भारतीय रिज़र्व बैंक ने कहा,’कोविड-19 के प्रकोप के कारण पूंजी बाजारों में भारी अस्थिरता आई है, जिससे म्युचुअल फंड्स (MFs) में लिक्विडिटी का संकट पैदा हो गया है। भारी संख्या में रिडंप्शन होने से म्युचुअल फंड्स में लिक्विडिटी को लेकर दबाव और बढ़ गया है। हालांकि, लिक्विडिटी को लेकर दबाव उच्च जोखिम वाले डेट म्युचुअल फंड सेगमेंट में ही है, इंडस्ट्री के बड़े हिस्से में लिक्विडिटी को लेकर समस्या नहीं है।’
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह यूएस बेस्ड म्युचुअल फंड हाउस फ्रैंकलिन टेम्पलटन इंडिया ने अपने छह डेट फंड्स को बंद कर दिया था। जिससे इन फंड्स में से निवेशक पैसे नहीं निकाल पाएंगे। इस तरह निवेशकों के करीब 30 हजार करोड़ रुपये इन छह डेट फंड्स में फंस गए हैं। फ्रैंकलिन टेम्पलटन इंडिया ने फंड्स को बंद करने के पीछे कोरोना वायरस संकट और लॉकडाउन के चलते नकदी की कमी का हवाला दिया था।
यहां बता दें कि कंपनी ने फ्रैंकलिन इंडिया टेम्पलटन लो ड्यूरेशन फंड, फ्रैंकलिन इंडिया टेम्पलटन इनकम ऑपरच्यूनिटी फंड, फ्रैंकलिन इंडिया टेम्पलटन क्रेटिड रिस्क फंड, फ्रैंकलिन इंडिया टेम्पलटन शॉर्ट टर्म इनकम प्लान, फ्रैंकलिन इंडिया टेम्पलटन शॉर्ट बॉन्ड फंड और फ्रैंकलिन इंडिया टेम्पलटन डायनामिक एक्यूरियल फंड को बंद किया है। इस फैसले के बाद अब इन छह डेट फंड्स में कोई ताजा खरीद नहीं कर पाएगा। वहीं, मौजूदा निवेशकों का पैसा इन फंड्स में लॉक रहेगा।