अप्रत्यक्ष प्रणाली से महापौर चुने जाने को बीजेपी कोर्ट में देगी चुनौती, पूर्व मुख्यमंत्री बोले- हम चाहते हैं जनता का अधिकार बना रहे

रायपुर।

गौरतलब है कि पिछले दिनों भूपेश सरकार ने महापौर चुनाव कराए जाने के संदर्भ में मंत्रीमंडलीय उप समिति का गठन किया था. इस समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी. इस रिपोर्ट को अब सरकार की मंजूरी के लिए कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा. हालांकि यह तय है कि राज्य में महापौर के निर्वाचन में अब जनता की सीधी भागीदारी खत्म हो जाएगी. चुने हुए पार्षद महापौर का चुनाव करेंगे. पिछले दिनों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने एक बयान में यह कहा था कि अप्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली में कोई खराबी नहीं है.
महापौर चयन के लिए दल बदल कानून लाने के सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका मतलब यह है कि महापौर के चुनाव के लिए पूरी छूट दे दी जाए। किसी को भी पद पर बिठा दिया जाए। सरकार ने महापौर चुनाव कराए जाने के संदर्भ में मंत्रिमंडलीय उप समिति का गठन किया था।
समिति ने रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। इस रिपोर्ट को अब सरकार की मंजूरी के लिए कैबिनेट में रखा जाएगा। बैठक में संगठन चुनाव को लेकर भी चर्चा की गई। रायपुर के सभी 16 मंडलों में 30 और 31 अक्टूबर को मंडल अध्यक्ष और कार्यकारिणी का चुनाव होगा। इसके लिए हर मंडल में तीन सदस्यीय टीम बनाई गई है।
इसमें चुनाव प्रभारी, सह प्रभारी और पर्यवेक्षक शामिल हैं। रायपुर में 2800 सक्रिय सदस्य बने हैं और 91 फीसद बूथ कमेटियों का गठन पूरा कर लिया गया है। रायपुर में नए सदस्य बनाने के लिए 41 हजार का लक्ष्य दिया गया था, जो 90 हजार तक पहुंच गया। बैठक में डॉ रमन सिंह ने साफ किया कि मंडल चुनाव में मेरा-तेरा की जगह ऐसे सदस्यों को मौका दिया जाए, जो संगठन को मजबूत करने का काम करें।