दो ड्रग्स के खरीदारों ने उगले कई राज, मिले क्लू से जांच पड़ताल शुरु….राज्य के कई शहरों तक सप्लाई…

राजधानी में एक कॉलेज के सामने 4 दिन पहले पकड़े गए ड्रग पैडलर के मोबाइल और वाट्सएप चैट से रैकेट की परतें खुलने लगी है। ड्रग्स पैडलर श्रेयांस और विकास राजधानी ही नहीं राज्य के कई शहरों बिलासपुर, दुर्ग-भिलाई, राजनांदगांव, खरसिया तक ड्रग्स की सप्लाई कर रहे थे। पुलिस की नोटिस के बाद दो ड्रग्स के खरीदार थाने पहुंचे। पुलिस ने उनसे करीब एक घंटे पूछताछ की। उन्होंने कई राज उगले। उनसे मिले क्लू की पड़ताल शुरु कर दी गई है। ड्रग्स के दोनों खरीदार युवक शहर के संभ्रांत परिवार के हैं। पुलिस का नोटिस घर पहुंचने पर परिजनों को उनकी नशे की लत का पता चला।
पुलिस की प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि ड्रग्स पैडलर का नेटवर्क राज्य के कई शहरों में फैला है। वे मुंबई के अलावा नागपुर और दिल्ली से सफेद पावडर (कोकिन) मंगाकर सप्लाई करते हैं। एक ग्राम पावडर को आरोपी 8 से 10 हजार में बेचते हैं। नशे की लत में फंसे युवक मोटी रकम देकर खरीदते हैं। एसएसपी अजय यादव ने बताया कि शहर में नशे का कारोबार बंद करने लगातार कार्रवाई की जा रही है। पुलिस की अलग-अलग टीमें ड्रग्स से लेकर गांजा और नशीली दवाइयों के तस्करों को पकड़ने में जुटी है। नशे की जद में युवाओं के अलावा नाबालिग भी आ गए हैं। नशे के नेटवर्क को पूरी तरह खत्म किया जाएगा।
नेताओं से लेकर होटल कारोबारी संपर्क में
विकास के मोबाइल की जांच के दौरान कुछ राजनीतिक पार्टी से जुड़े रसूखदारों के करीबी रिश्तेदारों का नंबर मिला है। इतना ही नहीं शहर के अलावा राज्य के चर्चित कारोबारी और संभ्रांत परिवार के सदस्यों के भी नंबर मिले हैं। ये भी पता चल रहा है शहर के कुछ बड़े यूनिवर्सिटी के छात्र भी पैडलर से ड्रग्स खरीदते थे। मामला फूटने के बाद से अधिकांश का मोबाइल बंद हैं। सबसे चौकाने वाली बात यह है कि ड्रग्स खरीदने वालों में महिलाएं और युवतियां भी शामिल हैं। चर्चा है कि ड्रग्स का रैकेट फूटने के बाद से पुलिस भी कई ओर से दबाव आ रहे हैं।
नाइजीरियन गिरोह से जुड़ सकता है तार
पुलिस अधिकारियों के अनुसार देश में ड्रग्स का बड़ा कारोबार नाइजीरियन करते हैं। विदेश से ड्रग्स लाकर वे यहां महंगे दाम में बेचते हैं। नाइजीरियन गिरोह मुंबई-दिल्ली के अलावा गोवा, कोलकाता और नागपुर में ज्यादा सक्रिय है। अब यह गिरोह छोटे शहरों में नशे का धंधा बढ़ा रहा है। वे ज्यादातर अच्छे स्कूल-कॉलेज के छात्रों से संपर्क करते हैं। उनके पास पॉकेट मनी तगड़ी रहती है वे उनका उपयोग ड्रग्स पैडल के तौर पर भी करते हैं। इसी वजह से पुलिस को शक है कि पकड़े गए आरोपी श्रेयांस का इस गिरोह से संबंध हो सकता है। श्रेयांस और विकास से जब्त तीनों मोबाइल के एक-एक नंबर की जांच की जा रही हैं।
आरोपियों के मैसेज और वाट्सएप चैट भी देखे जा रहे हैं, क्योंकि आरोपियों को ऑर्डर चैट के माध्यम से मिलता था।