RBI की बैंकों को सलाह: तीन महीने ईएमआई में दें राहत, सभी तरह का लोन भी हुआ सस्ता…

मुंबई। कोरोना के बीच एक राहत की खबर है। केंद्र सरकार के बड़े ऐलान के बीच अब रिजर्व बैंक ने भी आमलोगों को राहत की सौगात दी है। तीन महीने तक EMI पर छूट दी गयी है। रिजर्व बैंक के गर्वनर ने प्रेस कांफ्रेस कर इस राहत का ऐलान किया है। आरबीआई के मुताबिक रेपो रेट में 75 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है. इस कटौती के बाद रेपो रेट 5.15 से घटकर 4.45 फीसदी पर आ गई है.
वहीं बैंकों से लोन की ईएमआई दे रहे लोगों को 3 महीने तक के राहत की सलाह दी है. यहां बता दें कि आरबीआई ने आदेश नहीं, सिर्फ सलाह दी है. कहने का मतलब ये है कि अब गेंद बैंकों के पाले में है. आसान भाषा में समझें तो बैंकों को अब तय करना है कि वो आम लोगों को ईएमआई पर छूट दे रही हैं या नहीं.
आरबीआई ने सभी बैंकों का कैश रिजर्व रेश्यो भी एक फीसदी यानी 100 आधार अंक घटाकर तीन फीसदी कर दिया है। यह पूरे एक साल के लिए चार फीसदी की बजाए तीन फीसदी होगा। इसके तहत बैंक अपनी जमा का कुछ फीसदी आरबीआई के पास रखते हैं। इसमें कटौती होने से 1.37 लाख करोड़ रुपये की रकम बैंकों को मिल पाएगी।
आरबीआई गवर्नर ने बताया कि नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में 1 प्रतिशत की कटौती का फैसला लिया गया है. सीआरआर 3 प्रतिश्त पर आ गया. इस कदम से वित्तीय प्रणाली में पर्याप्त पूंजी सुनिश्चित होगी. CRR वह राशि है जो वाणिज्यिक बैंकों को रिजर्व बैंक के पास रखना अनिवार्य होता है. दास ने कहा कि इस कदम से बैंकों के पास 1,37,000 करोड़ रुपये की पूंजी आएगी।

आरबीआई के 5 बड़े कदम
1. रेपो रेट में 0.75% कमी
असर : सभी कर्ज सस्ते होंगे
2. टर्म लोन की किश्त चुकाने में तीन महीने की छूट
असर: ग्राहकों और बैंकों को राहत मिलेगी
3. वर्किंग कैपिटल पर ब्याज का भुगतान तीन महीने टाला
असर: कंपनियों को राहत मिलेगी
4. कैश रिजर्व रेश्यो 1% घटाया
असर : बैंकों के पास ज्यादा कैश रहेगा
5. आरबीआई के फैसलों से सिस्टम में 3.74 लाख करोड़ रुपए की नकदी बढ़ेगी
ईएमआई में तीन महीने की छूट के मायने क्या हैं ?
ईएमआई पेमेंट में छूट का मतलब यह नहीं कि आपको कभी बकाया भुगतान नहीं करना पड़ेगा। बस तीन महीने टाल सकते हैं, बाद में भुगतान करना होगा। यह कदम इस मकसद से उठाया गया है कि लॉकडाउन की वजह से जिनके पास वाकई नकदी की कमी होती है तो उन्हें कर्ज के भुगतान में कुछ समय मिल जाए। विशेषज्ञों की राय है कि वेतनभोगी या जिनके पास पर्याप्त नकदी है उन्हें ईएमआई समय पर ही चुकानी चाहिए, नहीं तो उन पर ही बोझ बढ़ेगा।
आरबीआई के फैसले से किसे और क्या फायदा होगा?
आम आदमी को : नकदी की कमी की वजह से तीन महीने तक लोन की किश्त नहीं चुका पाएंगे तो इसे डिफॉल्ट नहीं माना जाएगा।
छोटी कंपनियों को : वर्किंग कैपिटल लोन के ब्याज भुगतान में तीन महीने की राहत मिल जाएगी। क्रेडिट हिस्ट्री पर भी असर नहीं पड़ेगा।
बैंकों को : कोरोनावायरस की वजह से अर्थव्यवस्था और जनजीवन प्रभावित हो रहा है। ऐसे में आशंका थी कि कई ग्राहक डिफॉल्ट कर सकते हैं। इससे बैंकों का एनपीए बढ़ता, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। कर्ज का भुगतान नहीं आने से बैंकों के पास कैश की कमी नहीं हो, इसके लिए नकदी बढ़ाने के उपाय भी किए गए हैं।
देश में 21 दिन का लॉकडाउन चल रहा है
सरकार ने भी गुरुवार को 1.70 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज का ऐलान किया था। इसमें गरीब, किसान, मजदूर, महिला, बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांगों को राहत के ऐलान किए गए थे। कोरोनावायरस की वजह से देश में 21 दिन का लॉकडाउन चल रहा है। इससे अर्थव्यवस्था और जनजीवन प्रभावित हो रहा है।
इसके अतिरिक्त लिक्विडिटी एड्जेस्टमेंट फैसिलिटी (LAF) में भी 0.9 फीसदी की कटौती की घोषणा की गई है। अब एलएएफ घटकर चार फीसदी हो गया है।आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोविड-19 के चलते अर्थव्यवस्था को होने वाले खतरे को देखते हुए एमपीसी ने समय से पहले ही समीक्षा बैठक की। समीक्षा बैठक 24 से 27 मार्च तक चली।