वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश, चुनावी बॉन्ड से उगाही करने का आरोप…

बेंगलुरु की एक विशेष लोक अदालत ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया। उनके खिलाफ चुनावी बॉन्ड के जरिए उगाही करने का आरोप लगाया गया है। विशेष लोक अदालत ने इस शिकायत पर सुनवाई करते हुए वित्त मंत्री के अलावा कई दूसरे नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।
जनाधिकार संघर्ष परिषद (जेएसपी) के सह-अध्यक्ष आदर्श अय्यर ने बेंगलुरु में जनप्रतिनिधियों की विशेष अदालत में शिकायत दर्ज कर केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश देने की मांग की थी।
उन्होंने शिकायत की थी कि चुनावी बॉन्ड के जरिए डरा-धमकाकर जबरन वसूली की गई। याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने बेंगलुरु के तिलक नगर पुलिस स्टेशन को चुनावी बॉन्ड के जरिए जबरन वसूली के मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।
एसीएमएम कोर्ट ने एक आदेश जारी कर शिकायत की एक प्रति और रिकॉर्ड थाने को भेजने का निर्देश भी दिया है। एफआईआर लंबित होने के कारण सुनवाई 10 तारीख तक के लिए टाल दी गई है।कोर्ट ने तिलकनगर पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ-साथ बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपीनड्डा, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र, बीजेपी नेता नलिन कुमार कतील, केंद्रीय और राज्य बीजेपी कार्यालय और ईडी विभाग के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी गई है।
Finance Minister Nirmala Sitharaman: में कहा गया है कि अप्रैल 2019 से अगस्त 2022 तक व्यवसायी अनिल अग्रवाल की फर्म से लगभग 230 करोड़ रुपए और अरबिंदो फार्मेसी से 49 करोड़ रुपये चुनावी बॉन्ड के माध्यम से वसूले गए।
जनाधिकार संघर्ष परिषद (JSP) ने वित्त मंत्री के खिलाफ अदालत में जो आरोप लगाए उसमें कहा गया है कि चुनावी बॉन्ड के जरिए देश की वित्त मंत्री ने जबरन पैसे की जबरन वसूली की गई है. हालांकि अभी इस मामले की सुनवाई को 10 अक्टूबर तक के लिए स्थगित किया गया है, लेकिन ये मामला कुछ राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले देश की केंद्रीय मंत्री के खिलाफ मुद्दा बन सकता है.
शिकायत में क्या- जानिए पूरा मामला
जेएसपी के सह-अध्यक्ष आदर्श अय्यर ने याचिका में कहा कि वित्त मंत्री ने चुनावी बॉन्ड के माध्यम से डरा-धमकाकर जबरन वसूली की है. अब इसी मामले से जुड़ी एक याचिका के बाद वित्त मंत्री के खिलाफ बेंगलुरू की पीपुल्स रिप्रेजेंटेटिव कोर्ट ने एक्शन ले लिया है. साल 2023 में सुप्रीम कोर्ट के पास चुनावी बॉन्ड योजना को चुनौती दी गई थी और सुप्रीम कोर्ट ने चार याचिकाकर्ता की बात सुनने और उनका पक्ष जानने के बाद इस पर फैसला दिया. उच्चतम न्यायालय ने चुनावी बॉन्ड योजना को ना सिर्फ असंवैधानिक माना, बल्कि इस पर पूरी तरह से रोक लगा दी. चुनावी बॉन्ड या इलेक्ट्रोरल बॉन्ड की शुरुआत साल 2018 में की गई थी और 2024 में इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया.
कहां दायर होगी वित्त मंत्री के खिलाफ एफआईआर
आदर्श अय्यर की याचिका पर सुनवाई करते हुए बेंगलुरु की पीपुल्स रिप्रेजेंटेटिव कोर्ट ने बेंगलुरू के तिलक नगर पुलिस स्टेशन को वित्त मंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है. चुनावी बॉन्ड के जरिए जबरन वसूली के मामले में जेएसपी के सह-अध्यक्ष आदर्श अय्यर ने पिछले साल यानी अप्रैल 2023 में 42वें एसीएमएम कोर्ट का रुख किया था.
वित्त मंत्री के साथ और भी नेताओं के खिलाफ की गई थी शिकायत
याचिकाकर्ता ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, बीजेपी के तत्कालीन कर्नाटक अध्यक्ष नलिन कुमार कटील, बी वाई विजयेंद्र के खिलाफ शिकायत की थी. इसके साथ ही उन्होंने ईडी अधिकारियों के खिलाफ भी आरोप लगाए थे.