Corona इलाज में कारगर Remdesivir के लिए इस तरह करें अप्लाई…

Corona इलाज में कारगर Remdesivir के लिए इस तरह करें अप्लाई…

कोरोना पॉजिटिव मरीजों के इलाज में रेमडेसिवीर (Remdesivir) दवा और काफी कारगर साबित हो रही है. अगर आप या आपका कोई रिलेटिव कोरोना से संक्रमित हो गया है तो उनका इलाज भी इससे किया जा सकता है. आइए जानते हैं कि इस दवा और प्लाजमा के लिए कैसे ऑर्डर कर सकते हैं।

भारत में ये 4 कंपनियां बनाती हैं रेमडेसिवीर

रेमडेसिवीर का पेटेंट अमेरिका की कंपनी गिलिएड साइंसेस के पास है. उसने चार भारतीय कंपनियों से इस दवा को बनाने का एग्रीमेंट किया है. इन चार कंपनियां में सिप्ला, हेटेरो लैब्स, जुबलिएंट लाइफसाइंसेस और मिलान का नाम शामिल है. ये कंपनी बहुत बड़े पैमाने पर रेमडेसिवीर का प्रोडक्शन करती हैं और दुनिया के तकरीबन 126 देशों में इसे एक्सपोर्ट भी करती हैं.

इन नंबरों पर कॉल कर मंगाएं रेमडेसिवीर

इन चार कंपनियों ने अपने नंबर जारी किए हैं, जिसपर कॉल कर आप दवा का ऑर्डर दे सकते हैं. आप Cipla को 8657311088 पर कॉल कर सकते हैं. इसके अलावा Hetero को 040-40473535 पर, Jubiliant को 9819857718 पर और Mylan को 7829980066 पर कॉल कर सकते हैं।

इबोला के दौरान सुर्खियों में आई रेमडेसिवीर

बताते चलें कि रेमडेसिवीर (Remdesivir) ड्रग्स का इस्तेमाल पहले हेपेटाइटिस सी (Hepatitis C) के इलाज में होता था. ये ड्रग उस वक्त ज्यादा सुर्खियों में आया जब 2014 में इबोला नाम का वायरस अफ्रीकी देशों में महामारी फैल गया. उस वक्त इलाज के लिए रेमडेसिवीर का इस्तेमाल किया गया क्योंकि ये एक सबसे ज्यादा असरदार एंटीवायरल दवा है।

कई डॉक्टर्स ने बताया कि रेमडेसिवीर का इंजेक्शन कोरोना का सीधा उपचार या लाइफ सेविंग ड्रग नही है। किन मरीजों को यह इंजेक्शन देना है इसका निर्णय डॉक्टर द्वारा मरीज की स्थिति और ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल को देखकर लिया जाता है। यह गंभीर से अति गंभीर मरीजों में संक्रमण को बढऩे से रोकने के लिए दिया जाता है। हल्के या बिना लक्षणों वाले मरीज को इस इंजेक्शन की जरूरत नही होती है। कई शोध में यह बात भी सामने आयी है कि बिना जरूरत वाले मरीजों को इसे लगाने से उनके लिवर में इसका काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।


अभी यह देखने को मिल रहा है कि ऐसे मरीज जिनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है लेकिन उन्हें कोई लक्षण नही है या बेहद हल्के लक्षण हैं तथा सांस लेने में भी कोई तकलीफ नही है वे भी इस इंजेक्शन को खरीदने के लिए प्रयासरत हैं। ऐसे में वास्तविक रूप से जिन मरीजों को अभी तत्काल में इसकी जरूरत है उन्हें यह इंजेक्शन नही मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड वायरस के उपचार के लिये ऑक्सीजन थेरेपी के साथ अभी जो दवाइयां दी जा रही हैं उसमें स्टीरॉयड व एंटीबायोटिक का कॉम्बिनेशन है जो हल्के या बिना लक्षणों वाले मरीजों में वायरस के खिलाफ पर्याप्त एंटीबॉडी बनाने में सक्षम है। इसके साथ ही जिंक और मल्टी विटामिन और विटामिन सी का सप्लीमेंट दिया जाता है, जो इम्युनिटी बूस्टर का काम करती है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है।


ऑक्सीजन लेवल है सबसे महत्वपूर्ण
विशेषज्ञ डॉक्टर का बताना है कि कोविड में सांस से जुड़ी दिक्कतें होती है। ऐसे में मरीज के शरीर में ऑक्सीजन का सेचुरेशन लेवल सबसे महत्वपूर्ण होता है। इसी से मरीज के स्थिति की गंभीरता तय होती है। उन्होंने बताया कि अभी मुख्यत: दो वजहों से मरीजों में कॉम्प्लिकेशन बढ़ रहे हैं। पहला इंफ्लमेशन की वजह से जिससे फेफड़ों में समस्या आ रही है। दूसरा खून के नसों में थक्के जमने की वजह से दिक्कत हो रही है। इस स्थिति में रुटीन दवाइयों के साथ हेपरिन (ब्लड थिनर) दिया जाता है जिससे मरीजों की स्थिति में सुधार आया है। इन दवाओं की अभी पर्याप्त आपूर्ति है। रेमडेसिवीर ऐसे गंभीर मरीज जिनका ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल 90 से नीचे हो उन्हें ही दिया जाता है। वह भी संक्रमित होने के शुरुआती 7 से 9 दिनों में यह लगे तो ही फायदेमंद है। उन्होंने कहा कि अभी आम धारणा यह बन गयी है कि पॉजिटिव आते ही रेमडेसिवीर लगाने से ही स्थिति में सुधार होगा। जबकि ऐसा नही है। होम आईसोलेट या अस्पताल में भर्ती मरीज जिनका ऑक्सीजन लेवल 94 से ऊपर है उन्हें इस इंजेक्शन की जरूरत नही है। ऐसे में उन्हें इसको लेकर किसी प्रकार का पैनिक नही करना चाहिए। वे नियमित इलाज लेकर बिल्कुल स्वस्थ हो सकते हैं। जैसा कि हमने पहले देखा है हजारों लोग बिना इस इंजेक्शन के बिल्कुल ठीक हुए हैं।

Sunil Agrawal

Chief Editor - Pragya36garh.in, Mob. - 9425271222

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *