहुत मामूली थे। बस बुखार सर्दी खांसी बदन दर्द आदि हुआ। 7 दिन के ट्रीटमेंट के बाद वह बिल्कुल ठीक होकर अस्पताल से छुट्टी पाकर घर आ गया।

राहुल ने सबसे अलग थलग रहना चालू रखा।

जो मम्मी कल बुरा मान गईं थीं, वो आज शुक्र मना रहीं हैं कि घर भर को कोरोना नहीं हुआ।


स्टेज 2- राजू में कोरोना पॉजिटिव निकला।
उससे उसकी पिछले दिनों की सारी जानकारी पूछी गई। उस जानकारी से पता चला कि वह विदेश नहीं गया था। पर वह एक ऐसे व्यक्ति के सम्पर्क में आया है जो हाल ही में विदेश होकर आया है। वह परसों सामान खरीदने के लिए एक दुकान पर गया था। वहां के सेठजी हाल ही में विदेश घूमकर लौटे थे।

सेठजी विदेश से घूमकर आये थे।उनको एयरपोर्ट पर बुखार नहीं था। इसी कारण उनको घर जाने दिया गया। पर उनसे शपथ पत्र भरवा लिया गया, कि वह अगले 14 दिन एकदम अकेले रहेंगे और घर से बाहर नहीं निकलेंगे। घर वालों से भी दूर रहेंगे।
विदेश से आये इस सेठ ने एयरपोर्ट पर भरे गए उस शपथ पत्र की धज्जियां उड़ाईं।
घर में वह सबसे मिला।
शाम को अपनी पसंदीदा सब्जी खाई।
और अगले दिन अपनी दुकान पर जा बैठा।

6 वें दिन सेठ को बुखार आया। उसके घर वालों को भी बुखार आया। घर वालों में बूढ़ी मां भी थी।
सबकी जांच हुई। जांच में सब पॉजिटिव निकले।

यानि विदेश से आया आदमी खुद पॉजिटिव।
फिर उसने घर वालों को भी पॉजिटिव कर दिया।

इसके अलावा वह दुकान में 450 लोगों के सम्पर्क में आया। जैसे नौकर चाकर, ग्राहक आदि।
उनमें से एक ग्राहक राजू था।

सब 450 लोगों का चेकअप हो रहा है। अगर उनमें किसी में पॉजिटिव आया तो भी यह सेकंड स्टेज है।

डर यह है कि इन 450 में से हर आदमी न जाने कहाँ कहाँ गया होगा।

कुल मिलाकर स्टेज 2 यानी कि जिस आदमी में कोरोना पोजिटिव आया है, वह विदेश नहीं गया था। पर वह एक ऐसे व्यक्ति के सम्पर्क में आया है जो हाल ही में विदेश होकर आया है।


स्टेज 3

रामसिंग को सर्दी खांसी बुखार की वजह से अस्पताल में भर्ती किया, वहां उसका कोरोना पॉजिटिव आया।
पर रामसिंग न तो कभी विदेश गया था।
न ही वह किसी ऐसे व्यक्ति के सम्पर्क में आया है जो हाल ही में विदेश होकर आया है।

यानि हमें अब वह स्रोत नहीं पता कि रामसिंग को कोरोना आखिर लगा कहाँ से??

स्टेज 1 में आदमी खुद विदेश से आया था।

स्टेज 2 में पता था कि स्रोत सेठजी हैं। हमने सेठजी और उनके सम्पर्क में आये हर आदमी का टेस्ट किया और उनको 14 दिन के लिए अलग थलग कर दिया।

स्टेज 3 में आपको स्रोत ही नहीं पता।

स्रोत नहीं पता तो हम स्रोत को पकड़ नहीं सकते। उसको अलग थलग नहीं कर सकते।
वह स्रोत न जाने कहाँ होगा और अनजाने में ही कितने सारे लोगों को इन्फेक्ट कर देगा।

स्टेज 3 बनेगी कैसे?

