रायगढ़ के ट्रांसपोर्टर और गोदावरी का ठेका, इसमें मिला है राजनीति का तड़का, खुलकर हो रहा 2 नंबर का धंधा

रायगढ़ के ट्रांसपोर्टर और गोदावरी का ठेका, इसमें मिला है राजनीति का तड़का, खुलकर हो रहा 2 नंबर का धंधा

एनटीपीसी के अधिकारी और सरकार के कुछ सपूत , सपोलों से करवा रहे करोड़ों के कोयले की हेरा फेरीअधिकारियों और ठेकेदार पर मिलीभगत कर कोयले में चार कोल और मिट्टी मिक्सिंग का आरोपसरकारी साइडिंग छोड़ प्राइवेट साइडिंग पर आ रही कोयले की रेक

रायगढ़। सरकार और प्रशासन के नाक के नीचे यह कोल तस्कर अपने मंसूबों पर कैसे कामयाब हो सकते हैं। यह तभी संभव है जब पूरा तंत्र इनकी सांठगांठ का हिस्सा हो और रायगढ़ में तो कुछ ऐसा ही हो रहा है। यहां सरकार के नुमाइंदों की बात करें या प्रशासन के अधिकारियों की सब एक से बढ़कर एक करामाती हैं । और तो और महारत्न कंपनी जिसका नाम और गुणगान पूरे देश भर में है, जिसका नाम एनटीपीसी है, उसके अधिकारी भी इस मिलीभगत का हिस्सा बन रहे हैं और ठेकेदार की ओर से करोड़ों की कोयला अफरातफरी के गुनाहगार एक दो नहीं बल्कि पूरा का पूरा सिस्टम है । अब इस गड़बड़ी को पकड़े तो पकड़े कौन, जब रेवड़ी ऊपर से लेकर नीचे तक बंट रही हो तो फिर सरकार की कंपनी को चूना लगे तो लगे, इससे किसी का कोई व्यक्तिगत नुकसान तो हो नहीं रहा है। सरकार की कंपनी है घाटा लगेगा तो लगता रहे । वैसे भी छत्तीसगढ़ सरकार को केंद्र सरकार से ज्यादा लेना देना नहीं है ऐसे में यहां की कोई जांच एजेंसी भी इतने करोड़ों के घोटालों को पकड़ने से रही बात रही सेंट्रल की तो सीबीआई को तो इस प्रदेश में घुसने की इजाजत भी नहीं है। फिर यहां जितने भी महारत्न हैं मसलन ठेकेदार ट्रांसपोर्टर और अधिकारी कर्मचारी वे सभी भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हुए हैं और भ्रष्टाचार की जो रेवड़ी यह बना रहे हैं उसमें इतनी ताकत है कि सब कुछ खुली आंखों से दिखाई देने के बावजूद कहीं कोई रोक टोक नहीं है।देश की महारत्न कंपनी एनटीपीसी के लारा एनटीपीसी के अधिकारियों पर मिलीभगत कर कोयले में अफरा-तफरी करने का आरोप लगा है। बताया जा रहा है कि स्टेशन के पास चार कोल डम्पिंग स्थल से इस मिक्सिंग के कारनामें को अंजाम दिया जा रहा है। यहां तक कि सरकारी कोल साइडिंग होने के बाद भी लारा एनटीपीसी के अधिकारियों ने देखा कि यहां से मिक्सिंग की बात उजागर हो रही है और शिकायत सामने आ गयी है तो आनन फानन में सरकारी साइडिंग की जगह प्राइवेट साइडिंग में रेक लाया जाने लगा। जिसमें निजी रेलवे साइडिंग को फायदा पहुंचाने के लिए सरकारी रेलवे साइडिंग पर रेक मंगवाना बंद कर दिया गया है। ताकि निजी रेलवे साइडिंग से एनटीपीसी लारा के लिए आये उच्चगुणवत्ता के कोयला की अफरा-तफरी की जा सके। बताया जा रहा है कि यह गोरखधंधा राजनैतिक रसूखदारों व एनटीपीसी के अधिकारियों के सरंक्षण में फल-फूल रहा है।

