विभागों को कहा, रॉयल्टी के बजाय काटें बाजार मूल्य…

रॉयल्टी क्लीयरेंस की प्रक्रिया में हर विभाग से हो रही गड़बड़ी, सही करने पत्र…
रायगढ़। खनिज विभाग के अधिकार क्षेत्र में दखल देकर कुछ विभाग जमकर गड़बड़ी कर रहे हैं। ठेकेदारों के हाथों में खेलने वाले अफसर नियम विरुद्ध काम करने से भी नहीं हिचक रहे हैं। खनिज विभाग ने अब ऐसे करीब दर्जन भर कार्यालयों को पत्र लिखकर रॉयल्टी क्लीयरेंस की प्रक्रिया का पालन करने का आदेश दिया है।
शासकीय निर्माण कार्यों में मटेरियल का पेमेंट ठेकेदार को तभी होता है जब वह खनिज विभाग से उपयोग की गई मात्रा का रॉयल्टी क्लीयरेंस सर्टिफिकेट जमा करता है। इसे पाने के लिए गौण खनिज की टीपी होनी चाहिए। अगर कोई ठेकेदार क्लीयरेंस सर्टिफिकेट नहीं देता तो विभाग को अलग कार्रवाई करनी है। अभी सरकारी विभाग रॉयल्टी काटकर ठेकेदार को भुगतान कर रहे हैं, जो गलत है। इस मामले में खनिज अधिकारी योगेंद्र सिंह ने निर्माण विभागों को पत्र लिखकर नियमों का पालन करने को कहा है। पत्र में उन्होंने कहा है कि क्लीयरेंस सर्टिफिकेट प्रस्तुत न कर पाने पर ठेकेदार के कुल भुगतान में से गौण खनिज के बाजार मूल्य के बराबर राशि काटकर रखी जानी है। जबकि विभाग रॉयल्टी काट रहे हैं, जिसका उन्हें अधिकार ही नहीं है। अवैध खनिजों का उपयोग रोकने के लिए ही प्रकाशित अधिसूचना में प्रावधान किए गए हैं। अब खनिज अधिकारी ने सभी विभागों को इस एक्ट का पालन करने का आदेश दिया है। अन्यथा ऐसी राशि खनिज विभाग स्वीकार नहीं करेगा। साथ ही विभाग पर कार्रवाई भी हो सकती है।
इसीलिए लौटाई फाइल
खनिज अधिकारी योगेंद्र सिंह ने हाउसिंग बोर्ड ईई द्वारा भेजी गई रॉयल्टी कराीब 21 लाख रुपए को फाइल सहित वापस कर दिया है। ब्लॉक मुख्यालयों में सरकारी आवास बनाने का ठेका मोहन पोद्दार को दिया गया था। गिट्टी 6580.84 घन मीटर और रेत 25198.62 घन मीटर उपयोग की गई। हाउसिंग बोर्ड ईई एसके शर्मा ने दोनों खनिजों की रॉयल्टी काटकर ठेकेदार को भुगतान कर दिया है। अब खनिज विभाग ने इसे गलत बताते हुए फाइल वापस कर दी है। साथ ही बाजार मूल्य वसूल कर जमा करने को भी कहा है।