झोलाछाप डॉक्टर्स के डिग्री-डिप्लोमा की होगी जाँच..स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की दो टूक.. जांच करें पर इलाज और दवाई की सलाह न दे..

रायपुर: प्रदेश में बढ़ रही मौसमी बीमारी के मद्देनजर जिलों में झोलाछाप चिकित्सको की बाढ़ सी आ गई. बिना किसी प्रैक्टिस और डिग्री-डिप्लोमा के यह कथित डॉक्टर्स घर-घर जाकर मरीजों का इलाज कर रहे है. बात करें कोरबा की तो पीछे कुछ महीने में दो ऐसे मामले सामने आये है जिनमे झोलाछाप डॉक्टर्स से इलाज कराने की कीमत मरीजों को अपने जान से हाथ धोकर चुकानी पड़ी है.
इसी पूरे मामले में स्वास्थ्य मंत्री श्री टीएस सिंहदेव से जानकारी प्राप्त हुई की झोलाछाप डॉक्टर्स पर उनकी सरकार उचित कार्रवाई कर रही है. उनका कहना था की यदि किसी के पास डिग्री या डिप्लोमा नहीं है तो वह मरीज की जाँच अपने अनुभव के आधार पर करता है लेकिन ऐसे हालत में उसे किसी तरह के इलाज करने या दवा दिए जाने का अधिकार नहीं है. उनका साफ़ कहना था की झोलाछाप डॉक्टर्स के इलाज से हो रहे नुकसान को लेकर वह चिंतित है और शिकायत मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
डीएमएफ द्वारा भर्ती प्रक्रिया के सवाल पर उन्होंने बताया की उनका विभाग खनिज न्यास मद का सदुपयोग करते हुए बड़े जिलों के अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टर्स की भर्तियां कर रही है. इसका सीधा फायदा इलाके के शहरी और ग्रामीण दोनों ही वर्गों को होगा. उन्होंने बताया की बीजापुर, दंतेवाड़ा और जगदलपुर में प्रक्रिया पूरी कर ली गई है जबकि कोरबा, अंबिकापुर और सूरजपुर में भर्ती प्रक्रियाधीन है।