यह भी बताया जा रहा है कि लारा स्थित एनटीपीसी के लिए भूपदेवपुर सरकारी रेलवे साइडिंग से कोल परिवहन का ठेका कोलकाता की गोदावरी कंपनी को मिला है। परिवहन ठेका होने के बाद भूपदेवपुर रेलवे साइडिंग पर एनटीपीसी की लगभग ११ रेक आयी और ठेकेदार के ईशारे पर साइडिंग पर रेक खाली होती रही। जिसके बाद ट्रेलरों में कोयला लोडकर साइडिंग से करीब १० किलोमीटर दूर काटा कराने के बाद उसे लारा एनटीपीसी ले जाया गया। इस दौरान मिलावट और अफरा-तफरी की बात सामने आ रही है। जिसकी शिकायत भी एनटीपीसी के अधिकारियों को की गयी है। लेकिन शिकायत के बाद दोषियों पर कार्यवाही न कर एनटीपीसी के अधिकारियों ने मिलीभगत कर योजनाबद्ध तरीके से साइडिंग ही बदल दी गयी।योजनाबद्ध तरीके से किये गये साइडिंग के फेरबदल का कारण यह बताया जा रहा है कि सरकारी साइडिंग से परिवहन करने के दौरान रास्ते में निजी जमीन के मालिक द्वारा रोका जा रहा है। जबकि निजी जमीन के मालिक का कहना है कि उसने अपनी जमीन पर निर्माण कार्य करने के लिए रोका था। परिवहन के लिए उसने कभी नहीं रोका है यहां तक सरकारी साइडिंग पर अभी भी निजी कंपनियों की रेक आ रही है। जिसका परिवहन उसकी जमीन से आज भी हो रहा है। इस भ्रष्टाचार के खेल को अंजाम देने के लिए जो कारण बताया गया है, वह लोगों के गले नहीं उतर रहा है। साइडिंग को बदल कर एनटीपीसी के अधिकारियों ने ठेकेदार से मिलीभगत कर स्व लाभ लेते हुए भारत सरकार की कंपनी एनटीपीसी को करोड़ों का चूना लगाने का काम कर रहे हैं। चर्चा यह है कि निजी साइडिंग पर लोडिंग/ अनलोडिंग के दौरान एनटीपीसी का कोई अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित नहीं रहता है और साइडिंग से कोयला ट्रेलर में मिक्सकर एनटीपीसी काटा ग्राउंड में खाली करने के बजाय सीधे हापर (बकट) में डाला जाता है। जिससे मिक्स कोयला का पता न चल सके और यह अफरा तफरी चलती रहे।

चारकोल तो चारकोल मिट्टी पत्थर भी मिलाया जा रहा है

जो जानकारी सामने आ रही है उसके मुताबिक यह कॉल तस्कर ट्रांसपोर्टरों ठेकेदार सहित अधिकारियों की मिलीभगत का खेल ऐसा है कि एक कोयले में चारकोल तो मिलाते ही हैं बल्कि इसमें मिट्टी और पत्थर भी मिलाने का बड़ा खेल चल रहा है पूरे ट्रक में मिट्टी पत्थर चारकोल और ऊपर से कुछ टन कोयला इतना बड़ा कोयले का घोटाला जिले में कई सालों बाद देखने को मिल रहा है पूर्व में रायगढ़ स्थित एक कंपनी पर कोयले की अफरा-तफरी करने के बड़े आरोप लगते रहे लेकिन उसके बाद यह दूसरा मामला है जब खुलेआम यह सब कुछ हो रहा है शिकायतें भी हो रही हैं लेकिन कार्यवाही सिफर है।

Sunil Agrawal

Chief Editor - Pragya36garh.in, Mob. - 9425271222

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