Be Alert….छत्तीसगढ़ में, एक दिन में 14098 नए केस और 97 ने गवाई जान….

रायपुर। छत्तीसगढ़ में एक बार फिर कोरोना के सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं. शनिवार को प्रदेश में रिकॉर्ड 14 हजार से ज्यादा मरीज मिले हैं. ताजा आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 14098 नए मरीजों की पुष्टि की गई है. संक्रमण की वजह से एक दिन में 97 लोगों की मौत हो गई है. बात राजधानी की करें तो रायपुर में तीन हजार से ज्यादा पॉजिटिव मरीज मिले हैं जबकि दुर्ग में दो हजार से ज्यादा नए केस सामने आए हैं. 24 घण्टे में 4668 मरीजों ने कोरोना को मात देने में सफलता हासिल की है. नए केस मिलने के बाद अब एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 85860 हो गई है. कुल पीड़ितों की संख्या 432776 हो गई है. अब तक कोरोना से 4777 लोगों की मौत दर्ज की गई है. अब तक 342139 मरीज रिकवर हुए हैं।
रायपुर में 24 घंटे में रिकॉर्ड 3797 मरीज मिले है जबकि दुर्ग में रिकॉर्ड 2272 नए मरीजों की पुष्टि हुई है. वहीं राजनांदगांव में 978, बिलासपुर में 895, बलौदाबाजार में 717, कवर्धा में 538 नए मरीज मिले, महासमुंद में 533, जांजगीर में 493, रायगढ़ में 480, कोरबा में 429, बालोद 385, धमतरी में 384 और बेमेतरा में 381 नए मरीज मिले हैं।
कोरोना के अध्ययन को लेकर केंद्रीय टीम छत्तीसगढ़ दौरा पर है. टीम के हेड जॉइंट सेक्रेटरी जिग्मेत तकपा ने सांसद सुनील सोनी से मुलाकात की. इस दौरान दोनों में छत्तीसगढ़ में कोरोना संकट पर की विस्तार से बातचीत हुई. बताया जा रहा है कि अध्ययन टीम की जांच रिपोर्ट में स्थिति और गंभीर होने का जिक्र किया गया है. राज्य के मौजूदा स्थिति पर भी टीम ने चिंता जताई है. जांच रिपोर्ट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय जल्द रिपोर्ट सौंपेगी।
इन जिलों में लगा लॉकडाउन
छत्तीसगढ़ में कोरोना की दूसरी लहर ज्यादा खतरनाक हो रही है. रायगढ़ और महासमुंद जिले में 14 अप्रैल से 22 अप्रैल तक टोटल लॉकडाउन लगा दिया गया है. वहीं कोरबा में 12 अप्रैल से टोटल लॉकडाउन लगाया गया है. तीनों जिलों में 22 अप्रैल तक के लिए लॉकडाउन रहेगा. कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने फैसले लिए हैं. इन तीन जिलों को मिलाकर अब तक प्रदेश के 10 जिलों में लॉकडाउन लग चुका है. इधर, प्रदेश में हर रोज कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ रहा है. एक दिन पहले के आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में 68125 मरीज हैं. इनमें से 2800 से अधिक को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है. अस्पतालों में ऑक्सीजन वाला बेड मिलने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।