क्षेत्र में पनप रहा है प्रतिबंधित दवा कोरेक्स का कारोबार

₹800 में बिक रही प्रतिबंधित सिरप
कोटरीमाल बना नशे के सौदागरों का गढ़
घरघोड़ा। जिलेभर में हो रही नशीली प्रतिबंधित दवाइयों के सौदागरो के ऊपर कार्यवाही से जहां एक ओर पुलिस शहरी क्षेत्र में नशीली दवाओं पर कार्यवाही कर अपनी पीठ थपथपाने में लगी है वहीं दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में नशे के सौदागरों में भय व्याप्त होने के बजाय वह ज्यादा से ज्यादा नशीली दवाएं बेच कर लाभ कमाने की जुगत में लगे हुए हैं । जैसा की सर्वविदित है की घरघोड़ा एवं आसपास के क्षेत्र में नशीली दवाओं के जकड़ में कुछ युवा पीढ़ी हैं इसलिए शहरी क्षेत्रों में नशीली दवाओं के सौदागरों पर कार्यवाही के बाद शहरी क्षेत्रों में अवैध नशीली दवाइयों की उपलब्धता समाप्त होने से इन ग्रामीण क्षेत्रों में नशीली दवाओं के कारोबार को और बल मिल गया है।
सूत्रों से पता चला है कि कोटरी माल ग्राम के आसपास क्षेत्रों में नशीली सिरप एवं दवाइयों का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है बताया जाता है कि नशे वाली कोडीनयुक्त सिरप ₹800 से ₹1000 तक में बिक रही है इससे समझा जा सकता है कि नशे के मकड़जाल में उलझे लोगों से किस कदर मोटी कमाई का नया रास्ता लोगों ने निकाल लिया है बहरहाल शहरी क्षेत्रों में कार्यवाही कर अपनी पीठ थपथपा रही पुलिस को इन ग्रामीण क्षेत्रों कि और भी अपनी नजरें इनायत करनी चाहिए ताकि नशे के कारोबार के समूल को नष्ट किया जा सके ।
नशा देता है अपराध को जन्म
यह सोचने वाली बात है प्रतिबंधित सिरप यदि 800 से ₹1000 तक में बिक रही है तो इसके सेवन के आदी बेरोजगार युवाओं में अपराध की प्रवृत्ति पनपने का यह सुअवसर होगा ।
निश्चित तौर पर हजार रुपए तक के महंगे नशे को करने के लिए शॉर्टकट रास्ते के चक्कर में अपराध की ओर नशे के आदी लोगो के बढ़ने की संभावना बलवती हो जाती है । जरूरत है कि कानून शहर से ग्रामीण क्षेत्रों तक फैले इस नशे के मकड़जाल को पूरी तरह ध्वस्त करें ताकि क्षेत्र के वर्तमान और भविष्य में नशे का बदनुमा दाग ना लगे।