तड़पती माँ ने तोड़ा दम, विधायक और डीन के लिए आरक्षित वेंटिलेटर खाली पड़े रहे, लेकिन कर्मचारी की माँ को नहीं दिया….

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (सिम्स) बिलासपुर के एक कर्मचारी ने स्थानीय विधायक शैलेश पाण्डेय और अपने ही अस्पताल के डीन पर गंभीर आरोप लगाया है। आरोप है कि विधायक और डीन ने अपने लिए आरक्षित वेंटिलेटर खाली पड़ा रहा, लेकिन उसकी माँ को नहीं दिया गया| इसके चलते उसकी माँ की मौत हो गई।

यह आरोप लगाने वाले जितेन्द्र दुबे बिलासपुर सिम्स में ही हैं| उन्होंने अपनी मृत माँ और तीन खाली बेड की तस्वीर साझा करते हुए फेसबुक में लिखा, ‘माननीय विधायक शैलेष पाण्डेय जी और सिम्स प्रशासन के अधिष्ठाता और अधीक्षक जी के लिए आरक्षित वेंटिलेटर नहीं मिला| वेंटीलेटर के अभाव में आज मेरी माता जी का निधन हो गया, धन्यवाद विधायक जी।

जितेंद्र की पोस्ट में उनकी मां को अनेक लोगों ने श्रद्धांजलि दी है, जबकि सोनू सिंह होमा नाम के व्यक्ति ने विधायक के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने की बात लिखी है। इधर इस मामले में विधायक शैलेश पाण्डेय ने तोपचंद से कहा है कि यह आरोप निराधार है। मैं इस संबंध में कुछ नहीं कहूँगा| सिम्स ने भी इस आरोप का खंडन किया है।
सिम्स द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि जितेंद्र दुबे की माता को डॉक्टर ने वेंटिलेटर की आवश्यकता नहीं बताई थी और न ही विधायक, एमएस और डीन के लिए कोई वेंटिलेटर अरक्षित है। सिम्स ने कहा है कि वेंटिलेटर की किसे जरूरत है और किसे नहीं, ये मरीज के रिश्तेदार या फिर नोडल अधिकारी नहीं डॉक्टर तय करते हैं।