परमाणु हमले से बचने बंकर बना रहे यूक्रेन के लोग:खाना-पानी जमा कर रहे, रेडियो और पावर बैंक का भी इंतजाम….

परमाणु हमले से बचने बंकर बना रहे यूक्रेन के लोग:खाना-पानी जमा कर रहे, रेडियो और पावर बैंक का भी इंतजाम….

रूस-यूक्रेन जंग के 229वें दिन कीव पर बड़े मिसाइल हमले के बाद लोगों में परमाणु अटैक का इतना डर है कि देश छोड़कर जा रहे हैं। जो लोग यहीं रहना चाहते हैं, वे घर छोड़कर बंकर में रहने की तैयारी कर रहे हैं। कीव में अलेक्जेंडर कैडेट ने घर के पीछे एक अंडरग्राउंड कमरा बनाया है। लकड़ी के शेड के नीचे बने इस कमरे में पहुंचने के लिए जमीन से साढ़े छह फीट नीचे तक एक सीढ़ी से उतरकर जाना पड़ता है। दरअसल, 32 साल के अलेक्जेंडर ने एक पुराने कुएं को दो हफ्तों की मेहनत से बंकर में बदल दिया है, ताकि रूसी हमले से बचा जा सके।

अलेक्जेंडर ने कहा, ‘हम अब और ज्यादा चिंतित हैं, खासकर ताजा (10 अक्टूबर) हमलों के बाद। हमें लगता है कि परमाणु हमला होने के बाद हम कुछ समय तक इस शेल्टर में जिंदा रह सकेंगे।’ परमाणु हमले की आशंका को देखते हुए उन्होंने इस बंकर में पानी की बोतलें, पैक्ड फूड, रेडियो और पावर बैंक भी जमा कर रखे हैं। अलेक्जेंडर ने परमाणु हमले से बचने का इंतजाम तो कर लिया, लेकिन वे उम्मीद कर रहे हैं कि उन्हें इस कमरे का इस्तेमाल कभी ना करना पड़े।

बंकर बचा ही लेगा यह गारंटी नहीं, लेकिन तैयार रहना जरूरी
घर के पीछे बंकर बनाने वाले अलेक्जेंडर ने कहा कि एक्शन प्लान बना लेना बेहतर है। इसकी कोई गारंटी नहीं कि यह आपको बचा ही लेगा, लेकिन कम से कम आप मानसिक रूप से इसके लिए तैयार तो हो जाते हैं। कीव के कई लोगों का कहना है कि वे सोमवार को हुए मिसाइल हमलों से पहले ही सतर्क हो गए थे।

एटमी हमले से बचने के इंतजाम कर रहे लोग, पलायन भी जारी
रूस की तरफ से कीव पर एक दिन में 83 मिसाइलें दागे जाने के बाद अलेक्जेंडर जैसे कई लोग इसी तरह के बंकर बना रहे हैं और वहां जरूरी साजो-सामान जुटा रहे हैं। यहां के निवासी न्यूक्लियर वॉर के दौरान सुरक्षित रहने के बारे में पढ़ रहे हैं। लोगों का मानना है कि इन तरीकों से उन्हें परमाणु हमले की स्थिति में खुद को बचाने में मदद मिलेगी। वहीं, सैकड़ों लोग यूक्रेन से बाहर जा रहे हैं।

स्कूलों में भी हो रही परमाणु हमले से बचाव की तैयारी
जंग के बीच कीव महीनों से रूसी हमले के सबसे बुरे दौर से बचा रहा था। उत्तर-पूर्वी यूक्रेन के कई हिस्सों से रूसी सेना के हटने के बाद वहां जीवन भी पटरी पर लौट आया था। यहां स्कूल भी खुल गए थे। अब कई स्कूल्स ने पेरेंट्स को बच्चों के साथ इमरजेंसी पैक रखकर भेजने को कहा है।

कीव के एक डिपार्टमेंटल स्टोर में काम करने वाली 50 साल की नादिया स्टेलमख ने कहा कि एक मां उनके पास स्कूल से एक सूची लेकर आई थी जिसमें लेटेक्स दस्ताने, एक पोंचो, बूट कवर, टिश्यू पेपर, वेट वाइप्स और फ्लैश लाइट्स शामिल थे।

रूस-यूक्रेन जंग की शुरुआत के बाद से ही कीव समेत कई शहरों में लोगों ने हमलों से बचाव के लिए बंकरों में शरण ली थी।
रूस-यूक्रेन जंग की शुरुआत के बाद से ही कीव समेत कई शहरों में लोगों ने हमलों से बचाव के लिए बंकरों में शरण ली थी।

लोगों को पोटैशियम आयोडाइड की गोलियां दी जाएंगी
कीव सिटी काउंसिल ने कहा है कि मेडिकल रिकमंडेशन पर परमाणु हमला होने की स्थिति में लोगों को पोटैशियम आयोडाइड की गोलियां दी जाएंगी। उन्होंने यह भी कहा कि ये गोलियां शहर की फार्मेंसीज में भी मिल रही हैं। कीव में फार्मासिस्ट अलीना बोझेदोमोवा ने बताया कि रोजाना लोग गोलियों की तलाश में आ रहे हैं। पोटैशियम आयोडाइड का इस्तेमाल किसी व्यक्ति के थायरॉयड को आयोडीन से सैचुरेट करने के लिए किया जाता है ताकि रेडियोएक्टिव आयोडीन के संपर्क में आने के बाद थायरॉयड ग्लैंड पर उसका असर न हो।

अमेरिका ने 2,388 करोड़ में परमाणु हमले से बचाने वाली आयोडीन गोलियां खरीदीं

अमेरिकी सरकार ने 2 अक्टूबर 2022 को 2,389 करोड़ रुपए की आयोडीन दवा खरीदने का ऐलान किया। अमेरिका के इतिहास में पहली बार एक साथ इतनी ज्यादा आयोडीन गोली की खरीदारी हुई है। बाइडेन सरकार ने कहा है कि केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और न्यूक्लियर हमले से बचने के लिए ये दवाइयां खरीदी गई हैं। अमेरिका ही नहीं, यूरोप में भी परमाणु विकिरण रोकने वाली दवाओं की बिक्री बढ़ी है। रूस और यूक्रेन से सटे देश पोलैंड की राजधानी वॉरसॉ में इस तरह की दवाइयों के वितरण के लिए 600 से ज्यादा डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर बनाए गए हैं।

यूक्रेन की तरफ से कर्च ब्रिज उड़ाने के बाद से डरे हुए लोग
कीव के कई लोगों का कहना है कि वे सोमवार को हुए मिसाइल हमलों से पहले ही सतर्क हो गए थे। कर्च ब्रिज पर हमले के बाद 30 साल की क्रिस्टीना गेवोरकोवा ने कहा था, “मुझे वाकई बहुत डर लग रहा है कि रूसी इसका जवाब कैसे देंगे। पहले हम कीव में सुरक्षित महसूस करते थे। लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि कुछ होने वाला है।

सोमवार (10 अक्टूबर) को रूसी मिसाइल अटैक के बाद यूक्रेन की राजधानी कीव में हर तरफ तबाही के निशान नजर आ रहे हैं।
सोमवार (10 अक्टूबर) को रूसी मिसाइल अटैक के बाद यूक्रेन की राजधानी कीव में हर तरफ तबाही के निशान नजर आ रहे हैं।

यूक्रेनी पहले से ही परमाणु हमले को लेकर आशंकित थे
रूस-यूक्रेन जंग की शुरुआत से ही परमाणु हमले की आशंका बनी हुई थी। यूक्रेन के लोगों को यह डर भी सता रहा था कि रूस या तो टेक्टिकल परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है या यूक्रेन के न्यूक्लियर पॉवर प्लांट्स में से किसी एक पर हमला शुरू कर सकता है। हालांकि, हालात पर नजर रखने वाले अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि उन्हें ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिससे यह कहा जा सके पुतिन न्यूक्लियर वैपन्स को यूक्रेन की तरफ मोड़ रहे हैं।

कई लोगों को भरोसा- पुतिन परमाणु हमला नहीं करेंगे
हालांकि, कीव के सभी रहवासी न्यूक्लियर अटैक को लेकर चिंतित नहीं हैं। कई लोगों का मानना है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन ऐसा नहीं करेंगे। दोस्तों के साथ आउटिंग के लिए निकले 31 साल के दिमित्रो ने कहा कि पुतिन कीव को निशाना बनाने पारंपरिक हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं। वे इस जंग में परमाणु हमला नहीं करेंगे। 47 साल की स्वेतलाना जोज़ुलिया ने ऐहतियातन पोटेशियम आयोडाइड की गोलियां खरीदीं हैं। वे भी आशावादी हैं कि पुतिन यूक्रेन पर न्यूक्लियर अटैक नहीं करेंगे।

पुतिन और रूसी विदेश मंत्री के बयानों ने बढ़ाई चिंता 

यूक्रेन ने 8 अक्टूबर को रूस और क्रीमिया को जोड़ने वाला कर्च ब्रिज उड़ा दिया था। इसका बदला लेते हुए ही रूस ने 48 घंटे बाद यूक्रेन पर 83 मिसाइलें दागी थीं। इस बीच रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने मंगलवार को कहा कि अगर हम पर हमला होता है तो हम अपनी हिफाजत के लिए परमाणु हथियारों का उपयोग करने से पीछे नहीं हटेंगे। ऐसा ही बयान पहले राष्ट्रपति पुतिन दे चुके हैं।

Sunil Agrawal

Chief Editor - Pragya36garh.in, Mob. - 9425271222

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