CG: कलेक्ट्रेट में टाईम मैनेजमेंट सिस्टम लागू होने का असर, रायपुर कलेक्ट्रेट में एप से शुरु हुई हाजिरी के दिखने लगे नतीजे, 486 कर्मचारियों में केवल एक गैरहाजिर….

कार्यालयीन समय पर दफ़्तर में हाजिर नहीं होने वाले कर्मचारियों अधिकारियों के लिए अब यह आरामतलबी बीते दिनों की बात है। कलेक्ट्रेट रायपुर में कर्मचारियों अधिकारियों की उपस्थिति ठीक दस बजे सुनिश्चित करने के लिए BAS एप प्रभावी हो गया है। यह एप ना केवल उपस्थित दर्ज करता है बल्कि कितने बजे उपस्थिति हुई यह भी दर्ज कर लेता है। BAS एप में ऑफिस से जाते समय भी एंट्री करना अनिवार्य कर दिया गया है जिससे अब यह भी यह भी स्पष्ट होता है कि, कर्मचारी कितने देर तक कार्यालय में रहा। बीते 22 जनवरी से प्रभावी किए गए एप में दर्ज आँकड़ों की खुद कलेक्टर गौरव कुमार सिंह मॉनिटरिंग करते हैं।
पचास मीटर तक एक्टिव है एप
BAS एप को फ़िलहाल कलेक्ट्रेट कार्यालय में एक्टिव किया गया है। कलेक्ट्रेट का अर्थ है समूचा कलेक्ट्रेट। इसमें जिला पंचायत भी शामिल है। कलेक्टर रायपुर में मौजूद हर शाखा याने विभाग प्रमुख से लेकर कर्मचारियों तक के मोबाइल में यह एप डाउनलोड है। यह एप फ़िलहाल कलेक्ट्रेट परिसर में सौ मीटर के दायरे में संचालित है। लेकिन कलेक्टर गौरव कुमार सिंह ने इस एप के चालू होने के पांचवें दिन अब इसे पचास मीटर तक सीमित कर दिया है। दरअसल कलेक्टर गौरव कुमार सिंह ने खुद मोबाईल लेकर यह परीक्षण किया कि, यदि एप की रेंज सौ मीटर रहे तो आरामतलब कर्मचारी अधिकारी बगैर ऑफिस पहुँचे तो हाज़िरी नहीं भर लेंगे। ऐसी किसी भी आशंका को निर्मूल करने एप को कलेक्ट्रेट के पचास मीटर के भीतर सीमित किया गया है। इसके मायने यह है कि कर्मचारियों को कलेक्ट्रेट पहुँच कर ही एप पर उपस्थिति और वापसी दर्ज करनी होगी वर्ना एप खुलेगा ही नहीं।
अब पंचायत भवन भी जुड़ेगा
सारे जिला स्तरीय ऑफिस की मैपिंग के बाद अब जल्द ही एप को रायपुर जिले की सभी जनपदों, तहसील कार्यालयों के साथ साथ पंचायत भवनों तक में प्रभावी करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
विंडो 10 से उपर हर एप्लीकेशन में डाउनलोड होता है एप
BAS एप मौजूदा प्रचलन के हर मोबाईल में उपलब्ध होता है। इसे विंडो 10 से उपर के हर एप्लीकेशन में आसानी से डाउनलोड किया जाता है। इसमें उपस्थित पर हरा, वीकली ऑफ पर ब्लू और अफ़सेंट पर रेड ऑप्शन है। कर्मचारी की स्थिति के हिसाब से एप में वह ऑप्शन दर्ज हो जाता है। इस एप में यह भी देखा जा सकता है कि कर्मचारी यदि अवकाश पर हैं तो कब से कब तक हैं और अवकाश का प्रकार कौन सा है।
कलेक्टर से लेकर प्यून तक सब दस बजे हाजिर
कार्यालय में उपस्थित होने का समय दस बजे तय किया गया है। बायोमेट्रिक अटेंडेंस के साथ साथ इस एप के प्रभावी होने का परिणाम यह है कि, कलेक्टर से लेकर चपरासी तक सभी दस बजे या अधिकतम दस बजकर सात मिनट तक हाजिर हो जाते हैं। एप में उपस्थिति के आँकड़े के साथ साथ उपस्थिति के समय और जाने के समय को लेकर दर्ज आँकड़े को भी पूरी गंभीरता से ना केवल देखा जा रहा है बल्कि गड़बड़ी की आशंका दिखने पर विभाग प्रमुखों को तलब कर आड़े हाथों भी लिया जा रहा है।
कामचोरी लापरवाही होगी तो कार्यवाही करेंगे-गौरव सिंह
कलेक्टर गौरव सिंह के प्रतिदिन के कार्यों में एक काम इस एप में दर्ज आकंडो की मॉनिटरिंग है। आज याने सोमवार 27 जनवरी को जबकि आँकड़ा 486 कर्मचारियों में से केवल एक के गैर हाजिर होने और 424 के उपस्थित होने का आया तो विभाग प्रमुखों को तलब कर यह निर्देशित किया गया कि, यदि कुछ कर्मचारी चुनाव ड्यूटी में हैं तो उसकी मियाद टेक्निकल ऑपरेटर को बताई जाए और यदि कोई अवकाश पर है तो उसका ब्यौरा भी दर्ज कराया जाए। रायपुर कलेक्टर गौरव कुमार सिंह ने द हिट डॉट इन से कहा – “समय पर कार्यालय पहुंचना अनिवार्य है। इस अनिवार्यता के दायरे में मैं भी हूँ और अन्य कर्मचारी भी। एप के जरिए सब कुछ पारदर्शी है और स्पष्ट भी। अब कामचोरी नहीं चलेगी। जल्द ही यह व्यवस्था भी प्रभावी करेंगे कि यदि कोई निर्धारित समय से अधिक समय तक अपनी टेबल से गायब है तो उसकी भी प्रमाण सहित सूचना आएगी। बिलाशक कड़ी कार्यवाही करेंगे।”