देशभर की सड़कों को गड्ढा मुक्त रखने की तैयारी, बनेगी ऑनलाइन मॉनिटरिंग सेल…

राष्ट्रीय राजमार्गों के रखरखाव और मरम्मत कार्य को लेकर बरती जा रही लापरवाही पर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने नाराजगी जाहिर की है। इसके बाद केंद्र सरकार ने सख्त रवैया अपनाते हुए केंद्र और राज्य एजेंसियों को अगस्त तक अलग समर्पित ऑनलाइन मॉनिटरिंग सेल स्थापित करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। इससे राष्ट्रीय राजमार्गों का रखरखाव सही से हो सकेगा।
राष्ट्रीय राजमार्गों का समय पर मरम्मत कार्य होगा। वहीं, रख-रखाव के उच्च मानदंड से यात्रियों को तेज-सुगम-सुविधाजनक सफर मुहैया कराया जा सकेगा। इससे गड्ढों से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में लोगों की मौतें कम होंगी।
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने 8 जुलाई को एनएचआईडीसीएल, बीआरओ, राज्यों के प्रमुख सचिवों, सभी पीडल्यूडी के इंजीनियर इन चीफ को आदेश जारी कर दिया है। इसमें सभी केंद्रीय व राज्य एजेंसियों से राजमार्गों की मरम्मत व रखरखाव के लिए पृथक समर्पित ऑनलाइन मॉनिटरिंग सेल बनाने को कहा है। सभी एजेंसियां से दो आधुनिक वाहन फॉलिंग वेट डिफेक्टोमीटर और नेटवर्क सर्वे व्हीकल राजमार्गों से जुड़ी तमाम जाानकारी व डाटा वेबसाइट पर अपलोड करने को कहा गया है। इसके लिए मंत्रालय रोड ऐसेट मैनेजमेंट (आरएएम) सिस्टम नामक सॉफ्टवेयर पहले ही तैयार कर चुका है। क्षेत्रीय अधिकारी (आरओ) अपने इलाके की जानकारी समयबद्ध अपलोड करेंगे। जबकि दिल्ली में केंद्रीयकृत आरएएम में बैठे टेक्नोक्रेट्स-विशेषज्ञ इसका अध्ययन व विश्लेषण करेंगे।
भारतीय राजमार्ग अभियंता अकादमी (आईएएचई) के निदेशक संजीव कुमार को ऑनलाइन मॉनिटरिंग सेल गठित करने के कार्य का नोडल अफसर बनाया गया है। समर्पित ऑनलाइन मॉनिटरिंग सेल स्थापना, कार्यालय, उपकरण, सॉफ्टवेयर, कार्यबल आदि के लिए प्रस्ताव तैयार करने की जिम्मेदारी उनके कंधों पर डाली गई है। जिससे प्रतिदिन सेल में अपलोड होने वाले डाटा, जानकारी, समस्या आदि का पता लगाया जा सके। ऑनलाइन तंत्र को चलाने के लिए मंत्रालय की ओर से टेक्नोक्रेट्स (इंजीनियर) नियुक्त होंगे। इसके साथ ही विषय वस्तु के जानकारों की भर्ती आउटसोर्सिंग के जरिये की जाएगी। जिससे अधिकारियों की जवाबदेही तय की जा सके और नाकारा अफसरों पर कार्रवाई सुनिश्चित हो सके।
सड़क परिवहन मंत्रालय ने माना है कि खराब-जर्जर व गड्ढायुक्त सड़कों को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही हैं। इससे सार्वजनिक तौर पर जनता आलोचनाएं करती हैं और सरकार की किरकिरी हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रोड सेक्टर की समीक्षा बैठक में उक्त विषय पर नाखुशी जता चुके हैं। माना है कि वर्तमान में एजेंसियों के बीच उचित समन्वय नहीं होने के कारण यह मुद्दा और भी गंभीर हो जाता है। ऑनलाइन मॉनिटरिंग समय की जरूरत है और इससे समस्या का काफी हद तक हल हो जाएगा।