धूमधाम से मनाया गया महाशिवरात्रि का पर्वशिवालयों में उमड़ी श्रद्वालुओं की भीड

धूमधाम से मनाया गया महाशिवरात्रि का पर्वशिवालयों में उमड़ी श्रद्वालुओं की भीड

खरसिया।

महाशिवरात्रि का पावन पर्व 11 मार्च कोे खरसिया क्षेत्र में अत्यंत ही धार्मिक वातावरण में धूमधाम के साथ मनाया गया। इस दौरान शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखी गई, देवो के देव कहे जाने वाले महादेव की उपासना का पर्व महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रो के शिवालयों में अल सुबह से शिवभक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली। वहीं नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रो में शिव मंदिरों को लोगों द्वारा महाशिवरात्रि पर्व के पहले विशेष साज सज्जा की गई थी। जहां मंदिरों के गर्भगृह को फूलमालाओं से सजाया गया था वहीं दीवारों में रंगीन झालरों की सजावट की गई थी। महाशिवरात्रि के अवसर पर दिन भर मंदिरों में शिवभक्तों का तांता लगा रहा।


विदित हो कि प्रतिवर्ष फागुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का पर्व धमधाम से मनाया जाता है। शिव भक्तों को इस दिन का विशेष रूप से इंतजार रहता है। इस बार यह पर्व 11 मार्च को मनाया गया। इस पावन पर्व पर शिव मंदिरों में अल सुबह से ही भक्तों की भीड उमडनी प्रारंभ हो गई थी जो दोपहर तक जारी रहा। नगर के मौहापाली रोड स्थित निकले हुए महादेव मंदिर, भगत तालाब स्थित शिव मंदिर, स्टेशन चौंक स्थित शिव मंदिर, सुखरू तालाब स्थित शिव मंदिर, गौशाला तालाब स्थित शिवालयों में श्रद्धालुओं द्वारा चंदन लगाकर शिवलिंग की पूजा अर्चना की गई। महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान शिव को जलाभिषेक करने के लिए शहर व ग्रामीण क्षेत्र के शिवालय में भरी भीड़ देखने को मिली।

पूरे क्षेत्र में महाशिवरात्रि पर्व धूमधाम से मनाया गया। शिव मंदिरों में गूंजे मंत्र और भजनों की ध्वनि भक्तों को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित कर रही थी। इस महा पुण्यदाई पर्व पर हर कोई अपनी अभिलाषाएं महादेव से पूर्ण करवाने की लालसा रखते हैं। कोई बिल्वपत्र तो कोई अक्षत-चावल लेकर, कोई कच्चा दूध लेकर तो कोई मनचाही मिठाई लेकर भोलेनाथ को समर्पित किये। वर्षों से अपनी अपूर्ण अभिलाषाओं की पूर्ति का वरदान पाकर लौटे। इस अवसर पर कुंवारी कन्याएं अपने भावी जीवन के लिए मनचाहा वरदान पाने हेतु 108 बिल्व पत्रों पर ओम नमः शिवाय लिखकर शिव को अर्पित किये तो कोई भक्त उपवास रखकर अपने इष्ट को रिझाने का प्रयत्न किये।

शिव मंदिरों में कहीं अखंड रामायण का पाठ चल रहा था तो कहीं शिव संकीर्तन और शिव पुराण का पाठ चल रहा था। क्षेत्र के सभी मंदिर शिव भजनों से गुंजायमान रहे। पुराणों में कहा जाता है आज के दिन भोलेनाथ का विवाह माँ पार्वती से हुआ था। अतः आज वे अपने भक्तों को मनचाहा वरदान प्रसन्नता से देते हैं। श्रद्धा के साथ यथासंभव कुछ भी शिव को अर्पित करें या श्रद्वा पूर्वक उनके चरणों में शीश नवाएं तो वह असंभव को भी सुलभ कर देते हैं।

भगत तालाब में हुयी विशेष पूजा
देर रात तक चलता रहा भजनों का दौर
अंचल ही नही वरन प्रदेश भर में मछली तालाब के नाम से प्रसिद्व भगत तालाब स्थित शिवमन्दिर में शिव मण्ड़ल के द्वारा महाशिवरात्रि का पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया गया, पुरषोत्तम अग्रवाल, विजय अग्रवाल, संतोष अग्रवाल, पवन अग्रवाल, दिनदयाल अग्रवाल, सुनील अग्रवाल, मुकेश अंगनूराम, श्याम सुन्दर अग्रवाल, मनोज अग्रवाल, आकाश शर्मा, शकुन्तला देवी अग्रवाल, रेखा अग्रवाल, कविता अग्रवाल सहित शिव मण्डल के सदस्यों के द्वारा इस अवसर पर भगवान भोलेनाथ का श्रृंगार किया गया तथा उनका दुध से अभिषेक किया गया, इस दौरान देर रात तक शिव मन्दिर में भक्तों के द्वारा भजन तथा कीर्तन किया गया, रात्रि लगभग 9 बजे बाबा की आरती कर सैंकड़ों भक्तों को बाबा भालेनाथ का प्रसाद तथा चरणामृत का वितरण किया गया। इस वर्ष शिव मंडल के द्वारा विगत वर्षों के श्रृंगार की फोटो लगाकर गर्भगृह को सजाया गया था जो शिवभक्तों को खूब रिझा रहा था।

Sunil Agrawal

Chief Editor - Pragya36garh.in, Mob. - 9425271222

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