ढाई साल में पूरा हो सकता है राम मंदिर का निर्माण हो चुकी है आधी तैयारी

दिल्ली।
इसकी तैयारियां 90 के दशक यानी करीब 30 साल पहले से ही आर्किटेक्ट चंद्रकांत भाई ने शुरू कर दी थी। उन्होंने ऐसा विश्व हिंदू परिषद के अशोक सिंघल के साथ किया उनका दावा है कि, निर्माण के लिए अगर दो हजार कारीगर लगाए जाते हैं तो इसे ढाई साल में पूरा बनाया जा सकता है। निर्माण के लिए करीब 100 करोड रुपए के खर्च का आकलन किया गया है। गुजरात के रहने वाले चंद्रकांत सोमपुरा का परिवार पीढ़ियों से मंदिर ड्राइंग कर रहा है, उन्हीं के परिवार ने सोमनाथ मंदिर डिजाइन किया था, वहीं लंदन में स्वामीनारायण मंदिर केवल 2 साल में तैयार करवाया था। चंद्रकांत के मुताबिक उन्होंने 6 महीने में 6 किस्म के डिजाइन पर काम करते हुए राम मंदिर का नागर शैली मॉडल तैयार किया था। भारत में नागर, द्रविड़ और बेसर शैली में मंदिर का निर्माण होता है। उत्तर भारत में नागर शैली प्रसिद्ध है। मंदिर के लिए 50 फीसदी काम पूरा हो चुका है,इसके गुंबद को अभी डिजाइन किया जा रहा है।

निर्माण में नहीं होगा लोहे का इस्तेमाल
राम मंदिर के निर्माण में लोहे का इस्तेमाल नहीं होगा इसकी वजह स्थापत्य को पत्थरों के जरिए मंदिरों को मजबूती देना बताई जाती है। वही भगवान राम की प्रतिमा और राम दरबार का निर्माण होगा मुख्य मंदिर में सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और भगवान गणेश की प्रतिमाएं भी उनके इर्द-गिर्द होंगी।
स्थापत्य की खासियत कुछ ऐसी होंगी
इसे डेढ़ सौ फुट चौड़ा, 270 फुट लंबा, और 270 फुट, ऊंचा गुंबद आकार में रचा जाएगा
इसमें सिंहद्वार नृत्य मंडप रंग मंडप कोली गर्भगृह के सुंदर प्रवेश द्वार होंगे
फर्श पर संगमरमर का इस्तेमाल होगा बाकी निर्माण पत्थर भरतपुर से लाए जाएंगे
मंदिर आधार से शिखर तक चार कोण का, और गर्भगृह आठ कोण का होगा,परिक्रमा वृत्ताकार होगी।
मॉडल दो मंजिला है, भूतल पर मंदिर और ऊपरी मंजिल पर राम दरबार होगा।
मंदिर में 221 स्तम्भ होंगे हर एक पर देवी-देवताओं की बारह आकृतियां बनी होंगी।
मंदिर में ही संत निवास, शोध केंद्र, कर्मचारी आवास, भोजनालय, आदि भी होगा।