बच्चों के लिए छत्तीसगढ़ में अलग से बजट, ऐसा करने वाला देश का चौथा राज्य होगा…

प्रदेश सरकार पहली बार चाइल्ड बजट लाने जा रही है। नई सरकार का यह तीसरा बजट है, जिसमें बच्चों के लिए अलग अलग काम कर रहे तकरीबन 4-5 विभाग के कामों के एक ही जगह लाने की योजना है। इसकी प्लानिंग के लिए सीएम भूपेश बघेल 15 जनवरी से अपने मंत्रियों के साथ बैठक करने जा रहे हैं। चाइल्ड बजट का यह कांसेप्ट देश के कुछ राज्यों में लागू किया जा चुका है। दरअसल यह चाइल्ड बजट यूनीसेफ की उस योजना का हिस्सा है, जिसमें बच्चों के स्वास्थ्य और शैक्षिक विकास को सतत विकास लक्ष्य (संस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स- एसडीजी) में शामिल किया हुआ है। इस योजना को छत्तीसगढ़ ने भी 2030 तक के लिए अपने सीजी एसडीजी विजन में समाहित किया है।
प्रदेश में हर साल करीब 8 लाख बच्चे पैदा होते हैं और राज्य में इस समय नवजात से लेकर 18 वर्ष तक के बच्चों की तादाद 80 लाख के करीब है। इनके विकास के लिए सरकार के आधा दर्जन विभाग कई योजनाएं चलाते हैं। इनमें महिला बाल विकास और स्वास्थ्य मुख्य विभाग है। अकेले महिला बाल विकास विभाग इस साल अपने 2200 करोड़ के बजट में से बच्चों पर 14 सौ करोड़ खर्च कर रहा है, जबकि स्वास्थ्य विभाग 85 से 90 करोड़ खर्च करता है। यह राशि केवल टीकाकरण, बाल ह्रदय योजना, कांक्लियर इंप्लांट, मातृ-शिशु योजना पर खर्च की जाती है। स्कूल शिक्षा विभाग, प्रायमरी से हायरसेकंडरी स्कूलों में अध्ययनरत 56 हजार बच्चों पर 14 हजार करोड़ खर्च कर रहा है। इतना ही नहीं हर साल दोनों विभागों में इसमें 10 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ योजनाएं लागू की जाती है। इनके अलावा स्कूल शिक्षा, अजा-जजा कल्याण, श्रम और समाज कल्याण विभाग भी बड़ी राशि खर्च करते हैं। अब इन सबको को एक छत के नीचे लाकर पूरे समन्वय और तालमेल के साथ योजनाएं लागू की जाएंगी। इसकी रुपरेखा बनाने सीएम बघेल ने 15 जनवरी को इन विभागों के मंत्रियों की बैठक बुलाई है। वहीं राज्य योजना आयोग भी सचिवों के साथ प्लान बनाएगा।
इससे पहले 4 राज्य ला चुके हैं
सूत्रों के अनुसार इससे पहले देश के 4 राज्यों में चाइल्ड बजट लागू किया जा चुका है। इनमें केरल, असम, बिहार और कर्नाटक शामिल हैं। असम ने तो पिछले साल ही लागू किया है। जबकि शेष राज्य 2013-14 से लागू कर चुके हैं। छत्तीसगढ़ में पिछली भाजपा सरकार इसे नजरअंदाज किए हुए थी।
चौथा कांसेप्चुअल बजट
जानकारों के मुताबिक चाइल्ड बजट, 2013 के बाद से यह चौथा कांसेप्चुअल बजट होगा। इससे पहले बीजेपी सरकार आउटकम बजट, जेंडर बजट, यूथ बजट और कृषि बजट पेश कर चुकी है।
“प्रस्ताव बना रहे हैं। इसमें महिला-बाल विकास के साथ पंचायत, स्वास्थ्य, स्कूल शिक्षा के साथ बच्चों पर काम कर रहे विभागों की योजनाएं शामिल की जाएंगी।”
-अनिला भेंडिया, महिला बाल विकास मंत्री
“राज्य योजना आयोग और वित्त विभाग इस पर काम कर रहे हैं। इस पर जल्द ही सीएम के साथ बैठक कर प्रारूप तैयार कर लिया जाएगा।”
-अजय सिंह, उपाध्यक्ष योजना आयोग छत्तीसगढ़