ऐसे घरों में ही मरीज को होम आइसोलेशन, जिस मकान में ज्यादा कमरे और कम से कम दो टाॅयलेट की सुविधा उपलब्ध हो….

रायपुर। राजधानी दिल्ली और मुंबई की तर्ज पर अब छत्तीसगढ़ में भी ऐसे कोरोना संक्रमितों को घर पर आइसोलेट रखकर उनके इलाज की तैयारी की जा रही है, जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं हैं या फिर हल्के हैं। मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या और पैक होते अस्पतालों को ध्यान में रखकर यह रणनीति तैयार की गई है। होम आइसोलेशन ऐसे मरीज का ही किया जाएगा, जिसमें कोरोना के लक्षण नहीं नजर आ रहे हों तो हल्के हों। किसी अन्य बीमारी से पीड़ित मरीज को यह सुविधा नहीं मिलेगी। होम आइसोलेशन उन्हें मिलेगा, जिनके मकानों में कमरे ज्यादा हैं और कम से दो टाॅयलेट हैं। ताकि मरीज एक का इस्तेमाल करे और घर के क्वारेंटाइन लोग दूसरे का।  छत्तीसगढ़ में अभी कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या छह हजार से पार हो गई है। कोरोना संक्रमितों के लिए प्रदेश के अस्पतालों में फिलहाल करीब 10 हजार बिस्तरों का इंतजाम है। राजधानी रायपुर के बड़े संस्थान जैसे अंबेडकर अस्पताल और एम्स लगभग पैक हो चुके हैं। बढ़ते मरीज और घटते बेड को ध्यान में रखते हुए ही स्वास्थ्य विभाग ने बिना लक्षण वाले कोरोना मरीजों को होम आइसोलेशन में रखकर इलाज की तैयारी शुरू की है। इसका सिस्टम यह रहेगा कि जिस मरीज को सांस में तकलीफ या दूसरे लक्षण नहीं हैं, वायरल लोड भी कम है, उसे दवाई देकर उसी के घर में ऐसे कमरे में आइसोलेट कर दिया जाएगा, जहां परिवार के किसी सदस्य का आना-जाना न हो। इसी परिवार के दूसरे क्वारेंटाइन लोगों को भी वहीं रहने की अनुमति दी जाएगी। लेकिन इसके लिए जरूरी यह है कि घर में एक ही व्यक्ति संक्रमित हो, बाकी निगेटिव निकलें। किसी परिवार में एक से ज्यादा पाजिटिव निकले तो फिर उन्हें अस्पताल में ही रखा जाएगा। 

यह सावधानियां भी जरूरी
ऐसे मरीजों को घर पर रहते हुए आइसोलेशन संबंधी सारी सुविधाएं मिलेंगी। होम आइसोलेशन काेरोना पॉजिटिव होने के दस दिनों बाद और पिछले तीन दिनों तक बुखार न आने की स्थिति में खुद समाप्त माना जाएगा। इसके बाद अगले सात दिनों तक रोगी घर पर ही रहकर अपने स्वास्थ्य की निगरानी करेंगे। होम आइसोलेशन की समाप्ति के बाद टेस्टिंग की आवश्यकता नहीं होगी। इलाज करने वाले डाॅक्टर ऐसे व्यक्ति को लक्षण रहित मरीज के रूप में चिह्नित करेगा। ऐसे मरीज को घर पर स्वयं को आइसोलेट करने एवं परिजनों को होम क्वारेंटाइन की सुविधा दी जाएगी, लेकिन आवश्यक यह है कि ऐसे घर में कम से कम दो टायलेट होने चाहिए। हालांकि ऐसे रोगी जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता किसी अन्य बीमारी की वजह से पहले ही कमजोर है, उन्हें होम आइसोलेशन की अनुमति नहीं दी जाएगी।

एक व्यक्ति कोऑर्डिनेट करेगा
24 घंटे मरीज की देखरेख के लिए एक व्यक्ति उपलब्ध होना चाहिए। संपूर्ण आइसोलेशन अवधि के दौरान देखभाल करने वाले व्यक्ति एवं संबंधित अस्पताल के मध्य संपर्क बनाए रखना होम आइसोलेशन की प्रमुख जरूरत है। देखभाल करने वाले व्यक्ति एवं मरीज के नजदीकी संपर्कों को प्रोटोकॉल एवं इलाज करने वाले डॉक्टर के परामर्श के अनुसार हाइड्राक्सीक्लोरोक्विन दवा लेनी होगी। यही नहीं, पूरे परिवार को हर मोबाइल पर आरोग्य सेतु ऐप भी डाउनलोड करना होगा।

अभी से तैयारी जरूरी : सिंहदेव
“प्रदेश में जिस तरह कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है इसे देखते हुए प्रयोग के तौर पर इसे दुर्ग में शुरु किया गया है। बिस्तर कम पड़ने पर होम आइसोलेशन की जरूरत पड़ सकती है। भविष्य की आशंकाओं को ध्यान में रखकर यह रणनीति अपना रहे हैं।”
-टीएस सिंहदेव, स्वास्थ्य मंत्री

Sunil Agrawal

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