कोरोना महामारी या वरदान – श्रीमती हेमा मनोज अग्रवाल

कोरोना महामारी या वरदान – श्रीमती हेमा मनोज अग्रवाल

खरसिया। वैश्विक महामारी कोरोना, जिसने समस्त विश्व को घुटनों पर ला पटका है, और स्वयं को सर्वशक्तिमान समझने वाले मनुष्य को प्रकृति की शक्ति का एहसास कराया है, समस्त विश्व मानो इस बीमारी की वजह से थम सा गया है, इस बीमारी ने जहां मनुष्य को पंगु बना दिया है, वहीं उसे प्रकृति के करीब आने का अवसर भी प्रदान किया है, इस बीमारी की वजह से बदली जीवनशैली पर खरसिया नगर पालिका परिषद की वार्ड़ क्रमांक 5 की पार्षद श्रीमती हेमा मनोज अग्रवाल से चर्चा हुयी जिसमें उन्होंने बेबाकी से ने अपने विचार रखते हुये इस महामारी के संबंध में अपने अनुभव साझा किये।
श्रीमती हेमा मनोज अग्रवाल ने बताया की मुझे इस संकट की घड़ी में अपने परिवार का साथ मिला अपने बच्चों और पति के साथ समय बिताने का अवसर मिला, नई नई चीजें सीखने को मिली। हम यह समझते थे कि बाहर के खाने के बिना हमारा जीवन नहीं चल सकता, यह भ्रम दूर हुआ कम खर्च में भी घर अच्छे से चलाया जा सकता है, इस बात का अनुभव मिला। बाहर घूमना ही सब कुछ नहीं है, घर में बैठकर भी बहुत कुछ किया जा सकता है। भारत की संस्कृति संस्कार जो हमारी पहचान है उन धार्मिक सीरियल को परिवार के साथ देखने का अवसर मिला। कोरोना का यह संकट गंभीर तो है लेकिन इस संकट ने हमें बहुत कुछ सिखा दिया, हम घर में रहकर भी अच्छा खा कर कम खर्चे में अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं, और अपना जीवनयापन कर सकते है। पहले हमारी दिन कि शुरूआत सुबह सैर करने से होती थी, परन्तु अब हम सुबह बड़ों एवं बच्चों के साथ बैठ कर पूरे दिन में क्या नया करना है इसकी चर्चा करते है, हमें क्या नया पकवान बनाना है कौन कौन से खेल खेलने है यह तय करते है, एवं सभी को कोरोना से बचने के उपायो से जागरूक करते है।
उन्होंने आगे कहा कि मैंने घर पर रह कर बहुत चीजें सीखी जैसे की घर की सफाई के साथ साथ व्यायाम, योगा, बागवानी, चित्रकारी, साहित्य पढ़ना, धार्मिक सीरियल देखना,बुजुर्गों और बच्चों की देखरेख करना, शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने युक्त भोजन करना अदरक ,हल्दी,गुड, विटामिन ब युक्त वाली चीजें ग्रहण करना। ये सब उपाय प्रत्येक ब्यक्ति को अपने दिनचर्या में शामिल करना चाहिये । हमें कोरोना के साथ जीवन जीना सीखना होगा क्योंकि भारत में इससे अलग तरह के और भी संक्रमण है। इंसान के द्वारा प्रकृति को आज तक अपने अनुकुल करने के प्रयास पर उसका दोहन किया गया जिसे प्रकृति ने स्वयं सुधारा है, इस समय पर वातावरण निश्चित रूप से विशुद्ध हुआ है।


’कुछ कुछ बना कर सब को परोस रही है नारी,’
’लॉक डाउन को सफल बनाने में इनकी पहली बारी।’


वही एक भारतीय नारी कोरोना वारियर की तरह प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से घर गृहस्थी संभाल कर अपने कर्तव्यों का पूर्ण आवहान कर रही है। परिवार के सभी सदस्यों को उनके मनपसंद व्यंजन बनाकर खिलाने मे ही महिलाओं का क्वारंटाइन और लॉक डाउन निकल रहा है। आज पूरा परिवार जो कभी एक टाइम पर साथ में खाना नहीं खाते थे वो आज एक साथ बैठ कर तीनो चारो टाइम का खाना खा रहे है, और समय बिता रहे है, जिसमे मुख्य योगदान हम नारियो का ही है।


’कैसे हुई प्रकृति और खुद को जानने की शुरुआत’


जीवन की भागदौड़ के बीच हमने खबरों में सुना चीन के वुहान शहर में कोरोना नामक बीमारी दिन प्रति दिन फैल रही है। परंतु हमारी जिंदगी से इसपे कोई फर्क नहीं पड़ा। भारत में भी कोरोना का पहला मरीज ३१ जनवरी को केरला प्रांत में आया था ,पर फिर भी हमने सतर्कता नहीं दिखाई। हमारी आँखें तो तब खुली जब यह बीमारी भारत में भी दिन प्रति दिन फैलने लगी एवं जब मोदी जी ने २२ मार्च को पूरे भारत में जनता कर्फ्यू का ऐलान किया । २५ मार्च को फिर मोदी जी ने २१ दिन का भारत बंद का ऐलान किया। करोना से बचने के लिए अनेक प्रकार की सावधानिया बरतने की सलाह दी जा रही है, जिसमे हमने बहुत कुछ सीखा है जो हमेशा हमारे लिए फायदेमंद ही साबित होंगी, अंत में मैं आप सभी से भी यही कहना चाहूंगी जीवन बहुत अनमोल है इस संकट की घड़ी में अपने आप को भी बचाना है और अपने आसपास के सभी को बचाना है इसलिए घर पर रहे सुरक्षित रहें यह संकट भी चल जाएगा।

Sunil Agrawal

Chief Editor - Pragya36garh.in, Mob. - 9425271222

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *