ED ने विजय माल्या, नीरव मोदी से ₹22 हजार करोड़ की संपत्ति वापस ली: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण…

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “PMLA के मामले में, ED ने प्रमुख मामलों से करीब 22,280 करोड़ रुपये की संपत्ति सफलतापूर्वक वापस हासिल की है. हमने किसी को नहीं छोड़ा है, भले ही वे देश छोड़कर भाग गए हों, हम उनके पीछे पड़े हैं.”
मोदी सरकार ने भगोड़े कारोबारी विजय माल्या और नीरव मोदी के अलावा मेहुल चौकसी से कितने पैसे वसूले हैं?
- 14,131.6 करोड़ रुपये: भगोड़े विजय माल्या
- 1,052.58 करोड़ रुपये: भगोड़े नीरव मोदी
- 2,565.90 करोड़ रुपये: भगोड़े मेहुल चोकसी
ईडी ने यह पैसा इकट्ठा किया है और बैंकों को वापस दे दिया है.
■ नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (NSEL) मामले में, धोखाधड़ी के शिकार वास्तविक निवेशकों को 17.47 करोड़ रुपये की संपत्तियां वापस कर दी गईं।
■ साल 2015 का काला धन अधिनियम वास्तव में बहुत से करदाताओं पर निवारक प्रभाव डाल रहा है और वे अपनी विदेशी संपत्ति का खुलासा करने के लिए स्वयं आगे आ रहे हैं.
■ विदेशी संपत्ति का खुलासा करने वाले करदाताओं की संख्या 2021-22 में 60,467 से बढ़कर 2024-25 में दो लाख हो गई है.
■ सरकार द्वारा बेहिसाब और अघोषित विदेशी संपत्तियों पर टैक्स लगाने के लिए कार्रवाई की गई है. HSBC, ICIJ, पनामा, पैराडाइज और पेंडोरा लीक से जुड़े मामलों की जांच की जा रही है.
■ पनामा पेपर्स, पैराडाइज पेपर्स, पेंडोरा पेपर्स, HSBC और ICIJ लीक जैसे कई लीक के जरिए मिली जानकारी के संबंध में 120 मामलों में कार्रवाई की गई. इसके अलावा, 582 मामलों में 33,393 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता चला है.
■ विदेशी संपत्ति के तमाम श्रेणियों के मामलों की त्वरित और समन्वित जांच के लिए सरकार द्वारा कई प्रवर्तन एजेंसियों के प्रतिनिधियों से साथ एक मल्टी-एजेंसी ग्रुप (MAG) बनाया गया है.
कांग्रेस के शासनकाल के दौरान उनके व्यापारी मित्रों के लिए एटीएम के रूप में माना जाता था। कांग्रेस के कार्यकाल में पीएसपी को एटीएम के रूप में इस्तेमाल किया गया। कांग्रेस के सरकारी कार्यकर्ताओं द्वारा बैंकों को फोन बैंकिंग के माध्यम से ‘क्रोनीज’ को ऋण देने के लिए मजबूर किया गया था। भारत के बैंकिंग क्षेत्र विशेष रूप से सार्वजनिक बैंकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में बहुत बड़ा बदलाव देखा है।