गर्ग परिवार ने गया में किया पिण्डदान त्रयोदशी को मनाई गई पितरों की देव दीवाली…

गर्ग परिवार ने गया में किया पिण्डदान त्रयोदशी को मनाई गई पितरों की देव दीवाली…

खरसिया, गया। गर्ग परिवार (मांढीवाल) ने ज्ञान और मोक्ष की भूमि गया में अपने पितरों के पिंडदान और तर्पण किया, त्रयोदशी की शाम को गया के विष्णु पद मंदिर और फल्गु नदी के किनारे देव दीवाली मनाई गई।
गौरतलब है कि धर्म नगरी खरसिया में 17 सितंबर से 23 सितंबर तक कन्या विवाह भवन में पूज्य अंकुश तिवारी जी महाराज के श्रीमुख से भागवत कथा का रसास्वादन कर गर्ग परिवार (मांढीवाल) अपने पितरों के साथ प्रयागराज, बनारस होते हुए ज्ञान और मोक्ष की भूमि गया पहुंचे तथा अपने पूर्वजों के पिंडदान तथा तर्पण किया। इसी तारतम्य में त्रयोदशी को पंडित के.के. मिश्रा के साथ समस्त गर्ग परिवार (मांढीवाल) ने गया के प्रसिद्ध विष्णु पद मंदिर तथा फल्गु नदी के घाट पर दीये जलाकर देव दीवाली मनाई गई।

प्रतिवर्ष होता है त्रिपक्षीय मेले का आयोजन
ज्ञान और मोक्ष की भूमि गया में प्रतिवर्ष भाद्रपद, पूर्णिमा से लेक़र आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तक पितरों का तर्पण तथा पिण्डदान किया जाता है। तीनों पक्षों में लोग अपने पूर्वजों को मोक्ष दिलाने के लिए उनका तर्पण एवम पिण्डदान करते है।

विदेशी भी गया में जाकर कर रहे पिंडदान

मोक्ष दिलाने के लिए गया दुनिया भर में प्रसिद्ध है, इसके प्रति हिंदुओं की आस्था तो है ही अन्य धर्म को मानने वाले भी पूर्वजों की मोक्ष की कामना को लेकर पितृ पक्ष में गया आते हैं। इसी क्रम में बुधवार को जर्मनी से एक दर्जन श्रद्धालु भी अपने पूर्वजों के पिंडदान और तर्पण करने गया पहुंचे। पिंडदान कर रहे विदेशी श्रद्धालु ने कहा कि धर्मगुरु नताशा सपरो से प्रेरित होकर कर्मकांड करने के लिए सात समुंदर पार से गया में आये हैं।

आप भी ई-पिंडदान से पूर्वजों को कर सकते हैं तृप्त

पितरों की आत्मा की शांति के लिए अगर आप किसी कारणवश गया नहीं आ सकते हैं तो चिंता मत कीजिए। बिहार सरकार की ओर से आपके लिए विशेष सुविधा दी गई है। आप घर बैठे ऑनलाइन पिंडदान करा सकते हैं। बिहार राज्य पर्यटन निगम की ओर से इसके लिए व्यवस्था कर दी गई है. महज 23 हजार रुपए खर्च करके आप ई-पिंडदान के जरिए आप अपने पितरों की पूजा कर सकते हैं। यह राशि एकमुश्त जमा करना होगा, इसके बाद गया के पुरोहित विष्णुपद मंदिर, अक्षयवट और फल्गु नदी पर पिंडदान करवाएंगे. मंत्रोचार, दान-दक्षिणा और पूजा सामग्री समेत सारे विधि-विधान ऑनलाइन होंगे। इतना ही नहीं गया के पुरोहित पिंडदान का संपूर्ण वीडियो रिकॉर्डिंग भी करवाएंगे। इसे पेन ड्राइव में सेव कर यजमान को उपलब्ध करवाया जाएगा। ई-पिंडदान के लिए राशि आप BDTDC के ट्रेवल ट्रेड अकाउंट पर जमा करवा सकते हैं। बिहार राज्य पर्यटन निगम की वेबसाइट पर सारी जानकारी उपलब्ध है। यहां जाकर ई-पिंडदान के लिए बुकिंग करवाया जा सकता है। इस बार 14 अक्टूबर तक पितृपक्ष मेला का आयोजन होगा।

Sunil Agrawal

Chief Editor - Pragya36garh.in, Mob. - 9425271222

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