नगरीय निकायों में अब राइट टू रिकॉल खत्म

जनता वापस नहीं बुला पाएगी निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को
रायपुर। राज्य शासन ने एक बड़ा फैसला लेते हुए नगरीय निकायों में राइट टू रिकॉल को खत्म कर दिया है। ज्ञात हो कि राइट टू रिकॉल के तहत आम जनता को यह अधिकार दिया गया था कि, निर्वाचित महापौर व अध्यक्षों को उनके काम से असंतुष्ट होने पर वापस बुला सकती थी आज नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया ने बताया कि राज्य में अब राइट टू रिकॉल खत्म कर दिया गया है इससे पहले राज्य ने महापौर व अध्यक्षों का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से करने का निर्णय लिया था इसका मतलब यह है कि पार्षद अब महापौर और अध्यक्ष का चुनाव करेंगे। राइट टू रिकॉल को लेकर शासन के फैसले पर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने नाराजगी जताते हुए कहा कि यह आम जनता के अधिकारों का हनन है, उन्होंने कहा कि सरकार लोकतांत्रिक पद्धति से छेड़छाड़ कर रही है। सुनील सोनी ने भी इस फैसले की निंदा की है। चंद्रशेखर साहू ने कहा है की कांग्रेस सरकार अधिकारों का बेजा उपयोग कर रही है।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस में अहम बदलाव जल्द
छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी जल्द ही बड़ा बदलाव करने जा रही हैं, खबर है कि जल्द ही प्रदेश के सभी 27 जिलों के संगठन प्रमुख बदले जाएंगे संगठन ने जिला अध्यक्षों की नियुक्ति करेगी। सूत्र बताते हैं कि पिछले दिनों इसे लेकर प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल चर्चा हुई थी, उन्होंने हम बदलाव को मंजूरी दे दी है बताया जा रहा है कि नए जिला अध्यक्षों के नाम भी लगभग तय हैं औपचारिक रूप से इसका ऐलान ही बाकी है।
गौरतलब है कि प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलने के बाद सही मोहन मरकाम ने अपनी नई टीम का गठन नहीं किया था, पूर्व टीम के साथ ही उन्होंने संगठन के कामकाज को न केवल आगे बढ़ाया बल्कि दंतेवाड़ा और चित्रकूट जैसे उप चुनावों में बड़ी जीत दर्ज की।
क्योंकि अब दिसंबर में निकाय चुनाव और जनवरी-फरवरी में पंचायत चुनाव होने हैं, लिहाजा संगठन में ताजगी डालने के लिहाज से कुछ अहम बदलाव किए जा रहे हैं। संगठन सूत्रों का कहना है कि लंबे समय से प्रदेश स्तर पर बदलाव नहीं किए गए थे, संगठन में बदलाव के साथ ही नए चेहरों को मौका दिए जाने से गतिशीलता आएगी। हालांकि जिला अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम से हुई बातचीत में कहा है कि अभी इस मामले पर सिर्फ चर्चा चल रही है।