कुछ ऐसे हालात है हमारे सिस्टम के …। जो पहला वाक्य है वह सारंगढ़ के तहसीलदार भगत की ओर से कहा गया और जो दूसरा वाक्य है वह डायल 112 से जवाब मिला। यह दोनों ही जवाब अपने अपने कर्तव्यों के प्रति किस प्रकार की जवाबदारी प्रदर्शित करते हैं यह कम से कम हमें तो समझ में नहीं आ रहा है।
दरअसल लॉक डाउन के दौरान हर व्यक्ति परेशान है। मजदूर वर्ग सैकड़ों किलोमीटर से पैदल ही अपने गांव की ओर रुख कर रहे हैं। एक ऐसा ही मामला सारंगढ़ क्षेत्र मैं देखने को मिला । यहां हरदी गांव के समीप भेडवन मोड़ के पास एक युवक शाम 5:00 बजे से बैठा हुआ था। रात में लगभग 10:00 बजे यह जानकारी यह मिली कि वह युवक सरायपाली क्षेत्र से काफी लंबी दूरी तय करके थका हारा वहां पर बैठा हुआ है। यह युवक जांजगीर जिले के शक्ति का निवासी है और वहां जाना चाहता था। यहां तक आते-आते वह इतना थक चुका था कि उसका हौसला पस्त हो गया था। भूख प्यास से व्याकुल युवक मदद के लिए गुहार लगा रहा था। इस बात की सूचना डमरूआ संवाददाता संजय चौहान को मिली। तब मानवता दिखाते हुए संजय चौहान ने उस पीड़ित व्यक्ति की मदद करने के लिए तहसीलदार भगत से गुहार लगाई। इस पर तहसीलदार भगत ने कॉल तो रिसीव किया लेकिन उन्होंने स्पष्ट कहा कि आप सरपंच और सचिव से संपर्क करें मेरे सोने का वक्त है । अगर सरपंच सचिव मदद ना करें तो आप कर दीजिए …हम सुबह देख लेंगे। किसी प्रशासनिक अधिकारी से इस आपातकाल की स्थिति में ऐसे जवाब की बिल्कुल भी उम्मीद नहीं की जा सकती।
जब तहसीलदार भगत ने इस प्रकार का जवाब दिया तो एसडीएम सारंगढ़ एसडीएम चंद्रकांत वर्मा को कॉल किया गया जिस पर उन्होंने रिस्पांस देते हुए कहा कि आप तहसीलदार शतरंज (यहां दो तहसीलदार हैं) से बात कर ले वह पूरी व्यवस्था करवा देंगे। यदि व्यवस्था नहीं होगी तो मुझे कॉल कर सकते हैं। ऐसे में तहसीलदार शतरंज को कॉल किया गया और उन्होंने युवक के उसके घर जाने की व्यवस्था को हरी झंडी दे दी।
डायल 112 का व्यवहार बेहद गैर जिम्मेदाराना…
इमरजेंसी सेवा डायल 112 का उपयोग लोग संकट में गिरने के बाद करते हैं लेकिन, यहां मौजूद टीम का रिस्पांस बेहद गैर जिम्मेदाराना रहा। जब उन्हें कॉल किया गया तो उनकी ओर से धमकी भरे अंदाज में सबसे पहला वाक्य यही कहा गया कि आप कहां पर हैं । जब उन्हें सारंगढ़ बताया गया तो उन्होंने कहा कि आप दूसरे जगह की सूचना कैसे दे रहे हैं। उन्हें बताया गया कि पत्रकार होने के नाते सूचना आई है जिसे वह आप तक पहुंचा रहे हैं । आप चेक कर लीजिए। इस पर उन्होंने कहा कि आप को नोटिस दे सकते हैं अगर सूचना गलत निकली तो…। अभी वह लड़का बैठा होगा और हमारे जाते तक वह चला जाएगा तब भी हम आप को नोटिस दे देंगे । काफी देर तक 112 की टीम ने टाइम पास किया। बाद में इस शर्त पर तैयार हुए कि आप खुद वहां चलिए। इस धमकी के बावजूद संजय चौहान मानवता का धर्म निभाते हुए 112 की टीम के साथ उस युवक के पास रवाना हुए और वह युवक जिसने मदद की गुहार लगाई थी वह उसी भेड़वन मोड पर मिला। उसने बताया कि उसके परिजन बाइक में उसे लेने आ रहे हैं ऐसे में प्रशासकीय स्वीकृति की आवश्यकता थी। जिस काम को एसडीएम चंद्रकांत वर्मा के निर्देश पर तहसीलदार शतरंज ने कर दिया। तब जाकर युवक अपने घर के लिए परिजनों के साथ रवाना हुआ।