आरटीजीएस और एनईएफटी से पेमेंट में बड़ा बदलाव, आरबीआई के इस कदम से कैसे होगा फायदा?

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आरटीजीएस और एनईएफटी जैसे पेमेंट सिस्टम में बड़े बदलाव करने का ऐलान किया है। अब पैसे भेजने से पहले आप चेक कर सकेंगे कि आप सही व्यक्ति को पैसे भेज रहे हैं या नहीं। यह सुविधा UPI और IMPS में पहले से ही मौजूद है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की बैठक के बाद बताया कि ग्राहकों की सुरक्षा और धोखाधड़ी रोकने के लिए यह फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि आरटीजीएस और एनईएफटी में ‘बेनेफिशियरी अकाउंट नेम लुक-अप फैसिलिटी’ शुरू की जा रही है।
कैसे काम करेगी सुविधा?
इस सुविधा के जरिए पैसे भेजने वाला व्यक्ति खाता संख्या और IFSC कोड डालकर यह पुष्टि कर सकेगा कि खाता किसके नाम पर है। शक्तिकांत दास ने कहा, ‘उसी के अनुसार, आरटीजीएस और एनईएफटी में पैसा भेजने वाले को ट्रांसफर शुरू करने से पहले लाभार्थी खाताधारक के नाम को सत्यापित करने में सक्षम बनाने के लिए अब ‘बेनिफिशियरी अकाउंट नेम लुक-अप फैसिलिटी’ शुरू करने का प्रस्ताव है।
‘धोखाधड़ी की आशंका होगी कम
दास ने आगे बताया कि यह सुविधा ग्राहकों का भरोसा बढ़ाएगी और गलत ट्रांसफर और धोखाधड़ी की आशंका को कम करेगी। उन्होंने कहा, ‘पैसा भेजने वाले लाभार्थी का खाता नंबर और शाखा आईएफएससी कोड दर्ज कर सकते हैं। इसके बाद लाभार्थी का नाम दिखाई देगा। इस सुविधा से ग्राहकों का विश्वास बढ़ेगा क्योंकि इससे गलत क्रेडिट और धोखाधड़ी की आशंका कम हो जाएगी।’
इस बारे में विस्तृत दिशानिर्देश जल्द ही जारी किए जाएंगे। केंद्रीय बैंक ने बुधवार को अपनी प्रमुख ब्याज दर रेपो को यथावत बनाए रखा था। लेकिन, अपने अपेक्षाकृत आक्रामक रुख को ‘तटस्थ’ कर ब्याज दर में कटौती की दिशा में पहला कदम उठा लिया है।