वॉट्सऐप को अब मोदी सरकार ने क्या चेतावनी दे डाली है?

वॉट्सऐप को अब मोदी सरकार ने क्या चेतावनी दे डाली है?

नरेंद्र मोदी सरकार ने इन दिनों सवालों में घिरी कंपनी वॉट्सऐप से सख्ती से यह बात कही है कि वह अपने प्राइवेसी नियम-कायदों के बारे में फिर से सोचे. यूरोप और भारत के यूजर्स में भेदभाव न करे. इतना ही नहीं, वॉट्सऐप से प्राइवेसी को लेकर लाए गए नए अपडेट को वापस लेने को भी कहा गया है. इसके अलावा भी कई बातों को लेकर वॉट्सऐप को कड़ी चिट्ठी लिखी गई है.

‘भारतीय यूजर्स का सम्मान करें’

मंत्रालय ने वॉट्सऐप के CEO के नाम चिट्ठी में लिखा है कि इस नई पॉलिसी को वापस लिया जाए. नई पॉलिसी के तहत वॉट्सऐप यूजर्स का डाटा फेसबुक की दूसरी कंपनियों के साथ शेयर किया जाएगा. इससे यूजर्स के डाटा और प्राइवेसी को खतरा हो सकता है. वॉट्सऐप ने ग्राहकों को नई पॉलिसी को स्वीकार करने या न करने का विकल्प भी नहीं दिया है. यानी नई पॉलिसी अस्वीकार करने से यूजर वॉट्सऐप का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा. वॉट्सऐप यूरोप और बाकी देशों के यूजर्स में भेदभाव कर रहा है. चिट्ठी में ये भी पूछा गया है कि भारत इसके लिए डाटा प्रोटेक्शन कानून बनाने की तैयारी में है तो फिर वॉट्सऐप ऐसी नीति क्यों लेकर आया?

मंत्रालय ने चिट्ठी में वॉट्सऐप से प्रस्तावित बदलावों को वापस लेने और सूचना की गोपनीयता, चयन की आजादी तथा डेटा की सुरक्षा को लेकर अपने नजरिए पर फिर से विचार करने को कहा है. चिट्ठी में कहा गया कि भारतीयों का उचित सम्मान किया जाना चाहिए. वॉट्सऐप की सेवा, गोपनीयता की शर्तों में कोई भी एकतरफा बदलाव सही और मान्य नहीं है.null

रविशंकर प्रसाद बोले- बिजनेस करें, अतिक्रमण नहीं

चिट्ठी लिखे जाने के बाद आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने भी वॉट्सऐप को लेकर सख्त बयान दिया उन्होंने कहा,

चाहे वॉट्सएप हो, फेसबुक हो या कोई दूसरा डिजिटल प्लेटफॉर्म, आप भारत में बिजनेस करने को स्वतंत्र हैं, लेकिन भारतीयों के अधिकारों पर अतिक्रमण नहीं होना चाहिए. सभी को निजी संचार की शुचिता बनाए रखने की जरूरत है. भारत में 1.3 अरब लोगों की आबादी के साथ अरबों का डेटा है और हम अपनी डिजिटल संप्रभुता पर कभी समझौता नहीं करेंगे.

संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को 15 वें भारत डिजिटल शिखर सम्मेलन में आगे कहा कि वॉट्सएप के मुद्दे पर उनका मंत्रालय काम कर रहा है. इस पर निर्णायक प्राधिकारी होने के नाते फिलहाल टिप्पणी करना उचित नहीं होगा. लेकिन एक बात स्पष्ट तौर पर कहना चाहूंगा कि चाहे कोई भी डिजिटल प्लेटफॉर्म हो, भारतीय नागरिकों की प्राइवेसी से समझौता नहीं किया जा सकता. डाटा को सहमति से हासिल करना चाहिए. इसका इस्तेमाल उसी काम के लिए करना चाहिए, जिसके लिए इसे एकत्र किया गया है. मैं चाहता हूं कि भविष्य में भारत डाटा अर्थव्यवस्था का बड़ा केंद्र बने. जब मैं डाटा अर्थव्यवस्था की बात करता हूं तो मेरा मतलब डाटा प्रोसेसिंग और इनोवेशन से है. दुनिया हमारे डाटा कानून की ओर देख रही है, जिसे हम बहुत जल्द लाने जा रहे हैं.

वॉट्सऐप को टालनी पड़ी नई पॉलिसी

बता दें कि वॉट्सऐप ने अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार करने के लिए यूजर्स को 8 फरवरी तक का समय दिया था. बड़ी संख्या में यूज़र्स इस अपडेट से नाखुश हैं और उन्होंने टेलीग्राम, (Telegram) सिग्नल (Signal) जैसे दूसरे मेसेजिंग प्लेटफॉर्म पर जा रहे है. हालांकि लोगों का कड़ा रिएक्शन देखते हुए कंपनी ने फिलहाल इसे टाल दिया है. बवाल होने के बाद वॉट्सऐप ने कॉलिंग, प्राइवेट मैसेज, लोकेशन और कॉन्टैक्ट जैसी बातों पर सफाई दी थी. वॉट्सऐप ने कहा था कि वह यूज़र्स की प्राइवेसी के लिए प्रतिबद्ध है. ये भी कहा कि कंपनी लोगों के पर्सनल चैट का रिकॉर्ड नहीं रखती है. वह यूज़र की बातों को नहीं सुनता है, क्योंकि ये एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड होती हैं. यानी दो लोगों के अलावा कोई भी बीच में उनकी चैट को पढ़ या सुन नहीं सकता।

Sunil Agrawal

Chief Editor - Pragya36garh.in, Mob. - 9425271222

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