फर्जीवाड़े की हद,965 लोगो के नम्बर ‘0000000000’

कोरोना काल में देश के अलग-अलग हिस्सों में धांधली और लापरवाही के कई मामले सामने आए हैं। जिसने चिकित्सा विभाग और सरकारी कामकाज की पोल खोल कर रखी दी है। लेकिन उत्तर प्रदेश के बरेली में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सभी के होश उड़ा कर रख दिए हैं। यहां चिकित्साकर्मियों ने फर्जी कोरोना सैंपलिंग की सारी हदें पार कर दी हैं।
चौंकाने वाली बात तो यह है कि फर्जीवाड़े के लिए जो तरीका अपनाया गया है, वह बहुत अजीब है। सैपंलिंग के लिए फर्जी नामों का उपयोग किया गया है, इसके साथ ऐसे फोन नंबर डाले गए हैं। जो अस्तित्व में ही नहीं हैं। ऐसा एक या 2 फर्जी नामों में नहीं हैं। 965 ऐसे नाम पाए गए हैं। जिसमें एक ही नंबर डाल दिया हैं। वह नंबर है 0000000000 यानी कि 10 बार शुन्य जो कि संभव ही नहीं है।
लक्ष्य पूरा करने के लिए…
दरअसल उत्तर प्रदेश चिकित्सा विभाग की और से प्रत्येक जिले में प्रतिदिन 3 हजार कोरोना सैंपल लेने के निर्देश दिए गए हैं। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रतिदिन इस लक्ष्य को पूरा किया जा रहा है। हर दिन की रिपोर्ट में 3000 से अधिक सैंपल लिए जा रहे हैं। जबकि हकिकत में ऐसा कुछ नहीं है। सैंपलिंग टीमों को लक्ष्य पूरा करने के लिए फर्जी नामों का सहारा लेना पड़ रहा है।
लोगों की जान के साथ ऐसे खिलवाड़
बता दें कि विभाग की ओर से सैंपल लेने के दौरान मरीज की जानकारी भरी जाती है। इस जानकारी में फोन नंबर भी डालना होता है। ऐसे में सैंपल लेने वाले कर्मचारियों ने 0000000000 ये नंबर डाल दिया। इतना ही नहीं 0से 9 तक के क्रम से नंबर में हजारों की संख्या में हैं। कोरोना महामारी जैसी खतरनाक परिस्थिति में इस तरह का फर्जीवाड़ा लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करने से कम नहीं हैं। असली लोगों के सैंपल लिए ही नहीं जा रहें हैं। कोरोना रिपोर्ट देखकर लग रहा है, मामले कम हो रहे हैं।