युवा डॉक्टरों से फुटबॉल जैसा व्यवहार न हो, नीट परीक्षा में अंतिम समय में बदलाव पर SC…

युवा डॉक्टरों से फुटबॉल जैसा व्यवहार न हो, नीट परीक्षा में अंतिम समय में बदलाव पर SC…

दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को पोस्ट ग्रेजुएट नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (PG NEET-SS) को लेकर बेहद सख्त टिप्पणी की है. कोर्ट ने केंद्र सरकार, नेशनल बोर्ड ऑफ एक्जामिनेशन (NBE) और नेशनल मेडिकल कमिशन (NMC) को झिड़कते हुए कहा है कि PG NEET-SS परीक्षा में आखिरी वक्त पर बदलाव न किए जाएं. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच ने कहा- युवा डॉक्टरों को असंवेदशील ब्यूरोक्रेट्स की दया पर नहीं छोड़ा जा सकता. इसके साथ फुटबॉल की तरह व्यवहार नहीं होना चाहिए।

बेंच ने गौर किया है कि नया सिलेबस एंट्रेंस टेस्ट के बजाए फाइनल परीक्षा की तरह लग रहा है. दरअसल NEET-SS 2021 की एंट्रेंस परीक्षा में आखिरी वक्त बदलाव पर पोस्ट ग्रेजुएट डॉक्टरों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.

परीक्षा से दो महीने पहले कर दिया गया पैटर्न में बदलाव
इस परीक्षा का नोटिफिकेशन 23 जुलाई को जारी किया गया था. बाद में 31 अगस्त को एक और नोटिफिकेशन जारी कर परीक्षा के पैटर्न में बदलाव की जानकारी दी गई. यानी 13-14 नवंबर को प्रस्तावित परीक्षा से महज दो महीने पहले पैटर्न बदल दिया गया. सरकार, NBE, NMC के वकीलों से कोर्ट ने कहा- कृप्या स्वास्थ्य मंत्रालय से इस मामले में देखने को कहें. युवा डॉक्टरों के साथ फुटबॉल जैसा व्यवहार मत कीजिए।

खेल की शुरुआत होने के बाद नियम नहीं बदले जाते’
ये याचिका 41 पोस्ट ग्रेजुएट डॉक्टरों की तरफ से दायर की गई थी. इस याचिका में पैटर्न के बदलाव के निर्णय को चैलेंज किया गया था. डॉक्टरों के वकील श्याम दीवान ने कहा कि खेल की शुरुआत होने के बाद नियम नहीं बदले जाते, ये सर्वमान्य नियम है. पुराने पैटर्न को लेकर ही युवा डॉक्टर अब तक तैयारी कर रहे थे।

Sunil Agrawal

Chief Editor - Pragya36garh.in, Mob. - 9425271222

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *