प्रज्ञा छत्तीसगढ़ परिवार की ओर से सभी पाठकों और प्रदेशवासियों को दीप पर्व दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं..

प्रज्ञा छत्तीसगढ़ परिवार की ओर से सभी पाठकों और प्रदेशवासियों को दीप पर्व दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं..

सुनील अग्रवाल खरसिया। प्रज्ञा छत्तीसगढ़ वेब पोर्टल की ओर से सभी पाठकों व प्रदेशवासियों को दीपों के महापर्व दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। दीपों का यह महापर्व प्रति वर्ष शरद ऋतु में मनाया जाने वाला एक प्राचीन हिन्दू त्यौहार है। दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है जो ग्रेगोरी कैलेंडर के अनुसार अक्टूबर या नवंबर महीने में पड़ता है। दीपावली भारत के सबसे बड़े और सर्वाधिक महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। दीपावली दीपों का त्योहार है।

दीपावली मनाने के पीछे कई पौराणिक कथाएं व मान्यताएं हैं, इसीलिए देश के अलग-अलग हिस्सों में इसे मनाने के तरीकों में भी विभिन्नता पाई जाती हैं।

आइए जानते हैं आखिर दीपावली क्यों मनाई जाती है-

1- भगवान राम अयोध्या लौटे थे
माना जाता है कि जब भगवान राम रावण को हराकर और चौदह वर्ष का वनवास पूरा कर अयोध्या लौटे तो नगरवासियों ने पूरे अयोध्या को रोशनी से सजा दिया और यहां से ही भारतवर्ष में दीपावली के त्योहार का चलन शुरू होना माना जाता है।

2- हिरण्यकश्यप का वध
एक पौराणिक कथा के अनुसार भगवान विष्णु ने नरसिंह रूप धारणकर हिरण्यकश्यप का वध किया था। दैत्यराज की मृत्यु पर प्रजा ने घी के दीये जलाकर दीपावली मनाई थी।

3- कृष्ण ने नरकासुर का वध किया
भगवान श्री कृष्ण ने अत्याचारी नरकासुर का वध दीपावली के एक दिन पहले चतुर्दशी को किया था। इसी खुशी में अगले दिन अमावस्या को गोकुलवासियों ने दीप जलाकर खुशियां मनाई थीं।

4- शक्ति ने धारण किया महाकाली का रूप  
राक्षसों का वध करने के बाद भी जब महाकाली का क्रोध कम नहीं हुआ तब भगवान शिव स्वयं उनके चरणों में लेट गए। भगवान शिव के शरीर स्पर्श मात्र से ही देवी महाकाली का क्रोध समाप्त हो गया। इसी की याद में उनके शांत रूप लक्ष्मी की पूजा की शुरुआत हुई। इसी रात इनके रौद्ररूप देवी काली की पूजा का भी विधान है।

5- प्रकट हुए लक्ष्मी, धन्वंतरि व कुबेर 
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार दीपावली के दिन ही माता लक्ष्मी दूध के सागर, जिसे केसर सागर के नाम से जाना जाता है, से उत्पन्न हुई थीं। साथ ही समुद्र मन्थन से आरोग्यदेव धन्वंतरि और भगवान कुबेर भी प्रकट हुए थे।

दीपावली में श्री राम जी आपके घर सुखों की बरसात करें, दुखों का नाश करें, प्रेम की फुलझड़ी व अनार आपके घर को रोशन करें, रोशनी के दीये आपकी जिंदगी में खुशियां लाएं!!

इन्ही शुभकामनाओं के साथ प्रज्ञा छत्तीसगढ़ परिवार की तरफ से सुधि पाठकों को दीप पर्व की हार्दिक बधाई..

Sunil Agrawal

Chief Editor - Pragya36garh.in, Mob. - 9425271222

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *