बाइक सवार युवक को मारी टक्कर , एएसआई के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर…

बाइक सवार युवक को मारी टक्कर , एएसआई के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर…

रविवार की सुबह विष्णुपाली चौक के पास डोंगरीपाली पुलिस की गाड़ी ने बाइक सवार को जोरदार ठोकर मार दी थी। मामले में पीड़ित पक्ष सोमवार को रिपोर्ट दर्ज कराने थाने पहुंची थी। पीड़ित और गवाहों का बयान लेने के बाद पुलिस ने एएसआई के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है।
पेट्रोलिंग के लिए स्कॉर्पियो क्रमांक सीजी 13 यूडी 9118 में सवार होकर चार पुलिसकर्मी निकले थे। वाहन एएसआई रामकुमार मानिकपुरी चला रहा था। एएसआई 120 की रफ्तार से वाहन को दौड़ा रहा था। तेज एवं लापरवाही पूर्वक वाहन चलाने की वजह से नियंत्रण खो दिया और स्कार्पियो बाइक क्रमांक सीजी 13 जेड 5477 को रोड किनारे खड़ी कर बाबनो पिता सेवकराम भोई फोन में बात कर रहा था। आरोपी चालक उसे अपनी चपेट में ले लिया था। इससे युवक 5 फीट ऊपर उछल कर दूर में गिरा। स्कॉर्पियो 50 मीटर घसीटते हुए दूर जाकर खड़ी हुई। फिर पुलिसकर्मी वाहन से उतरे और 112 की मदद से युवक को सीएचसी बरमकेला भेजा था। अभी भी युवक के सीने में दर्द हो रहा है। लोगों की आवाजाही कम होने के बाद वहां से भागे। (जैसा घटना में घायल हुए युवक ने बताया)। फिलहाल पुलिस ने आरोपी चालक एएसआई रामकुमार मानिकपुरी के खिलाफ धारा 279, 337 के तहत अपराध दर्ज किया है।

नुकसान की भरपाई करे एएसआई

घटना से युवक की बाइक क्षतिग्रस्त हो गई है। अगला चक्का, हेड लाइट टूट गया है। बाइक को ढाई तीन महीने पहले खरीदा था। बाइक का पूरा पैसा भी नहीं पटा है। कुछ इंस्टॉलमेंट बचा हुआ है। इससे बीमा का लाभ भी नहीं मिलेगा। क्षतिग्रस्त बाइक की नुकसानी की भरपाई पुलिस को करनी होगी, ऐसा युवक का कहना है। सूत्रों के मुताबिक यदि कोई वाहन हादसे का शिकार होता है तब क्षतिपूर्ति देने का प्रावधान है। कानून के जानकार बताते हैं कि घटनाकारित वाहन का चालक या फिर वाहन मालिक को हर्जाना भरना पड़ता है।

छह महीने की कैद जप्त होगा वाहन

एक्सीडेंट केस में घटना को अंजाम देने वाले आरोपी को छह महीने की कैद और जुर्माना का प्रावधान है। हालांकि यह धारा जमानती है। इसलिए आरोपी एएसआई को जेल तो नहीं हो सकता है, लेकिन जुर्माना जरूर भरना होगा। यही नहीं घटनाकारित स्कार्पियो की भी जप्ती का प्रावधान है। लिहाजा अब पुलिस वाहन का इस्तेमाल नहीं कर सकती है। कोर्ट में प्रकरण की सुनवाई के दौरान वाहन मालिक को उपस्थित होना पड़ेगा। यह लंबी प्रक्रिया होती है। कोर्ट में वाहन का सही इस्तेमाल साबित होने के बाद ही मालिक को सौंपा जाएगा, ऐसा विधि के जानकारों का कहना है।

Sunil Agrawal

Chief Editor - Pragya36garh.in, Mob. - 9425271222

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