भारत अपनी आर्थिक ग्रोथ (जीडीपी) के बारे में झूठ बोल रहा है : सबीर भाटिया

भारत अपनी आर्थिक ग्रोथ (जीडीपी) के बारे में झूठ बोल रहा है : सबीर भाटिया

सबीर भाटिया एक भारतीय-अमेरिकी उद्यमी और तकनीकी नवप्रवर्तक हैं, जिन्हें हॉटमेल (Hotmail) के सह-संस्थापक के रूप में जाना जाता है। 1988 में बिट्स पिलानी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री लेकर वे आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका चले गए और कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (कैलटेक) से स्नातक किया।

सबीर ने 1996 में जैक स्मिथ के साथ मिलकर हॉटमेल की स्थापना की, जो दुनिया की पहली मुफ्त वेब-आधारित ईमेल सेवा थी। यह विचार उस समय क्रांतिकारी था, क्योंकि लोगों को कहीं से भी ईमेल एक्सेस करने की सुविधा मिली। 1997 में, माइक्रोसॉफ्ट ने हॉटमेल को 400 मिलियन डॉलर में खरीद लिया, जो उस समय की बड़ी तकनीकी डील थी।

हॉटमेल के बाद, सबीर ने कई अन्य उद्यम शुरू किए, जैसे अरज़ू (Arzoo) । उनकी सफलता ने उन्हें वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई। आज भी उनकी गिनती इंटरनेट क्रांति के अग्रदूतों में होती है।

उनके अनुसार भारत की GDP के आँकड़े झूठे हैं ग़लत हैं ।ऐसा अब देश और दुनिया के अनेक अर्थशास्त्री और उद्योगपति कहने लगे हैं । वजह यह है कि न तो निर्यात बढ़ा है और न घरेलू माँग बढ़ी है तो अर्थव्यवस्था कहाँ और कैसे बढ़ रही है? यह सिर्फ़ आँकड़ों की हेराफेरी से ही संभव है!

Hotmail के फाउंडर Sabeer Bhatia ने कहा है कि:

1. भारत GDP के बारे में झूठ बोल रहा है – यानी उनका कहना है कि भारत जो अपनी आर्थिक ग्रोथ (GDP) के आंकड़े दिखा रहा है, वे सही नहीं हैं या उन्हें बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जा रहा है।

2. भारत को अपनी काम करने की आदतों (work ethic) पर दोबारा विचार करना चाहिए – यानी अगर भारत को चीन जैसी आर्थिक शक्ति से मुकाबला करना है, तो यहां के लोगों को अपनी काम करने की शैली, मेहनत और प्रोफेशनलिज़्म में सुधार लाना होगा।

सीधे शब्दों में: Sabeer Bhatia का मानना है कि अगर भारत वाकई में वैश्विक स्तर पर खासकर चीन से टक्कर लेना चाहता है, तो सिर्फ आंकड़े दिखाने से नहीं चलेगा। लोगों की काम करने की सोच, मेहनत और प्रैक्टिकल अप्रोच को भी बदलना होगा।

हाल ही में, हॉटमेल के सह-संस्थापक सबीर भाटिया ने भारत की GDP गणना और कार्य संस्कृति पर महत्वपूर्ण टिप्पणियाँ की हैं। उनके मुख्य विचार निम्नलिखित हैं:

GDP गणना में खामियाँ:

भाटिया के अनुसार, भारत की GDP गणना प्रणाली में त्रुटियाँ हैं। उन्होंने कहा कि देश में आर्थिक उत्पादन का आकलन करते समय केवल वित्तीय लेन-देन को कार्य के रूप में गिना जाता है, जिससे वास्तविक उत्पादकता का सही आकलन नहीं हो पाता। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि अन्य देशों में आर्थिक उत्पादन को कार्य किए गए घंटों और उनके मूल्य के आधार पर मापा जाता है। 

कार्य संस्कृति और शिक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता:

भाटिया ने भारत की कार्य संस्कृति और शिक्षा प्रणाली पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अधिकांश इंजीनियरिंग स्नातक प्रबंधन क्षेत्र में चले जाते हैं और वास्तविक उत्पाद निर्माण में शामिल नहीं होते। उन्होंने यह भी बताया कि चीन में शिक्षा सभी के लिए सुलभ है, जबकि भारत में यह मुख्य रूप से अमीरों तक सीमित है। 

चीन के साथ प्रतिस्पर्धा के लिए सुझाव:

चीन के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए, भाटिया ने सुझाव दिया कि भारत को अपनी कार्य संस्कृति में बदलाव लाना होगा। उन्होंने कहा कि चीन में लोग अपने हाथों से काम करने वालों को महत्व देते हैं, जबकि भारत में इस सोच में बदलाव की आवश्यकता है। 

इन विचारों को विस्तार से समझने के लिए, आप यह वीडियो देख सकते हैं जिसमें सबीर भाटिया ने इन मुद्दों पर चर्चा की है:

Sunil Agrawal

Chief Editor - Pragya36garh.in, Mob. - 9425271222

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