इंदौर हाई कोर्ट ने लगाई कमलनाथ सरकार को लताड़, मामला हनी ट्रेप कांड

इंदौर हाई कोर्ट ने लगाई कमलनाथ सरकार को लताड़, मामला हनी ट्रेप कांड

भोपाल। मध्यप्रदेश के हनी ट्रेप मामले में दिवाली से पहले फ़िर से उबाल आ गया । मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार द्वारा भोपाल नगर निगम के विभाजन का शगूफा छोड़कर हनी ट्रेप मामले को दबाने का भरसक प्रयास किया । कुछ हद तक सरकार को इसमे कामयाबी भी हासिल हुई । भोपाल के कॉंग्रेस -भाजपा सहित अन्य नेता पिछ्ले कई दिनों से नगर निगम विभाजन के पक्ष -विपक्ष में उलझ गए और समाचार पत्रो से हनी ट्रेप मामला बख़ूबी गायब होगया । परन्तु कल अचानक इन्दौर उच्च न्यायालय खंड पीठ में लंबित मामले ने दुबारा हनी ट्रेप मामले को गरमी दे दी और न्यायालय की कमलनाथ सरकार को लथाड़ ने सबका ध्यान हनी ट्रेप मामले पर केन्द्रित कर दिया । अदालत की दख़ल ने यह साबित कर दिया है कि हनी ट्रेप में शामिल विष कन्याओं के द्वारा डसे गए राजनेता , अफ़सर , नौकरशाह अब बेनक़ाब ज़रूर हो सकेगे ।
गौरतलब हो कि मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने कल सोमवार को हनीट्रैप मामले में कमलनाथ सरकार को लताड़ लगाई। हाई कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया कि अब एसआईटी चीफ को उसकी अनुमति के बिना बदला नहीं जा सकता।
बता दें कि हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की है जिस पर सुनवाई हो रही थी। याचिका में निवेदन किया गया है कि सरकार एसआईटी में परिवर्तन करके मामले की जांच को प्रभावित कर रही है।

गृह सचिव की रिपोर्ट से नाराज हाईकोर्ट
हाईकोर्ट ने हनी ट्रैप मामले की जांच कर रही एसआईटी के चीफ को बार-बार बदले जाने पर गृह सचिव से इस बदलाव का कारण जानने के लिए बंद लिफाफे में रिपोर्ट मांगी थी। सोमवार को एसआईटी चीफ राजेंद्र कुमार ने ये रिपोर्ट पेश किया था लेकिन रिपोर्ट में अधूरी जानकारी और संतोषजनक तथ्य नहीं होने की वजह से हाइकोर्ट ने फटकार लगाई।


एसआईटी को अब हाईकोर्ट का संरक्षण
हाईकोर्ट ने दिया कि अब उसकी अनुमति के बिना एसआईटी में शामिल किसी भी अधिकारी का तबादला नहीं किया जा सकता, ना ही एसआईटी की जांच से हटाया जा सकता है। इसके अलावा अभी तक हनी ट्रैप मामले में जितने भी इलेक्ट्रॉनिक सबूत जब्त किए गए हैं, उन्हें जांच के लिए हैदराबाद स्थित आईटी लैब में भेजा जाएगा। हाइकोर्ट ने एसआईटी अधिकारियों को 15 दिन में विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई दो दिसंबर को होगी।

हनी ट्रेप मामले की जांच पर हाईकोर्ट की रहेगी नज़र
समझा जा रहा है कि हाइकोर्ट के सख्त निर्देशों के बाद अब पूरी जांच कोर्ट की निगरानी में की जाएगी। वरिष्ठ वकील मनोहर दलाल के मुताबिक मामले की अगली सुनवाई दो दिसंबर को होनी तय हुई है, एसआईटी को इन्वेस्टिगेशन स्टेटस रिपोर्ट जमा करनी होगी। साथ ही अब एसआईटी में कोई परिवर्तन नहीं किया जाये, एसआईटी में नियुक्त मौजूदा अधिकारियों का हाईकोर्ट की अनुमति के बिना तबादला नहीं किया जा सकेगा।

इंदौर के वरिष्ठ वकील मनोहर दलाल ने लगाई है जनहित याचिका 
बता दें कि हनी ट्रैप मामले का खुलासा होने के बाद इसकी जांच के लिए सरकार ने एसआईटी का गठन किया था लेकिन चंद दिनों में ही एसआईटी में कुछ ही दिनों मेें शीर्ष स्तर के अधिकारियों का तबादला हुआ था, इसी पर सीनियर वकील मनोहर दलाल ने हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में जनहित याचिका दाखिल की थी। याचिका में उन्होंने यह अपील की थी कि बार-बार एसआईटी चीफ बदलने से जांच प्रभावित हो सकती है। साथ ही हनी ट्रैप मामले की जांच हाईकोर्ट के देख-रेख में की जाए। इसी पर सुनवाई करते हुए पिछली तारीख पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जांच रिपोर्ट बंद लिफाफे में पेश करने का आदेश दिया था।

क्या है हनी ट्रेप मामला
पिछले दिनों मध्य प्रदेश पुलिस ने पांच लड़कियों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने यह दावा किया था कि यह लड़कियां मध्य प्रदेश के नेताओं और नौकरशाहों से अवैध शारीरिक संबंध बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करती हैं। जांच के दौरान यह भी पता चला कि यह लड़कियां नेताओं और नौकरशाहों को हनीट्रैप का शिकार बनाकर सरकारी कामकाज में दखल देती है। इन्होंने कई कंपनियों को टेंडर दिलाए एवं कई संस्थाओं को काम भी दिलाया। अब यह मामला अवैध संबंधों से बढ़कर भ्रष्टाचार का हो गया है। इस मामले की जद में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सहित पूर्व सांसद , कई आईएएस , आईपीएस अफसरों सहित राजनैतिक दलों के बड़े बड़े नेता और अफ़सर आए हैं । जाँच में जिनकी विडिओ व अन्य सामग्रियाँ आई हैँ । इसी मामले में एक लड़की को 15-16वर्ष की आयु में हनी ट्रेप कांड में शामिल किये जाने के भी प्रमाण मिले हैँ । इस विष कन्या गेंग की मुखिया के पूर्ववर्ती सरकार के मंत्री संतरी से घनिष्ठता के भी पुख्ता प्रमाण मिले हैँ । राजनैतिक संरक्षण में हनी ट्रेप गेंग की मुखिया द्वारा किये गए कांड भी उजागर हुऐ हैं । इसी गेंग में शामिल विष कन्या का पति भी अचानक मीडिया के सामने आकर पत्नि को बेगुनाह साबित कर रहा था , जिसकी विडिओ भी धड़ल्ले से चली परन्तु जिस नाटकीय ढंग से वह सामने आया था , उसी नाटकीय ढंग से वह अब गायब है। गायब हुआ या कराया गया यह भी जाँच का विषय है । परन्तु जाँच एजेंसी द्वारा उसकी और से गफ़लत करना भी संदेह को जन्म देता है 

Sunil Agrawal

Chief Editor - Pragya36garh.in, Mob. - 9425271222

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *