सुप्रीम कोर्ट के 2020 के वो अहम फैसले जिससे बदली हमारी दुनिया…

सुप्रीम कोर्ट के 2020 के वो अहम फैसले जिससे बदली हमारी दुनिया…

निर्भया के दोषियों की अर्जी खारिज..फांसी पर लटकाया गया

फांसी से बचने के लिए आखिरी वक्त तक निर्भया के गुनाहगारों ने प्रयास किया। सुप्रीम कोर्ट ने गुनाहगार पवन की याचिका 20 मार्च को तड़के साढ़े तीन बजे खारिज की और सुबह साढ़े पांच बजे चारों मुजरिमों को फांसी के तख्त पर चढ़ा दिया गया। मुजरिमों ने गुरुवार को लगातार पटियाला हाउस कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक अलग-अलग अर्जियां दाखिल की और एक-एक कर तमाम अर्जियां खारिज होती गई। देखा जाए तो आखिरी सांस तक निर्भया के गुनाहगारों ने तमाम तिकड़म और कानूनी दांव पेंच का सहारा लिया लेकिन फिर भी वह अपने आखिरी अंजाम तक पहुंच गए।

महिलाओं को परमानेंट कमीशन

17 फरवरी को दिए महत्वपूर्ण फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने आर्म्ड फोर्स में महिलाओं के साथ भेदभाव को खत्म कर दिया। और कहा है कि सभी महिला ऑफिसरों को परमानेंट कमिशन मिलेगा और उनके लिए कमांड पोजिशन का रास्ता भी साफ कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने केंद्र सरकार से कहा था कि वह महिला ऑफिसरों को तीन महीने के भीतर परमानेंट कमिशन प्रदान करें। जस्टिस चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा कि महिलाओं ने अतीत में तमाम बहादुरी के कारनामे किए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने लिंग समानता के मामले में मील का पत्थर साबित करने वाले फैसले में कहा है कि सरकार को मामले में अपनी विचारधारा और माइंडसेट बदलने की जरूरत है।

सुशांत केस में सीबीआई जांच पर मुहर

सुशांत सिंह राजपूत केस में सुप्रीम कोर्ट ने 19 अगस्त को अपना फैसला दिया कि मामले में सीबीआई जांच हो और कहा है कि महाराष्ट्र सरकार सीबीआी को सहयोग करे। महाराष्ट्र सरकार तमाम जांच संबंधित दस्तावेज में मदद करे। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से कहा है कि वह भविष्य में सुशांत केस से संबंधित मामले को अपने हाथों में ले। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई न सिर्फ पटना के एफआईआर मामले की जांच के लिए सक्षम है बल्कि आगे भी कोई केस दर्ज होता है इस मामले में तो वह सीबीआई देखेगी।

कोरोना काल में विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई का आदेश

6 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि देश भर की अदालतों में विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई किया जाए। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने देश भर के हाई कोर्ट से कहा है कि वह इसके लिए उपाय करें ताकि विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई सुनिश्चित हो सके। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कोरोना के कारण कोर्ट में भीड से बचना होगा ताकि महामारी न फैले।

देश भर के थानों में सीसीटीवी लगाए जाएं

2 दिसंबर 2020 देश भर के थानों में सीसीटीवी लगाने का सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने देश भर के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि सही भावना से कोर्ट के आदेश को लागू कराया जाए। थाने का एसएचओ तमाम डाटा और सीसीटीवी के रखरखाव के लिए जिम्मेदार होगा और एसएचओ इस बात को सुनिश्चित करेगा कि सीसीटीवी वर्किंग कंडिशन में रहे। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह सीबीआई, ईडी, एनआईए, एनसीबी, डीआरआई, सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन आदि के दफ्तर में भी सीसीटीवी लगाए जाएं।

प्रशांत भूषण अवमानना के दोषी करार

14 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने जानेमाने एडवोकेट प्रशांत भूषण को कंटेप्ट ऑफ कोर्ट में दोषी करार दिया है। भूषण ने दो टि्वट में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। वहीं 31 अगस्त को भूषण को कंटेप्ट ऑफ कोर्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण पर एक रुपये का जुर्माना लगाया और कहा है कि अगर वह जुर्माने की रकम जमा नहीं करते तो उन्हें तीन महीने की जेल होगी और प्रैक्टिस पर तीन साल के लिए बैन लग जाएगा।

बेटे के बराबर बेटी को अधिकार

11 अगस्त को दिए सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में कहा है कि बेटी को अपने पैतृक संपत्ति में बेटे के बराबर का अधिकार है और हिंदू उत्तराधिकार (संशोधन) अधिनियम 2005 के वक्त चाहे बेटी के पिता जिंदा रहे हों या नहीं बेटी को हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली (एचयूएफ) में बेटे के बराबर संपत्ति में अधिकार मिलेगा। बेटी को पैदा होते ही जीवनभर बेटे के बराबर का अधिकार मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि हिंदू उत्तराधिकार संशोधन अधिनियम 2005 की धारा-6 के तहत प्रावधान है कि बेटी पैदा होते ही कोपार्सनर (हम वारिस या सहदायिकी) हो जाती है। हिंदू उत्तराधिकार संशोधन अधिनियम 2005 के बाद बेटी पैदा हुई हो या पहले पैदा हुई हो उसका बेटे के बराबर हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली (एचयूएफ) के संपत्ति में अधिकार होगा।

बहू को ससुराल में रहने का अधिकार

15 अक्टूबर 2020 को दिए अहम फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संपत्ति मालिक अगर डोमेस्टिक रिलेशनशिप में हो तो बहू को संपत्ति में रहने का अधिकार है। यानी सास-ससुर अगर डोमेस्टिक रिलेशनशिप में हैं तो बहू शेयर्ड हाउस होल्ड प्रॉपर्टी में रह सकती है। सुप्रीम कोर्ट के एक अहम फैसले में बहू को ससुराल में रहने का अधिकार दिया गया। दरअसल डोमेस्टिक वायलेंस एक्ट के तहत दिए गए प्रावधान की सुप्रीम कोर्ट ने व्याख्या की है और कहा कि डोमेस्टिक रिलेशन में बहू अगर रह चुकी है या रह रही है तो उसे डीवी एक्ट के तहत वहां रहने का अधिकार है।

राइट टु हेल्थ मौलिक अधिकार

18 दिसंबर को दिए अपने महत्वपूर्ण आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राइट टु हेल्थ मौलिक अधिकार है और संविधान के अनुच्छेद-21 इसकी गारंटी करता है। सरकार की जिम्मेदारी है कि वह लोगों के सस्ते इलाज की व्यवस्था करे। अपने अहम फैसले में कहा है कि राइट टु हेल्थ मौलिक अधिकार है और संविधान के अनुच्छेद-21 के तहत जो जीवन का अधिकार है उसी में राइट टु हेल्थ शामिल है। इसके तहत सस्ते इलाज की व्यस्था होनी चाहिए। राइट टु हेल्थ में इलाज आम लोगों के जेब के दायरे में होना चाहिए। ऐसे में सरकार की जिम्मेदारी है कि वह आम लोगों के लिए सस्ते इलाज की व्यवस्था करे। राज्य की ये भी जिम्मेदारी है कि सरकार और स्थानीय एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा चलाए जाने वाले अस्पतालों की संख्या ज्यादा से ज्यादा बनाई जाए और इसकी व्यवस्था की जाए।

लोगों की लिबर्टी सर्वोपरि

27 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्रिमिनल केस में निष्पक्ष जांच जरूरी है लेकिन अदालतों को सुनिश्चित करना होगा कि किसी नागरिक को प्रताड़ित करने के लिए क्रिमिनल लॉ का इस्तेमाल हथियार के तौर पर न हो। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि मानवीय लिबर्टी बहुमूल्य संंवैधानिक अधिकार है। हाई कोर्ट को असीम अधिकार मिले हुए हैं ताकि लोगों के संवैधानिक मूल्यों और स्वच्छंदता (लिबर्टी) संरक्षित रहे। मानवीय लिबर्टी महत्वपूर्ण और बहुमूल्य अधिकार है। इसमें संदेह नहीं है कि ये कानून के दायरे में है। आजादी के बाद संसद ने हाई कोर्ट के असीम अधिकार को मान्यता दे रखी है ताकि लोगों के संवैधानिक मूल्य और लिबर्टी संरक्षित रहे। संवैधानिक तानेबाने के जरिये लिबर्टी का रिट मिला हुआ है।

Sunil Agrawal

Chief Editor - Pragya36garh.in, Mob. - 9425271222

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