लाउडस्पीकर और DJ को लेकर सरकार सख्त, वॉल्यूम लिमिट उपकरण लगाना अनिवार्य

लाउडस्पीकर और DJ को लेकर सरकार सख्त, वॉल्यूम लिमिट उपकरण लगाना अनिवार्य

रायपुर। लाउडस्पीकर, डीजे और दूसरे ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर अब वॉल्यूम लिमिट उपकरण (ध्वनि नियंत्रक) लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। वॉल्यूम लिमिट यंत्र के बिना किसी भी तरह के ध्वनि विस्तारक यंत्र न बेचे जा सकेंगे और न ही किराए पर दिए जा सकेंगे। इसके लिए प्रदेश सरकार के पर्यावरण विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है।

पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 के अंतर्गत ध्वनि प्रदूषण के प्रभावी नियंत्रण के लिए सभी ध्वनि प्रणाली या लोक संबोधन प्रणाली में ध्वनि सीमक का उपयोग तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। इस नियम का पालन ध्वनि विस्तारक यंत्र बनाने वाली कंपनियों, बेचने वाली एजेंसियों और दुकानदारों को करना है। उन्हें ध्वनि सीमक उपकरण का उपयोग किए बिना किसी भी तरह के ध्वनि विस्तारक यंत्र को बेचना, खरीदना, किराए पर देना या खुद उपयोग में नहीं लाना है। ध्वनि सीमक को लगाने से ध्वनि विस्तारक यंत्रों की आवाज एक निर्धारित डेसिबल में बंध जाएगी। उससे ज्यादा ध्वनि नहीं बढ़ाई जा सकेगी।

सरकारी एजेंसियों को मिली जिम्मेदारीध्वनि विस्तारक यंत्रों में ध्वनि सीमक उपकरणों का उपयोग सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी पुलिस प्राधिकारी, नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत और पंचायतों को जिम्मेदारी दी गई है। इन्हें यह भी सुनिश्चित करना है कि सरकारी और गैर सरकारी कार्यक्रमों में बिना ध्वनि सीमक उपकरण लगे ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग न हो पाए।

90 डेसिबल से ज्यादा नुकसानदायक

मानव जाति के लिए 90 डेसिबल से ज्यादा ध्वनि नुकसानदायक होती है। आठ घंटे से ज्यादा इतनी ध्वनि पर भी शोर सुनना घातक होता है।

ज्यादा ध्वनि से पड़ता है प्रतिकूल प्रभाव

कई शोधों से पता चला है कि ध्वनि प्रदूषण के कारण श्रवण क्षमता कम हो रही है। इसके अलावा अनिंद्रा, उच्च रक्तचाप, चिड़चिड़ापन और मानसिक तनाव की शिकायतें भी बढ़ी हैं।

Sunil Agrawal

Chief Editor - Pragya36garh.in, Mob. - 9425271222

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *