जिला विपणन अधिकारी का कारनामा, चहेते ठेकेदार को लाभ दिलाने के लिये करोड़ों के टेण्ड़र में कर दिया गोलमाल

खरसिया। धान परिवहन के लिये निकाली गयी निविदा में रायगढ़ ड़ीएमओ के द्वारा भ्र्रष्टाचार किये जाने का मामला प्रकाश में आया है, जिसमें समस्त प्रक्रिया हो जाने के बाद अपने चहेते ठेकेदार को काम न मिलने पर बिना किसी कारण के टेण्ड़र को निरस्त कर दिया गया है। गौरतलब है कि छ.ग. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित द्वारा वर्श 2019-20 के लिये ई-निविदा के माध्यम से परिवहन कार्य हेतू निविदा आमंत्रित की गयी थी, जिसके लिये ठेकेदारों ने दिनांक 14.10.2019 को आनलाईन विधिवत टेण्ड़र भरा गया, जिसमें टेक्नीकल बीड़ के परीक्षण उपरांत दिनांक 15.10.2019 को निविदा खोली गयी, जिसमें खरसिया के लिये बजरंगलाल अग्रवाल, बरमकेला के लिये बजरंगलाल अग्रवाल, लोहरसिंह के लिये मेसर्स रामचरण अग्रवाल तथा हरदी सारंगढ़ के लिये बजरंगलाल अग्रवाल की दर न्यूनतम होने पर उन्हे कार्यादेश देने की प्रक्रिया पूरी की जानी थी किंतु जिला विपणन अधिकारी के द्वारा नियम कानून को ताक में रखकर उक्त टेण्ड़र को निरस्त कर दिया गया, जबकि रायगढ़ जिले में खरसिया एवं सारंगढ़ का परिवहन दर पूरे प्रदेष में सबसे कम दर है।
मजे की बात यह है कि टेण्ड़र किस वजह से निरस्त किया गया इसकी सूचना निविदा में एल वन तथा एल टू आने वालों को देना तक जरूरी नही समझा गया, इस प्रकार रायगढ़ ड़ीएमओ के द्वारा प्रदेष में सबसे कम दर होने के बावजूद बिना किसी कारण के टेण्ड़र को निरस्त कर शासन को करोड़ो का चूना लगाने का कार्य किया जा रहा है जिसकी जांच कर ड़ीएमओ पर विभागीय कार्यवाही करने की आवश्यकता है जिससे भविष्य में कोई अधिकारी टेण्ड़र प्रक्रिया में भ्र्रष्टाचार न कर सके। इस संबंध में रायगढ़ के प्रभारी ड़ीएमओ लोकेश देवांगन से चर्चा किये जाने पर उन्होंने बताया कि ठेकेदारों की टेक्नीकल बीड़़ में कागजात पूरे नहीं थे, किन्तु यहां यह प्रश्न उठता है कि जब ठेकेदारों के दस्तावेज पूर्ण नहीं थे तो फिर उनके टेण्ड़र की प्राईस बीड़ क्यों खोली गयी। प्रभारी ड़ीएमओ के द्वारा इस सवाल का गोलमोल जवाब दिया जा रहा है, जबकि निविदा नियमावली में यह स्प्ष्ट उल्लेखित है कि टेक्नीकल बीड़ सही पाये जाने पर ही प्राईस बीड़ खोली जावेगी, जबकि जिला विपणन कार्यालय में टेक्नीकल बीड़ जांच के उपरांत प्राईस बीड़ खोली गयी एवं एल वन, एल टू का निर्धारण कर आनलाईन निविदाकर्ता को सूचना दी गयी, किंतु उसके तत्काल बाद ठेकेदार के दस्तावेज पूरे नही होने की बात कहते हुये उक्त टेण्ड़र को निरस्त कर आनन फानन में नया टेण्ड़र निकाल दिया गया।
पूरे प्रदेश में डाले गए टेंडरों में सबसे कम दर थी
सूत्रों के अनुसार जिला विपणन अधिकारी के एक चहेते ठेकेदार को कार्य दिलाने के लिये यह सारा गोलमाल किया गया है, उक्त ठेकेदार की दर अधिक होने की वजह से उसे कार्य दिलाये जाने समस्त नियम कायदों को ताक पर रखकर हेतू पुनः निविदा आमंत्रित कर दी गयी। दिनांक 14.10.2019 को निकाली गयी निविदा दरें पूरे प्रदेष में सबसे कम थी, जिसका लाभ शासन को मिलना था किंतु जिला विपणन अधिकारी की कारगुजारी से अब शासन को करोड़ों की हानि होनी निश्चित है।
टेंडर समिति ने ओके कर दिया था निविदा
यहां यह बताना लाजिमी होगा कि शनिवार को जिला स्तरीय कमेटी जिसमें डिप्टी कलेक्टर जिला खाद्य अधिकारी तथा विपणन विभाग के अधिकारी शामिल थे, की उपस्थिति में टेंडर खोला गया तथा L1, L2 का निर्धारण किया गया उसके बाद अचानक आनन-फानन में उठ पटांग तर्क देते हुए पूरी निविदा निरस्त कर दी गई जो अनेक संदेह को जन्म दे रहा है।
जिला विपणन कार्यालय में लागू नहीं सूचना का अधिकार
आश्चर्य की बात यह है कि जिला विपणन कार्यालय जैसे महत्वपूर्ण कार्यालय में सूचना का अधिकार अधिनियम लागू नहीं होने का बोर्ड लगा दिया है जो संदेह को जन्म देता है, उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व सूचना का अधिकार अधिनियम उपरोक्त कार्यालय में लागू था।
हमारे द्वारा लाखों रूपयों की ड़ीड़ी जमा कर हजारों रूपये का निविदा शुल्क पटाते हुये निविदा भरा गया था, और निविदा की सभी प्रक्रियाओं को पूर्ण भी किया गया था, किंतु सबसे कम दर होने के बाद भी निविदा निरस्त कर दी गयी, और निरस्त किये जाने के संबंध में कोई सूचना तक नही दी गयी, जिससे हम अपने आप को ठगा महसूस कर रहे है।
रामचरण अग्रवाल ( ठेकेदार )