चीते और तेंदुए में क्या क्या फर्क होता है आइये जानते है….

70 वर्षों बाद भारत में चीतों का आगमन हो गया है। नामीबिया से आए 8 चीतों को श्योपुर स्थित कूनो पार्क में छोड़ दिया गया है। पार्क में चीतों के लिए सभी तैयारियां की गई हैं। आपको बता दें कि भारत में 1948 तक चीते जिंदा थे। लेकिन इसी वर्ष छत्तीसगढ़ की कोरिया रियासत के राजा रामानुज प्रताप सिंहदेव ने बैकुंठपुर से लगे जंगल में तीन चीतों का शिकार किया था। इसके बाद 1952 भारत सरकार ने देश को चीता मुक्त घोषित कर दिया था। वहीं, अब भारत में 8 चीते फिर से आ गए हैं। ऐसे में लोगों को तेंदुए और चीते में अंतर जान लेना जरूरी है। क्योंकि बहुत से लोगों के मन में अभी भी तेंदुए और चीते को लेकर कन्फ्यूजन बना हुआ है।
बनावट में इस तरह अलग होते हैं चीते
चीते की शरीरिक बनावट तेंदुए से अलग होती है। दोनों में अंतर लगाने का सबसे आसान तरीका कंधा है। एक तरफ जहां तेंदुए का कंधा कम लंबा होता है, वहीं चीते का कंधा अधिक लंबा होता है। इसके अलावा चीते, तेंदुए से ऊंचाई में भी अधिक होते हैं। वहीं, एक चीते का वजन औसतन 72 किलोग्राम होता है। साथ ही चीता 120 किमी प्रति घंटे के हिसाब से दौड़ भी सकता है। वहीं, अगर तेंदुए की बात करें तो ये बनावट में चीतों से छोटे होते हैं। हालांकि तेंदुए का वजन चीते से ज्यादा होता है।
दोनों के खाल में भी होता है फर्क
चीते और तेंदुए की खाल में भी अंतर होता है। अगर चीते को देखेंगे तो उसकी खाल हल्के पीले और ऑफ व्हाइट कलर की होती है। जबकि तेंदुए की खाल पीले रंग की होती है। चीते की खाल पर गोल या अंडाकार काले धब्बे होते हैं। इसके अलावा दोनों के पंचों में भी अंतर होता है। जिसकी मदद से आप तेंदुए और चीते में पहचान कर सकते हैं। चीते और तेंदुए के पंजे में होता है ये अंतर चीते के पंजे तेज गति से दौड़ने के हिसाब से होते हैं। चीते के पिछले पैर आगे के मुकाबले बड़े और मजबूत होते हैं, यही वजह है कि चीते ज्यादा तेजी से दौड़ते हैं। इसके अलावा चीते के पंचे कभी सिकुड़ते भी नहीं हैं। वहीं तेंदुए के पंचे की बात करें तो इनके आगे के पैर पीछे की तुलना में बड़े होते हैं। यही वजह है कि तेंदुए शिकार के बाद आसानी से शिकार को लेकर पेड़ पर चढ़ जाते हैं।
दोनों के सिर की बनावट भी होती है अलग
चीते और तेंदुए के सिर की बनावट भी अलग होती है। चीते का सिर छोटा और गोल होता है। साथ ही चीते की छाती ऊंची और पेट पतला होता है। इसके अलावा चीते के चेहरे पर आंखों के कोने से मुंह तक एक काली लाइन भी बनी होती है। जबकि तेंदुए के आंखों के कोने से मुंह तक कोई काली लाइन नहीं होती है।