RBI ने ऑनलाइन लोन को लेकर जारी की गाइडलाइन, लोन वसूली के तरीका इतना बुरा की लोग कर रहे आत्महत्या…

इन दिनों ऑनलाइन कर्ज देने वाली कंपनियां बाजार में सक्रिय हुई हैं, क्योंकि बैंक और गैर वित्तीय कंपनियां कर्ज देने से पहले काफी पड़ताल करती हैं। साथ ही इनकी प्रक्रिया भी बहुत समय लेती है। ऐसे में लोग एप्स के जरिए ऑनलाइन कर्ज लेना आसान समझते हैं। लेकिन यह कंपनियां या एप्स मनमाने ढंग से ब्याज की वसूली कर रही हैं। जिसका सीधा असर कर्ज लेने वालों पर कट रहा है। एप्स के जरिए कर्ज देने वाली कंपनियों के ऑनलाइन साहूकारों के कर्ज वसूली का तरीका इतना घिनौना है कि लोग अपनी जान देने पर भी मजबूर हो जा रहे हैं।
हाल ही में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें कर्ज वसूली के तरीके से परेशान होकर लोगों ने अपनी जान दे दी है। ऐसा ही एक मामला मशहूर टीवी सीरियल तारक मेहता का उल्टा चश्मा से जुड़ा हुआ था | इस सीरियल के लेखक अभिषेक मकवाना ने कर्ज वसूली से परेशान होकर आत्महत्या कर ली थी। ऐसे ही कई मामले और भी सामने आ चुके हैं। हैदराबाद के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर पी. सुनील ने भी ऐसे ही आत्महत्या कर ली थी।
सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर
ऐसे में सेव देम इंडिया फाउंडेशन नाम की एक संस्था ने ऐप के जरिए कर देने वाली एक कंपनी फिनटेक पर सख्ती बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की । फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रवीण कलाइसेलवन का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर फिनटेक और उनके रिकवरी एजेंट पर अंकुश लगाने के लिए रिजर्व बैंक को निर्देश देने का आग्रह किया है। बैंक और एनबीएफसी के मामले में बेहद सख्त दिशा-निर्देश हैं। लेकिन उसे भी कई बार वह मानने से इनकार कर देते हैं |
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को त्वरित और परेशानी मुक्त तरीके से लोन लेने के वादे पर अनाधिकृत डिजिटल ऋण (Unauthorised Digital Lending Platforms) देने वाले प्लेटफॉर्मों और मोबाइल ऐप की बढ़ती संख्या के खिलाफ लोगों और छोटे व्यापारियों को आगाह किया है। आरबीआई के मुताबिक ये प्लेटफॉर्म ज्यादा ब्याज दर और अतिरिक्त छिपे हुए शुल्क लेते हैं। इसके बाद ये अस्वीकार्य और गलत रिकवरी के तरीकों का इस्तेमाल करते हैं। आरबीआई ने कहा है कि अगर आपके पास कोई भी ऐसे तुरंत लोन का ऑफर देता है, तो जरूर उसकी जांच कर लें।