डॉ राम विजय शर्मा के शोधपत्र की सराहना…

खरसिया। विगत दिनों संचालनालय संस्कृति एवं पुरातत्व छत्तीसगढ़ शासन के तत्वाधान में तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन 16 सितंबर से 18 सितंबर 2000 तक रायपुर में किया गया। संगोष्ठी का विषय छत्तीसगढ़ की संस्कृति संवाहक सरिताए था। तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा, असम आदि राज्यों के इतिहासकार, पुरातत्ववेत्ता, शोधकर्ता एवं विद्वान शरीक हुए। इस संगोष्ठी में इतिहासकार एवं पूर्व तहसीलदार डॉ. राम विजय शर्मा भी शामिल हुए और उन्होंने अपना शोधपत्र इंद्रावती नदी और उसका ऐतिहासिक धार्मिक एवं आर्थिक महत्व प्रस्तुत किया इंद्रावती नदी पर प्रस्तुत शोध पत्र के विद्वानों ने सराहना की। उल्लेखनीय है कि डॉ राम विजय शर्मा ने इंद्रावती नदी और महानदी पर बहुत अच्छा काम किया है उन्होंने 1 मार्च 2010 को विश्व इंद्रावती सेवक समाज तथा 14 जनवरी 2012 को भारत महानदी सेवक समाज का गठन किया था।
