ब्याज पर ब्याज को किया जाएगा माफ,सुप्रीम कोर्ट में मोदी सरकार में किया हलफनामा दाखिल…

दिल्ली।
बता दें पूर्व सीएजी राजीव महर्षि की अगुवाई वाली एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिशों के बाद केंद्र ने मुद्दे पर अपना रुख बदला है। पहले केंद्र और आरबीआई ब्याज पर ब्याज माफ करने के खिलाफ थे। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे में कहा है, कि सरकार ने छोटे कर्जदारों की मदद करने की परंपरा को बनाए रखने का फैसला किया है। कोरोना महामारी की स्थिति में,ब्याज की छूट का भार वहन सरकार करे यहीं सिर्फ समाधान है। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने कहा है कि उपयुक्त अनुदान के लिए संसद से अनुमति मांगी जाएगी।
बता दें अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने मोरेटोरियम मामले में केंद्र सरकार पर सख्त टिप्पणी की थी। कोर्ट ने कहा था कि इस बारे में हलफनामा दाखिल कर केंद्र सरकार अपना रुख स्पष्ट करे और रिजर्व बैंक के पीछे छुपकर अपने को बचाए नहीं। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आप सिर्फ कारोबार में दिलचस्पी नहीं ले सकते। आपको लोगों की परेशानियों को भी देखना होगा। मार्च में कोरोना संकट की वजह से लॉकडाउन लागू किया गया था। इस वजह से काम-धंधे बंद थे और बहुत से लोग ईएमआई नहीं चुकाने की स्थिति में थे। इस देखकर आरबीआई के आदेश पर बैंकों से ईएमआई नहीं चुकाने के लिए 6 महीने की मोहलत मिल गई, लेकिन सबसे बड़ी समस्या मोरेटोरियम के बदले लगने वाले अतिरिक्त चार्ज को लेकर थी।