अमेरिका में सदियों से एक शहर का नाम है ‘स्वस्तिक’

अमेरिका में सदियों से एक शहर का नाम है ‘स्वस्तिक’

अमेरिका में न्यूयॉर्क के एक टाउन का नाम ‘स्वस्तिक’ रखा गया है। हालांकि, यह नाम शहर के संस्थापकों, पुरखों ने संस्कृत शब्द के नाम पर स्वस्तिक रखा था, मगर बाद में इसका विरोध होने लगा। इस नाम को विरोधी खेमे के लोगों ने नाजियों के चिन्ह से जोड़ा। इसके बाद इस शहर के नाम को स्वस्तिक ही रखे जाने को लेकर वोटिंग हुई, जिसमें इस नाम के खिलाफ में एक भी वोट नहीं पड़ा और इस तरह से शहर का नाम फिर स्वस्तिक ही रहा। शहर के लोगों का कहना है कि इसके नाम का नाजी के प्रतीक चिन्ह से कोई लेना देना नहीं है।
सीएनएन के मुताबिक, शहर के ब्लैक ब्रुक टाउ बोर्ड ने सर्वसम्मति से ‘स्वस्तिक’ नाम नहीं बदलने के लिए वोट दिया। शहर के संचालन का जिम्मा इसी बोर्ड पर है। ब्लैक ब्रुक के पर्यवेक्षक जॉन डगलस ने इस बात की जानकारी दी।

डगलस के मुताबिक, इस शहर का नाम स्वस्तिक शहर के मूल निवासियों द्वारा 1800 के दशक में रखा गया था और यह संस्कृत के शब्द से लिया गया है, जिसका अर्थ ‘कल्याण’ होता है। उन्होंने कहा कि हमें इस क्षेत्र के बाहर के उन लोगों के पर तरस आता है, जो हमारे समुदाय के इतिहास के बारे में नहीं जानते और यह नाम देखकर ऑफेंड हो जाते हैं और इसका विरोध करते हैं। मगर हमारे समुदाय के सदस्यों के लिए यह वह नाम है जिसे हमारे पूर्वजों ने चुना था।।
दरअसल, अप्रैल 2019 में डेनवर शहर के बाहर कोलोराडो शहर के लोगों ने इसका नाम स्वस्तिक से ओल्ड चेरी हिल्स में बदलने के लिए मतदान किया था। यह क्षेत्र कभी डेनवर लैंड स्वस्तिक कंपनी का घर था, यह एक कंपनी थी, जिसने नाजियों द्वारा स्वास्तिक चिन्ह को अपनाने से पहले यह नाम चुना था।

संयुक्त राज्य स्मारक मेमोकॉस्ट संग्रहालय के अनुसार, स्वस्तिक शब्द संस्कृत के शब्द ‘स्वस्तिक’ से लिया गया है, जिसका प्रयोग सौभाग्य या मंगल प्रतीक के संदर्भ में किया जाता है। यह प्रतीक लगभग 7,000 साल पहले दिखाई दिया था और इसे हिंदू, बौद्ध, जैन और अन्य धर्मों में एक पवित्र प्रतीक माना जाता है। यह घरों या मंदिरों की दीवारों को लगा होता है, क्योंकि इसे शुभ माना जाता है।

यूरोपीय लोगों ने पुरातात्विक खुदाई के काम के माध्यम से प्राचीन सभ्यताओं के बारे में जब सीखना शुरू किया तब 19 वीं शताब्दी के अंत और 20 वीं शताब्दी के प्रारंभ में यूरोप में यह प्रतीक लोकप्रिय हो गया। नाजी पार्टी ने 1920 में इसे अपने प्रतीक के तौर पर अपनाया था। हालांकि, स्वस्तिक के मूल चिन्ह से अलग है।

Sunil Agrawal

Chief Editor - Pragya36garh.in, Mob. - 9425271222

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *