मोदी सरकार समिति ने शुरु की IPC और CRPC में तब्दीली की कवायद.. माँगे सुझाव, 9 अक्टूबर अंतिम तिथि…

रायपुर। मोदी सरकार ने देश में चल रहे आईपीसी और सीआरपीसी में व्यापक परिवर्तन की ओर अहम कदम बढ़ा दिया है। देश में जो IPC और CRPC है जिससे कि पुलिस व्यवस्था संचालित होती है उनके आधार में ब्रिटिश इंडिया ही नही बल्कि कंपनी इंडिया समय है। विधि छात्र मानते हैं कि कई क़ानून या तो अब अर्थ खो चुके हैं या कि उनका उपयोग अप्रासंगिक माना जाता है।
राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय दिल्ली की समिति केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर IPC और CRPC में आवश्यक परिवर्तन पर काम कर रही है। इस समिति ने विधि विशेषज्ञों, इस क्षेत्र में काम करने वाली संस्थाओं तथा उनसे राय आमंत्रित की है जिनकी संबंधतता इस क्षेत्र से है।
इस रायशुमारी और सलाह सुझाव को तीन भागों में बाँटा गया है पहला है IPC दूसरा CRPC और तीसरा है साक्ष्य अधिनियम। प्रत्येक को दो दो खंडों में बाँटा गया है। यह प्रक्रिया 9 अक्टूबर तक जारी रहेगी।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के प्रवक्ता के अधिकृत ट्विटर हैंडल से विस्तृत जानकारी देते हुए इस संबंध में बताया गया है कि criminallawreforms.in/expert-consultation
जिस विधि से यह तय होता है कि किस अपराध के लिए क्या धारा और उसकी क्या सजा होगी वह IPC कहलाती है, और जिस प्रक्रिया का पालन करते हुए इस विधि की स्थापना होती है उसे CRPC कहा जाता है।