अब कलेक्टर देंगे 7500 वर्गफुट कब्जे वाली भूमि का पट्टा,छत्तीसगढ़ में 30 वर्षीय पट्टा देने के नियम में हुआ संसोधन….

अब कलेक्टर देंगे 7500 वर्गफुट कब्जे वाली भूमि का पट्टा,छत्तीसगढ़ में 30 वर्षीय पट्टा देने के नियम में हुआ संसोधन….
रायपुर। छत्तीसगढ़
रकार के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ राजस्व पुस्तक परिपत्र के खण्ड-4 (1) एवं 4(2) में उल्लेखित प्रावधानों में आंशिक संशोधन किया है। संशोधन में नगरीय क्षेत्रों में अतिक्रमित शासकीय भूमि के व्यवस्थापन और वार्षिक भू-भाटक निर्धारण/वसूली के संबंध में निर्देश जारी किया गया है। जिले में शासकीय भूमि का आबंटन व नियमितीकरण के 3 हजार 240 प्रकरण संभावित है। जिसका कुल रकबा 136.46 हेक्टेयर एवं बाजार मूल्य लगभग 99.66 करोड़ है। जारी संशोधन के अनुसार केन्द्र व राज्य सरकार के विभागों, निगम, मण्डल, आयोग को भू आंबटन का अधिकार कलेक्टर को होगा। इसके अलावा साढ़े सात हजार वर्गफुट तक 30 वर्षीय पट्टा आबंटन तथा अतिक्रमित शासकीय भूमि के व्यवस्थापन भी कलेक्टर कर सकेगें। साढ़े सात हजार वर्गफुट से अधिक भूमि का पट्टा देने या व्यवस्थापन का अधिकार राज्य सरकार को होगा। अन्य परिस्थितियों में भी व्यवस्थापन एवं पट्टे का अधिकार राज्य सरकार को होगा। लोकबाधा, स्वास्थ्य सुरक्षा, लोक प्रयोजन, पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से सुरक्षित रखने की आवश्यकता न होने पर पट्टा आंबटन अथवा व्यवस्थापन किया जा सकेगा। इसके अलावा नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा अधिसूचित विकास प्रयोजन के अनुरूप होने पर ही व्यवस्थापन अथवा पट्टा आंबटन की जा सकेगी। राज्य शासन के क्षेत्राधिकार के मामले में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री की अध्यक्षता में गठित अंतर्विभागीय समिति की अनुशंसा पर यह आदेश राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी किया जाएगा। आंबटन अथवा पट्टा आबंटन में नोइयत में परिवर्तन की आवश्यकता होने पर छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 के प्रावधान के अनुसार नोइयत में परिवर्तन पहले किया जाएगा। भूमि आबंटन एवं व्यवस्थापन के समय प्रब्याजी एवं वार्षिक भू-भाटक के निर्धारण के संबंध में भी निर्देश जारी किया गया है। जारी निर्देश के अनुसार अतिक्रमित शासकीय भूमि के व्यवस्थापन के समय प्रचलित गाइड लाइन की 150 प्रतिशत प्रब्याजी की गणना की जाएगी। इसी प्रकार नगरीय क्षेत्रों में व्यवसायिक प्रयोजन के भूखण्ड आंबटन प्रचलित गाइड लाइन की दर से 25 प्रतिशत किया जाएगा। व्यवसायिक भू आंबटन में दो से अधिक आवेदन मिलने पर नीलामी के माध्यम से अधिक बोली वाली संस्था या व्यक्ति को आबंटित होगा। अन्य परिस्थितियों में राजस्व पुस्तक परिपत्र के खण्ड-4 (1) एवं 4(2) के प्रचलित प्रावधानों के अनुसार किया जाएगा। भूमि स्वामी और पट्टेदार द्वारा निर्धारित 15 वर्ष का भू-भाटक एक मुश्त जमा करता है तो, उसे 15 वर्ष (16 वें वर्ष से 30वें वर्ष तक) तक के भू-भाटक में छूट दी जाएगी। निर्देश के अनुसार 20 अगस्त 2017 के पूर्व अतिक्रमित शासकीय भूमि का व्यवस्थापन कलेक्टर द्वारा किया जा सकेगा। इसके लिए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है। इसमे नगर तथा ग्राम निवेश के सहायक संचालक एवं नगरीय निकाय के अधिकारी का सदस्य बनाया गया है।

Sunil Agrawal

Chief Editor - Pragya36garh.in, Mob. - 9425271222

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