सेठजी जिन 450 लोगों के सम्पर्क में आये। जैसे ही सेठजी के पॉजिटिव होने की खबर फैली, तो उनके सभी ग्राहक,नौकर नौकरानी, घर के पड़ोसी, दुकान के पड़ोसी, दूध वाला, बर्तन वाली, चाय वाला….सब अस्पताल को दौड़े।
सब लोग कुल मिलाकर 440 थे।
10 लोग अभी भी नहीं मिले।
पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की टीम उनको ढूंढ रही है।
उन 10 में से अगर कोई किसी मंदिर आदि में घुस गया तब तो यह वायरस खूब फैलेगा।
यही स्टेज 3 है जहां आपको स्रोत नहीं पता।

स्टेज 3 का उपाय
14 दिन का lockdown
कर्फ्यू लगा दो।
शहर को 14 दिन एकदम तालाबंदी कर दो।
किसी को बाहर न निकलने दो।

इस तालाबंदी से क्या होगा??

हर आदमी घर में बंद है।
जो आदमी किसी संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में नहीं आया है तो वह सुरक्षित है।
जो अज्ञात स्रोत है, वह भी अपने घर में बंद है। जब वह बीमार पड़ेगा, तो वह अस्पताल में पहुंचेगा। और हमें पता चल जाएगा कि अज्ञात स्रोत यही है।

हो सकता है कि इस अज्ञात स्त्रोत ने अपने घर के 4 लोग और संक्रमित कर दिए हैं, पर बाकी का पूरा शहर बच गया।

अगर LOCKDOWN न होता तो वह स्रोत पकड़ में नहीं आता और वह ऐसे हजारों लोगों में कोरोना फैला देता फिर यह हजार अज्ञात लोग लाखों में इसको फैला देते, इसीलिए lockdown से पूरा शहर बच गया और अज्ञात स्रोत पकड़ में आ गया।

क्या करें कि स्टेज 2, स्टेज 3 में न बदले।
Early lockdown यानी स्टेज 3 आने से पहले ही तालाबन्दी कर दो।
यह lockdown 14 दिन से कम का होगा।

उदाहरण के लिए
सेठजी एयरपोर्ट से निकले
उनने धज्जियां उड़ाईं।
घर भर को कोरोना दे दिया।
सुबह उठकर दुकान खोलने गए।

पर चूंकि तालाबंदी है।
तो पुलिस वाले सेठजी की तरफ डंडा लेकर दौड़े।
डंडा देख सेठजी शटर लगाकर भागे।

अब चूंकि मार्किट बन्द है।
तो 450 ग्राहक भी नहीं आये।
सभी बच गए।
राजू भी बच गया।
बस सेठजी के परिवार को कोरोना हुआ।
6वें 7वें दिन तक कोरोना के लक्षण आ जाते हैं। विदेश से लौटे लोगों में लक्षण आ जाये तो उनको अस्पताल पहुंचा दिया जायेगा, नहीं आये तो इसका मतलब वो कोरोना नेगेटिव है इसीलिए पूरे शहर को लॉक डाउन किया जा रहा है कि अगर वहां कोई संक्रमित है और उसे खुद को जानकारी नहीं है तो वह किसी और को संक्रमित न कर सके।

एक अपील आप सभी से….

प्रज्ञा छत्तीसगढ़ परिवार की आप सभी से अपील है कि जनता कर्फ्यू आप सभी के लिए है आप सभी के फायदे के लिए है इसलिए अगर आपको लगता है कि आप मे कोरोना के लक्षण नहीं है ना ही आप किसी ऐसे व्यक्ति के सम्पर्क में आये है जो विदेश यात्रा से लौट कर आया है तो भी आप अपने घर मे ही रहिये, जनता कर्फ्यू लगाने की मंशा यही है कि हर नागरिक खुद अपने आप को होम आइसोलेट कर ले जिससे कि इस महामारी की रोकथाम की जा सके।

यह बात विशेष रूप से ध्यान रखी जानी चाहिए कि अभी तक इस बीमारी की रोकथाम के लिए कोई वैक्सीन, दवा का निर्माण नही हो सका है, कई देशों के द्वारा इस सम्बंध में प्रयास किये जा रहे है इसलिए फिलहाल इस बीमारी से बचाव के लिए सरकार द्वारा जारी निर्देशो का कड़ाई से पालन करें और खुद को, अपने घरवालों को और अपने परिचितों को इस महामारी से बचायें।

Sunil Agrawal

Chief Editor - Pragya36garh.in, Mob. - 9425271222

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *