161 फीट ऊंचे राम मंदिर के प्रस्तावित मॉडल की तस्वीरें जारी, अयोध्या के हर कोने से दिखेगा शिखर

161 फीट ऊंचे राम मंदिर के प्रस्तावित मॉडल की तस्वीरें जारी, अयोध्या के हर कोने से दिखेगा शिखर

राम मंदिर 70 एकड़ में बनेगा, तीन एकड़ में मंदिर और कॉरिडोर होगा


 67 एकड़ भूमि में म्यूजियम, सीता, लक्ष्मण, भरत और भगवान गणेश के मंदिर बनेंगे
 श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 1989 में राम मंदिर का मॉडल बनाया गया था।


अयोध्या। अयोध्या में कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भगवान राम के मंदिर का भूमि पूजन करेंगे। इससे पहले मंगलवार को राम मंदिर के मॉडल की तस्वीरें सामने आई हैं। 161 फीट ऊंचे राम मंदिर में पांच मंडप और एक मुख्य शिखर है। दावा है कि अयोध्या के हर कोने से यह मंदिर दिखेगा। साल 1989 में राम मंदिर का मॉडल बनाया गया था। जिसमें श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने बदलाव किया है। यह मंदिर साढ़े तीन साल में बनकर तैयार होगा।

राममंदिर का नक्शा तैयार करने वाले चीफ आर्किटेक्ट सोमपुरा के बेटे निखिल सोमपुरा ने बताया कि मंदिर के पास 67 एकड़ जमीन होगी। लेकिन, मंदिर 2 एकड़ में ही बनेगा। बाकी 65 एकड़ की जमीन पर मंदिर परिसर का विस्तार किया जाएगा।
राम मंदिर के लिए 12 से 14 फीट ऊंचाई का प्लेटफार्म बनाया जाएगा।
एक अनुमान के मुताबिक, मंदिर में एक दिन में एक लाख राम भक्त पहुंच सकेंगे। इसी को ध्यान में रखकर मंदिर के मॉडल में बदलाव किया गया है। यह मंदिर नागर शैली में बनेगा। इसमें सीमेंट या सरिया का इस्तेमाल नहीं होगा।



पहले मंदिर में दो गुबंद बनने थे। मूल मॉडल में बिना परिवर्तन किए इन्हें पांच कर दिया है। गर्भगृह से 200 फीट नीचे की मिट्टी का परीक्षण किया गया था। जिस जगह मिट्टी मंदिर का भार (वजन) सहने में कमजोर मिलेगी, उसके आगे तक मंदिर के आधार का प्लेटफार्म बढ़ाया जाएगा।
 
मंदिर में सिंहद्वार, रंग मंडप, नृत्य मंडल, पूजा कक्ष और गर्भगृह के ऊपर पांचों गुंबद बनेंगे। शिलापूजन के बाद मशीनें लगाकर नींव खुदाई का काम शुरू हो जाएगा। मंदिर के फर्श में संगमरमर लगाया जाएगा। यह मंदिर लगभग 318 पिलर पर खड़ा होगा।
यह एक मंडप का दृश्य है। नक्काशी नुमा खंभों पर मंडप को बनाया जाएगा।

पूरे मंदिर के निर्माण में करीब 1.75 लाख घन फुट पत्थर की जरूरत बताई गई थी। कारसेवकपुरम् में मंदिर के लिए पत्थर तराशे गए हैं, जिनसे एक मंजिला भवन तैयार हो जाएगा। बाकी दो मंजिला भवन के लिए पत्थर तराशे जाएंगे। मंदिर के नींव के प्लेटफार्म को तैयार करने में तीन-चार महीने लग सकते हैं।
 
यह नागर शैली में बना अष्टकोणीय मंदिर होगा। इसमें भगवान राम की मूर्ति और राम दरबार होगा। मुख्य मंदिर के आगे-पीछे सीता, लक्ष्मण, भरत और भगवान गणेश के मंदिर होंगे।



मंदिर निर्माण के लिए राम जन्मभूमि न्यास और विश्व हिन्दू परिषद की ओर से पत्थरों को मंगाने और तराशने का काम सितंबर 1990 में शुरू किया गया था।
 
70 एकड़ भूमि में तीन एकड़ में मंदिर और कॉरिडोर बनेगा। इसके अलावा 67 एकड़ भूमि में कई म्यूजियम, माता सीता, लक्ष्मण, भरत और भगवान गणेश के मंदिर बनेंगे। पूरा परिसर हरा-भरा होगा।

Sunil Agrawal

Chief Editor - Pragya36garh.in, Mob. - 9425271222

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